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Makar Sankranti ka Daan: मकर संक्रांति पर करें ये चीजें दान, होगा हर दोष का नाश, आपको है असमंजस तो यहां लेंं जानकारी
Makar Sankranti ka Daan : मकर संक्रांति के दिन सूर्य न केवल राशि परिवर्तन करते हैं बल्कि जीवन में चेतना का संचार करते हैं।इस दिन को देश के अलग अलग भागों अलग नामों से जाना जाता है।इस दिन स्नान दान का अपना महत्व है जानते हैं कैसे....
सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया
Makar Sankranti ka Daan
मकर संक्रांति का दान
मकर संक्रांति के पर्व को सूर्य के राशि परिवर्तन के रूप में जाना जाता है। मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। इसलिए मकर संक्रांति को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहा जाता है। मकर संक्रांति के दिन स्नान और तिल के दान करने से शनि के कुप्रभाव कम होते हैं। इस दिन तिल के सेवन से पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मकर संक्रांति के दिन तिल मिश्रित जल के स्नान करने से विभिन्न रोगों का नाश होता है। ऐसी मान्यता है कि माघ मास में तिल और जल मिलाकर भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन के समस्त कष्टों का नाश हो जाता है। साथ ही राहु और शनि के दोष का भी नाश होता है। इसके अलावे भी तिल का अत्यधिक महत्व है।
मकर संक्रांति का दिन दान-पुण्य के लिए सर्वश्रेष्ठ रहता है। इस दिन दिए गए दान की बड़ी महिमा बताई गयी है। वैसे तो आप इस दिन कुछ भी दान करें आपको उसका फल अवश्य मिलेगा, लेकिन यदि आप अपनी राशि अनुसार चीज़ें दान करेंगे तो आप को सर्वाधिक फल प्राप्त होगा।
राशि अनुसार मकर संक्रांति का करें दान
- मेष राशि के लोगों के लिए गुड़, चिक्की, तिल का दान सर्वश्रेष्ठ रहता है।
- वृषभ राशि के लोगों के लिए सफेद कपड़े और सफेद तिल का दान सर्वश्रेष्ठ रहता है।
- मिथुन राशि के लोग के लिए मूंग दाल, चावल और कंबल का दान सर्वश्रेष्ठ रहता है।
- कर्क राशि के लोगों के लिए चांदी, चावल और सफेद वस्त्र का दान सर्वश्रेष्ठ रहता है।
- सिंह राशि के लोगों को तांबा और सोने के मोती का दान करना चाहिए।
- कन्या राशि के लोगों को चावल, हरे मूंग या हरे कपड़े का दान करना चाहिए।
- तुला राशि के लोगों को चीनी या कंबल का दान करना चाहिए।
- वृश्चिक राशि के लोगों को मूंगा, लाल कपड़ा और काला तिल दान करना चाहिए।
- धनु राशि के लोगों को वस्त्र, चावल, तिल और गुड़ का दान करना चाहिए।
- मकर राशि के लोगों को गुड़, चावल और तिल दान करना चाहिए।
- कुंभ राशि के लोगों को काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी और तिल का दान करना चाहिए।
- मीन राशि के लोगों को रेशमी कपड़ा, चने की दाल, चावल और तिल का दान करना चाहिए।
मकर संक्रांति के कई नाम
देश के हर कोने में सूर्य के उत्तरायण होने और राशि परिवर्तन का जश्न मनाया जाता है। जो अलग अलग नामों से जाना है...
- उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इस दिन सुहागिन लड़की के घर उसके माता-पिता खिचड़ी के सारे सामान, दाल, चावल, तेल, सब्जी, नमक, हल्दी और सुहागन की सारी सामग्री बेटी को देते हैं। इस दिन खिचड़ी खाना या दान करना अच्छा माना जाता है।
- पश्चिम बंगाल : हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है।
- असम : भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है।
- महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में मकर संक्रांत बहुत महत्व त्यौहार माना जाता है। इस दिन सुहागन औरतें, नमक, कपास और नमक आदि चींजे दूसरी औरतों को दान करती है। वैसे तो शास्त्रों में काला रंग अशुभ होता है लेकिन इस दिन महाराष्ट्र वासी काले कपडे पहनते है क्योंकि काले रंग से गर्मी मिलती है। इस दिन तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर सगे-सम्बन्धी में बाटा जाता है। लड्डू देते समय कहते है, 'तिल गुल घ्या आणि गोड़ गोड़ बोला" यानी तिलगुल लो और मीठा वाणी बोलो।
- आंध्रप्रदेश : संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है।
- गुजरात और राजस्थान : उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है। सभी परिवार और दोस्त मिलकर इस त्यौहार का आनंद उठाते है। पूरा दिन छत पर पतंग उड़ाते हैं और वहीँ साथ में भोजन आदि करते है।
- तमिलनाडु : किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है। भगवान् के सामने सारे अनाज प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। लोग नए कपडे पेहेनते है। घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है।
- पंजाब : एक दिन पूर्व लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। धूमधाम के साथ समारोहों का आयोजन किया जाता है। नाच गान किया जाता है। पूरा गांव इकट्ठा होकर इस जश्न मनाते हैं। इस दिन शादी का प्रस्तव भी दिया जाता है। इस दिन नए अनाज भी बोया जाता है।
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