Aaj Hai Janmashtami 2022 : जन्माष्टमी व्रत आज या कल कब रखें, यहां जानिए सही तारीख, मुहूर्त और श्री कृष्ण का भोग, जो करेगा भाग्योदय

Janmashtami 2022 Aaj : इस बार जन्माष्टमी पर अच्छे संयोग बन रहे हैं।साथ जन्माष्टमी को लेकर जो भी उलझन थी उस विद्धानों ने सुलझा दिया है। शास्त्र सम्मत इस दिन जन्माष्टमी की तिथि निर्धारित की गई है, यहां इसकी पूरी जानकारी और राशि के अनुसार कृष्ण के भोग के बारे मेंं बताया जा रहा है।.

Suman  Mishra
Written By Suman Mishra
Published on: 19 Aug 2022 6:45 AM IST (Updated on: 19 Aug 2022 8:17 AM IST)
Janmashtami 2022  Aaj  ya Kal
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Janmashtami 2022 Aaj ya Kal

जन्माष्टमी 2022 डेट आज या कल

जन्माष्टमी 19 अगस्त को कृष्ण की नगरी समेत पूरे देश में मनाई जायेगी। इस दिन विद्वानों ने जन्माष्टमी व्रत रखना उचित माना है। भगवान विष्णु (lord Vishnu) के आठवें अवतार कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के अष्टमी को हुआ था। इस दिन जन्माष्टमी कहते हैं। इस साल 18 -19अगस्त 2022, गुरुवार को जन्माष्टमी है। अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम 09. 21 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 19 अगस्त को रात 10 .59 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी में एक खास योग वृद्धि योग बन रहा है।इस बार जन्माष्टमी का व्रत 18 -19अगस्त को रखना है।

श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था। द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने असुरों और मामा कंस के आतंक से जन मानस को बचाने के लिए अवतार लिया था। इस साल 2022 में जन्माष्टमी का त्योहार 18 अगस्त को है।

कृष्ण जन्माष्टमी का 18 अगस्त शुभ मुहूर्त

  • भाद्र मास के दिन कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यदि रोहिणी नक्षत्र लगता है तो वह और भी भाग्यशाली माना जाता है। जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी के दिन का शुभ मुहूर्त
  • अष्टमी तिथि का आरंभ – 09:21 PM 18 अगस्त से
  • अष्टमी तिथि का समाप्त –10:59 PM 19 अगस्त तक
  • कृत्तिका नक्षत्र- कृत्तिका - 1:35 PM 18 अगस्त से 20 01:53 AM
  • रोहिणी नक्षत्र -कृत्तिका 01:53 AM तक उपरांत रोहिणी
  • निशिता काल पूजा– 11:40 PM से 12:24 AM, 19 अगस्त
  • निशीथ पूजा मुहूर्त :24:03:00 से 24:46:42 तक अवधि :0 घंटे 43 मिनट

  • जन्माष्टमी पारणा मुहूर्त :19 अगस्त को रात 10. 59 मिनट के बाद होगा, 05:52 के बाद 20, अगस्त ।
  • अभिजीत मुहूर्त -12.05PM से 12.56 PM
  • अमृत काल – 06:28 PM से 08:10 PM
  • ब्रह्म मुहूर्त – 04:05 AM से 04:49 AM
  • विजय मुहूर्त-02:11 PM से 03:03 PM
  • गोधूलि बेला-06:18 PM से 06:42 PM
  • रवि योग –05:33 AM से 11:35 PM
  • वृद्धि योग-08:56 PM से 08:41 PM 18 अगस्त से
  • ध्रुव योग- 18 अगस्त से 08:41 PM से 08:59 PM 19 अगस्त तक
  • जन्माष्टमी का 19 अगस्त शुभ मुहूर्त

    19 अगस्त को कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि 10:59 PM तक फिर नवमी

    कृत्तिका 01:53 AM तक फिर रोहिणी

    चन्द्रमा वृषभ राशि पर संचार करेगा

    अभिजीत मुहूर्त-12:05 PM से 12:56 PM

    अमृत काल- - 11:15 PMसे 01:01 AM

    ब्रह्म मुहूर्त-04:32 AM से 05:19 AM

  • 118 या 19 अगस्त जन्माष्टमी पर नहीं है रोहिणी नक्षत्र

    बता दें इस बार जन्माष्टमी का18 अगस्त, गुरुवार को मनाया जाएगा। रोहिणी नक्षत्र के बिना जन्माष्टमी मनाया जाएगा। क्योंकि इस दिन भरणी नक्षत्र रात्रि 11.35 मिनट तक रहेगा। इसके बाद कृत्तिका नक्षत्र शुरू होगा।जन्माष्टमी पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त दोपहर 12.05 से 12.56 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में रहेगा। 18 अगस्त रात 08.41 से 19 अगस्त रात 08.59 मिनट तक ध्रुव योग रहेगा। वृद्धि योग 17 अगस्त को 08.56 PM से अगले दिन 18 अगस्त को रात 08.41 मिनट तक रहेगा।

जन्माष्टमी की पूजा - विधि

जन्माष्टमी के दिन कृष्ण के बाल रुप की माखन, मिश्री, गंगाजल पंचामृत से पूजा की जाती है और व्रत-उपवास कर श्रीकृष्ण से धर्म के मार्ग पर चलने की कामना की जाती है।. इस व्रत में अष्टमी के उपवास से पूजन और नवमी के पारणा से व्रत की पूर्ति होती है। इस व्रत को करने वाले को चाहिए कि व्रत से एक दिन पूर्व (सप्तमी को) हल्का तथा सात्विक भोजन करें। रात्रि को स्त्री संग से वंचित रहें और सभी ओर से मन और इंद्रियों को काबू में रखें। उपवास वाले दिन प्रातः स्नानादि से निवृत होकर सभी देवताओं को नमस्कार करके पूर्व या उत्तर को मुख करके बैठें। हाथ में जल, फल और पुष्प लेकर संकल्प करके मध्यान्ह के समय काले तिलों के जल से स्नान (छिड़ककर) कर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएँ। अब इस सूतिका गृह में सुन्दर बिछौना बिछाकर उस पर शुभ कलश स्थापित करें। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण जी को स्तनपान कराती माता देवकी जी की मूर्ति या सुन्दर चित्र की स्थापना करें। पूजन में देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी इन सबका नाम क्रमशः लेते हुए विधिवत पूजन करें। यह व्रत रात्रि बारह बजे के बाद ही खोला जाता है। इस व्रत में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता। फलहार के रूप में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, मावे की बर्फ़ी और सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाया जाता है।


जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को भोग

जन्माष्टमी पर राशि अनुसार भोग जन्माष्टमी के दिन मान्यता है कि लोग कृष्ण कन्हैया को छप्पन भोग चढ़ाते हैं। लेकिन भगवान कृष्ण को सबसे अधिक पसंद माखन मिश्री, पंचामृत और पंजीरी होती है। कहते हैं कि भगवान कृष्ण को जो प्रसाद चढ़ाया जाता है उस भोग को बाल भोग कहा जाता है। कहा जाता है कि परिवार की सुख शांति के लिए श्रीकृष्ण के समक्ष सच्चे ह्रदय से जो मांगे वो पूरा होगा।

दूध से भगवान कृष्ण की पूजा: मेष इस राशि के जातक के पंचामृत से श्रीकृष्ण की उपासना करें तो लाभ होगा। जातक के हर काम पूरे होंगे और प्रेम संबंधों में चल रही परेशानी दूर होंगी। गाय के दूध से भगवान कृष्ण की पूजा करें।

सफेद मक्खन का भोगछ: वृषभ राशि इस राशि के जातकों के जीवन में सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी । इस राशि के जातक कृष्ण भगवान को सफेद मक्खन का भोग जरूर लगाएं। श्रीकृष्ण को सफेद रंग काफी प्रिय है और राशि के स्वामी शुक्र भी इस रंग से काफी प्रसन्न होते हैं।

भगवान कृष्ण को मिश्री का भोग: मिथुन इस राशि के जातक के मन में चल रही हर इच्छाएं पूर्ण होंगी सभी काम पूरे होंगे। जातक भगवान कृष्ण को मिश्री का भोग लगाएं। गन्ने के रस से प्रभु का अभिषेक कर सकते हैं।

दूध में तुलसी डालकर भगवान कृष्ण को भोग: कर्क इस राशि के जातक के जीवन में चल रही कठिनाइयां दूर होंगी। जातक दूध में तुलसी डालकर भगवान कृष्ण को भोग लगाएं। कच्चे दूध से भगवान कृष्ण का अभिषेक जरूर करें।

बर्फी का भोग: सिंह इस राशि के जातक के शादी की समस्या खत्म होगी। वैवाहिक जीवन में खुशहाली आएगी। जन्माष्टमी के दिन जातक गुलाब के शरबत से भगवान का अभिषेक करें, श्रीकृष्ण को झूला जरूर झुलाएं और केसर की बर्फी का भोग लगाएं।

श्रीकृष्ण को लड्डू का भोग : कन्या जन्माष्टमी के दिन इस राशि के जातकों का भाग्योदय होगा। व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। श्रीकृष्ण को लड्डू का भोग लगाएं और गन्ने के रस से कान्हा का अभिषेक करें।

लस्सी से श्रीकृष्ण का अभिषेक : तुला इस राशि के भगवान कृष्ण को सफेद मक्खन का भोग लगाएं। लस्सी से श्रीकृष्ण का अभिषेक करें।जातक अगर जन्माष्टमी पर व्रत उपवास करते हैं तो धन संबंधी परेशानी दूर होंगी। रुपए-पैसों को लेकर चिंताएं दूर होंगी।

पंचामृत से अभिषेक : वृश्चिक इस राशि के जातक के जन्माष्टमी पर पूजा का शीघ्र पल मिलेगा। इस राशि के जातक भगवान कृष्ण को गाय के दूध से भोग लगाएं। पंचामृत से उनका अभिषेक करें।

बेसन की बर्फी का भोग: धनु इस राशि के जातकों को जन्माष्टमी के दिन शुभ समाचार मिलेंगे। अपनों से दूरी और वाद-विवाद खत्म हो सकता है। इस दिन जातक श्रीकृष्ण को बेसन की बर्फी का भोग जरूर लगाएं। हल्दी और दूध से बाल गोपाल का अभिषेक करें।

कृष्ण भगवान को झूला झुलाएं: मकर इस राशि के जातक जन्माष्टमी पर कृष्ण भगवान को झूला झुलाएं। गंगाजल से कृष्ण का अभिषेक करें। पढ़ाई-लिखाई में बेहतर करेंगे। एकाग्रता बढ़ेगी और करियर में तरक्की मिलेगी।

देशी घी की मिठाई से कन्हैया को भोग : कुंभ इस राशि की जातक जन्माष्टमी पर देशी घी की मिठाई से कन्हैया को भोग लगाएं। पंचामृत से उनका अभिषेक करना ना भूले। घर में खुशहाली आएगी। घर के सदस्यों का भाग्योदय होग।

व्यापार में सफलता मिलेगी : मीन इस राशि के जातक जन्माष्टमी पर बेसन की बर्फी से श्रीकृष्ण को भोग लगाएं। केसर युक्त दूध से उनका अभिषेक करें। व्यापार में सफलता मिलेगी और बड़े कष्ट दूर होंगे।


Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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