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Divya Dhanush: जानिए, किसके पास था कौन-सा दिव्य धनुष
Divya Dhanush: पिनाक को अजगव भी कहा गया है। शिव जी के पास और भी कई धनुष थे। त्रिपुरांतक धनुष से उन्होंने मयासुर द्वारा बनाए त्रिपुर को नष्ट किया था। शिव जी के पास रुद्र नामक एक और धनुष का उल्लेख भी मिलता है जिसे बाद में भगवान बलराम ने प्राप्त किया था।
1. भगवान शिव– पिनाक धनुष शिव जी को अर्पित किया गया था। पिनाक को अजगव भी कहा गया है।शिव जी के पास और भी कई धनुष थे। त्रिपुरांतक धनुष से उन्होंने मयासुर द्वारा बनाए त्रिपुर को नष्ट किया था। शिव जी के पास रुद्र नामक एक और धनुष का उल्लेख भी मिलता है जिसे बाद में भगवान बलराम ने प्राप्त किया था।
2. भगवान विष्णु– शांर्डग्य (शारंग) धनुष विष्णु जी को अर्पित किया गया था जिसे उन्होंने धारण किया। इसे शर्ख के नाम से भी जाना गया। यह धनुष भगवान परशुराम और योगेश्वर श्री कृष्ण ने प्राप्त किया था।
3. भगवान ब्रह्मा– भगवान ब्रह्मा को गांडिव धनुष अर्पित किया गया था। जिसे अग्निदेव, दैत्यराज वृषपर्वा और अंत में सव्यसांची अर्जुन ने प्राप्त किया।
4. परशुराम – परशुराम जी के पास अनेक धनुष थे। उन्होंने अपने गुरु महादेव से पिनाक, भगवान विष्णु से शांर्डग्य (शारंग) और देवराज इंद्र से विजय नामक धनुष प्राप्त किया था। यह विजय धनुष उन्होंने अपने शिष्य कर्ण को दिया था।
5. प्रभु श्री राम:- भगवान राम जिस धनुष को धारण करते थे उसका नाम कोदण्ड था। रामचरित मानस में प्रभु के धनुष को सारंग भी कहा गया है, परंतु वह धनुष शब्द का पर्यायवाची शब्द सारंग है ना कि विष्णु जी का धनुष शांर्डग्य।
6. लंकापति रावण:- रावण के पास पौलत्स्य नामक धनुष था। जिसे द्वापर युग में घटोत्कच ने प्राप्त किया था। एक समय पर रावण ने शिव जी से पिनाक भी प्राप्त किया था, परंतु उसे धारण नहीं कर पाया।
7. श्री कृष्ण– योगेश्वर श्री कृष्ण का मुख्य आयुध सुदर्शन चक्र था परंतु उन्होंने भी शांर्डग्य (शारंग) धनुष को धारण किया था।
8. बलराम– बल दऊ के धनुष का नाम रुद्र था जो उन्होने भगवान शिव से प्राप्त किया था।
9. भगवान कार्तिकेय :- इन्होंने अपने पिता भगवान शिव के धनुष पिनाक को धारण किया था।
10. देवराज इंद्र:- इंद्रदेव ने विजय नामक धनुष को धारण किया जिसे उन्होंने भगवान परशुराम जी को दे दिया।
11. कामदेव:- कामदेव ने ईख (गन्ने) की छड़ी पर मधुमक्खी के तार से बनी प्रत्यंचा से तैय्यार पुष्पधनु नामक धनुष को धारण किया था।
12. युधिष्ठिर :- युधिष्ठिर जी ने महेंद्र नामक धनुष को धारण किया था।
13. भीम:- भीमसेन ने वायुदेव से प्राप्त वायव्य धनुष को धारण किया था।
14. कौन्तेय अर्जुन– अर्जुन ने ब्रह्मा जी के धनुष गांडिव को धारण किया था। जिसे उसने खांडवप्रस्थ में मयदानव से प्राप्त किया था।
15. नकुल– नकुल ने भगवान विष्णु से प्राप्त वैष्णव धनुष को धारण किया था।
16. सहदेव– सहदेव ने अश्विनी कुमारों से प्राप्त अश्विनी नामक धनुष को धारण किया था।
17. कर्ण– कर्ण ने अपने गुरु भगवान परशुराम से देवराज इंद्र का विजय धनुष प्राप्त किया था। इंद्रदेव की उपासना कर कर्ण ने अमोघास्त्र भी प्राप्त किया था।
18. अभिमन्यु– अभिमन्यु ने अपने गुरु और मामा भगवान बलराम से भगवान शिव का धनुष रुद्र प्राप्त किया था।
19. घटोत्कच– घटोत्कच ने लंकापति रावण का धनुष पौलत्स्य प्राप्त किया। (उप पाण्डव:- पाण्डवों और द्रौपदी से उत्पन्न पुत्रों को उप पाण्डव कहा गया)
20. प्रतिविंध्य– युधिष्ठिर के इस पुत्र ने रौद्र नामक धनुष का प्रयोग किया।
21. सूतसोम– भीमसेन के इस पुत्र ने आग्नेय नामक धनुष प्राप्त किया।
22. श्रुतकर्मा– अर्जुन के इस पुत्र ने कावेरी धनुष का प्रयोग किया।
23. शतनिक– नकुल के इस पुत्र को यम्या धनुष प्राप्त हुआ।
24. श्रुतसेन– सहदेव के पुत्र ने गिरिषा धनुष का प्रयोग किया।
कुरुवंश के कुल गुरु
25. द्रोणाचार्य– आचार्य द्रोण ने महर्षि अंगिरस से प्राप्त आंगिरस धनुष प्रयोग किया।
(साभार मानिक सनातनी)
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