Dhanteras 2025: आज के दिन अवश्य जलाएं सिर्फ एक दीया... टल जाएगी अकाल मृत्यु! जानें इसका महत्व

Dhanteras 2025: आज 18 अक्टूबर 2025 को धनतेरस का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। आपको आज के दिन कुछ खास तरह के उपाय करना चाहिए जिससे आपकी अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।

Priya Singh Bisen
Published on: 18 Oct 2025 11:06 AM IST
Dhanteras 2025
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Dhanteras 2025 (photo: social media)

Dhanteras 2025: आज शनिवार यानी 18 अक्टूबर 2025, पूरे देश में धनतेरस के त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस शुभ दिन पर लोग सोना-चांदी, बर्तन और इलेक्ट्रिक सामान खरीदते हैं। ये बात तो सभी को पता है कि धनतेरस के दिन क्या खरीदें और क्या नहीं खरीदें। लेकिन धनतेरस के दिन क्या करना चाहिए? ये शायद... बहुत कम लोग ही जानते होंगे। आज हम आपको धनतेरस से जुडे़ कुछ ऐसे क्जस उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे करने से किसी भी व्यक्ति के अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है।

धनतेरस पर यम दीप जलाने की प्राचीन परंपरा है

धनतेरस की रात्रि के समय में दीप जलाने की परंपरा सदियों पहले से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि, धनतेरस की रात में घर के बाहर दीप जलाने से अकाल मृत्यु से सकत पूरी तरह से ख़त्म हो जाता है। इसके अलावा मृत्यु के देवता यमराज भी बहुत खुश होते हैं।

धनतेरस पर दक्षिण दिशा का होता है ख़ास महत्व

धनतेरस की रात्रि में दीप को घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखना चाहिए, क्योंकि यह दिशा यमराज की दिशा के रूप में जानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा मे दिया जलाकर रखने से घर के सदस्यों को दीर्घायु, शांति और दैवीय सुरक्षा प्राप्त होती है।

इस साल धनतेरस का पवित्र दीपक 18 अक्टूबर 2025 की शाम 5:48 मिनट से 7 बजकर 5 मिनट पर करें। इस दीपक को घर की पवित्र खिड़की पर रखने से यमराज की कृपा और आशीर्वाद दोनों प्राप्त होता है।

हिन्दू धर्म में पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में हेम नामक एक राजा को एक पुत्र की प्राप्ति हुई थी, जिसकी कुंडली में भविष्यवाणी हुई थी कि, उसकी मृत्यु शादी के चौथे दिन ही हो जाएगी। लेकिन जब भगवान यमराज उनके प्राण हरने आए तो धनतेरस की रात्रि में उनके नाम पर जलाए गए अनगिनत दीयों की रोशनी ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। तब से अकाल मृत्यु से बचने के लिए यम दीपक जलाना एक पवित्र रिवाज के रूप में जाना जाने लगा।

यम दीपक के लिए चौमुखी आटा दीया का ही प्रयोग करें। यदि आप आटे का दीया प्रयोग कर रहे हैं तो उसमें रोली की बत्ती का इस्तेमाल करें। शाम को घर में दीपक जलाने के बाद मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की तरफ गई मुंह करके गेहूं या मुरमुरे (खील) के ढेर पर दीया रखें। यम दीपक को जलाते वक़्त पवित्र मंत्र, ओम् सूर्य-पुत्रये विद्महे महाकालये, धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात् मंत्र का जाप अवश्य करें।

धनतेरस के दिन इन चीजों को दान न करें

धनतेरस के दिन धन या सिक्के का दान नहीं करना चाहिए, क्योंकि धन ईश्वर की दिव्य ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा तेल और घी पवित्रता, रोशनी और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

Disclaimer: यहां दी गयी जानकारी केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना आवश्यक है कि Newstrack.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

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