Magh Purnima 2022 Kab Hai: कब है माघ पूर्णिमा, जानिए इस दिन कब से कब तक रहेगा शुभ मुहूर्त, योग और स्नान का महत्व

Magh Purnima 2022 Kab Hai:हिंदू धर्म में माघ माह (Magh Maah)का विशेष महत्व है। इस माह में लोग कल्पवास करते हैं। पूरे माह स्नान का विशेष महत्व है। खासकर माघ माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है । इस बार माघ पूर्णिमा 16 फरवरी को है। कहते हैं कि माघ माह और माघ पूर्णिमा के दिन स्नान दान करने से सुख-सौभाग्य, धन वैभव व समृद्धि बढ़ती है।

Suman  Mishra
Published By Suman Mishra
Published on: 16 Feb 2022 9:00 AM IST (Updated on: 16 Feb 2022 10:35 AM IST)
Magh Purnima Kab Hai
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Magh Purnima 2022 Kab Hai

माघ पूर्णिमा 2022 कब है: हिंदू धर्म में माघ माह (Magh Maah)का विशेष महत्व है। इस माह में लोग कल्पवास करते हैं। पूरे माह स्नान का विशेष महत्व है। खासकर माघ माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है । इस बार माघ पूर्णिमा 16 फरवरी को है। कहते हैं कि माघ माह और माघ पूर्णिमा के दिन स्नान दान करने से सुख-सौभाग्य, धन वैभव व समृद्धि बढ़ती है।

माघ पूर्णिमा ( Magh Purnima)तिथि 16 फरवरी को सुबह 9 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर 16 फरवरी को रात में 10 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन लोग प्रातःकाल गंगा समेत पवित्र नदियों स्नान करते है।


माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

  • माघ पूर्णिमा की तिथि- 16 फरवरी।
  • पूर्णिमा तिथि आरंभ- रात 21.45 से आरंभ( 15 फरवरी)
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त- रात 22.25 से आरंभ( 16 फरवरी)
  • इस बार माघ पूर्णिमा के दिन शोभन योग और नक्षत्र अश्लेषा व मघा पड़ रहा है। माघ पूर्णिमा का ये शोभन योग रात 08 बजकर 44 मिनट तक रहने वाला है। ये योग मांगलिक कार्यों और नए कार्यों के लिए शुभ होता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त नही रहेगा।

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

माघ पूर्णिमा व्रत और महत्व

कहते हैं कि माघ माह में देवता पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके संगम में स्नान, दान करते हैं। इसलिए इस दिन संगम में गंगा स्नान करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि माघ पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन रात में चंद्रमा के दर्शन करने का भी खास महत्व होता है। इस दिन व्रत रखने वालों को चंद्रमा के दर्शन के बाद भी व्रत खोलना चाहिए। इसके अलावा इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा से कुंडली में चंद्रमा का दोष दूर होता है। इस रात धन एवं वैभव की देवी माता लक्ष्मी की भी पूजा करने की परंपरा है। अगर आप इस दिन मां को खुश करना चाहते हैं तो खास रूप से माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।

कोरोना की वजह से इस बार नदियों में स्नान करने से बचें। आप घर पर ही गंगाजल के पानी से स्नान कर भगवान को 'ॐ नमो नारायणाय' मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें। इसके लिए सूर्य के सन्मुख खड़े होकर जल में तिल डालकर उसका तर्पण करें। भगवान नारायण की पूजा चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि अर्पित करें। अंत में आरती-प्रार्थना कर पूजा संपन्न करें। इसके बाद जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें। इस दिन घर पर सत्यनारायण भगवान की पूजा करवानी चाहिए। लेकिन इस दिन कुछ काम नहीं करने चाहिए। इस दिन अधिक जोर से बोलना, घर में झगड़ा या फिर चीखना चिल्लाना करने से दूर रहना चाहिए। साथ ही साथ बड़े बुजुर्गों का अपमान ना करें। नशा मदिरा मांस से दूर रहना चाहिए। सद्कर्म पर चलना चाहिए।


Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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