Jyeshtha Vat Purnima 2022 Aaj: ज्येष्ठ वट पूर्णिमा आज है, जानिए क्यों है खास और इस दिन किए जाने वाले चमत्कारी उपाय

Jyeshtha Vat Purnima 2022 Aaj: वट पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-दान, पूजा व्रत करने से सारे बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है। पूरे साल में 12 पूर्णिमा होती है। इसमें ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ शिव की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। महिलाओं को इस पूर्णिमा पर वट वृक्ष की पूजा करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए।

Suman  Mishra
Written By Suman Mishra
Published on: 14 Jun 2022 6:45 AM IST (Updated on: 14 Jun 2022 2:57 PM IST)
Jyeshth Purnima  Kab Hai 2022
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सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Jyeshtha Vat Purnima 2022 Aaj

ज्येष्ठ वट पूर्णिमा 2022 आज है

पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन स्नान-दान, पूजा व्रत करने से सारे बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है। पूरे साल में 12 पूर्णिमा होती है। इसमें ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ शिव की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। महिलाओं को इस पूर्णिमा पर वट वृक्ष की पूजा करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए। ज्येष्ठ माह ( Jyeshth Purnima 2022) में आने वाली पूर्णिमा का धर्मानुसार बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन को वट पूर्णिमा भी कहते हैं। इस बार यह पर्व 14 जून मंगलवार को है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान-पुण्य व व्रत से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है।

साथ ही इस दिन दान करने से पितरों का भी भला होता है और उन्हें मुक्ति मिलती है। इसलिए इस दिन ख़ास तौर पर महिलाओं को व्रत कर विशेष रूप से भगवान शंकर व भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिये।

भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत पूजा करने से से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उन्हें मुक्ति की प्राप्ति होती है। महिलाएं पूर्णिमा के दिन भगवान शंकर और भगवान विष्णु की पूजा पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पति की लंबी उम्र की कामना से वट वृक्ष यानी बरगद की पूजा और व्रत करती हैं। वट पूर्णिमा का व्रत वट सावित्री के व्रत की तरह ही रखा जाता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त (( Jyeshth Purnima 2022 Shubh Muhurat)

वट सावित्री पूर्णिमा: 14 जून -पूर्णिमा 05:21 PM तक उसके बाद प्रतिपदा

पूर्णिमा तिथि शुरू : 13 जून,2022 को 21:04:02 से

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 जून,2022 को 17:22:31 पर पूर्णिमा समाप्त

अभिजीत मुहूर्त-12:00 PM से 12:53 PM

अमृत काल - 10:47 AM से 12:12 PM

चंद्रोदय समय- शाम 07. 29 मिनट पर होगा

इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर साध्य और शुभ योग बन रहा है। साध्य योग सुबह 9. 40 मिनट तक है और फिर शुभ योग लग जाएगा। वहीं, सुबह 11. 54 मिनट से दोपहर 12.49 मिनट तक शुभ समय है। ज्योतिष अनुसार पूर्णिमा व्रत की पूजा प्रातः काल में की जाती है और रात के समय चंद्रमा की पूजा की जाती है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन हिंदू धर्मावलंबी गंगा जल लेकर अमरनाथ यात्रा के लिये निकलते हैं। जब धरती पर प्रचंड गर्मी रहती है और कई नदी व तालाब सूख जाते हैं या उनका जल स्तर कम हो जाता है। इसलिए इस महीने में जल का महत्व अन्य महीनों की तुलना में ज्यादा रहता है।इसीलिए ऋषि-मुनियों ने ज्येष्ठ माह में आने वाले इन त्योहारों जैसे- गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी के माध्यम से संदेश दिया है कि जल के महत्व को पहचानें और इसका सदुपयोग करें।

कहते हैं कि जिन लोगों की शादी में विलंब होता है या शादी तय होकर टल जाती है तो उन जातकों को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर पूजा और भगवान शिव का जलाभिषेक करवाना चाहिए।इसी दिन लोग धार्मिक यात्रा पर निकलते है। खासकर अमरनाथ यात्रा करने के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा खास दिन होता है।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर फलदायी चमत्कारी उपाय

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। इसमें भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए यदि कोई व्यक्ति एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करता है तो इससे उस व्यक्ति को रुका हुआ धन प्राप्‍त होगा और उसे बिज़नेस में भी लाभ मिलेगा।

इस दिन पति-पत्नी को चंद्र देव को दूध से अर्ध्य देना चाहिए। इससे उनके जीवन में आ रही हर छोटी-बड़ी समस्या दूर हो जाती है।

आज की रात यदि कोई किसी कुएं में एक चम्‍मच से दूध डालता है तो उसका भाग्‍य चमक जाता है। साथ ही यदि उसे किसी भी जरूरी कार्य में कोई बाधा आ रही होती है तो वो भी तुरंत दूर हो जाती है।

यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में कोई ग्रह दोष है तो उसे दूर करने के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करना सबसे बेहतर होगा।

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्‍मी की तस्वीर पर 11 कौड़ियां चढ़ा कर उस पर हल्‍दी से तिलक लगाना चाहिए। इसके पश्चात अगली सुबह इन्‍हें किसी लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।

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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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