बदल जाएगी किस्मत! सुबह इन कामों से करें शुरुआत,हमेशा रहेंगे खुशहाल

Morning Mantra क्या आप जानते हैं कि सिर्फ सुबह के कुछ पल भगवान को समर्पित करने से आपका दिन बदल सकता है?हर दिन की शुरुआत भगवान को समर्पित करके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति लाता है।

Suman  Mishra
Published on: 16 Sept 2025 8:14 AM IST
बदल जाएगी किस्मत! सुबह इन कामों से करें शुरुआत,हमेशा रहेंगे खुशहाल
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Morning Mantra मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा का होना जरूरी है। हर दिन की शुरुआत ईश्वर की आराधना करने का महत्व मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए जरूरी है। सुबह का कुछ समय भगवान को समर्पित करना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। यह केवल भगवान की स्तुति या भक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे मन, शरीर और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का माध्यम भी है।

धर्मशास्त्रों में पूजा-पाठ को केवल भगवान को प्रसन्न करने का उपाय नहीं माना गया है। यह हमारे मन की शांति और जीवन में संतुलन बनाए रखने का साधन है। पूजा-पाठ के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा बढने के साथ नकारात्मक शक्तियाँ और तनाव दूर करते हैं। लेकिन पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

सुबह का प्रणाम – सकारात्मक ऊर्जा का पहला कदम

भगवान के सामने या पूजा हवन में शामिल होते समय हमेशा हाथों को मजबूती के साथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए। यह न केवल सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि आप पूरी ऊर्जा और श्रद्धा के साथ भगवान का आभार व्यक्त कर रहे हैं। प्रणाम करने के बाद दोनों हाथों को माथे पर लगाने की परंपरा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे मन और चित्त में ध्यान और शांति का संचार होता है। यह एक सरल, लेकिन प्रभावशाली तरीका है अपने भीतर की सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय करने का।

सुबह की जप की शक्ति

सुबह जाप करते समय या माला फेरते समय अक्सर लोग जीभ या होठों को हिला देते हैं। लेकिन धर्मशास्त्रों में इसका सही तरीका उपांशु जप करना बताया गया है। इसका अर्थ है कि जप केवल मन-मन में किया जाए, बिना किसी शाब्दिक उच्चारण के। उपांशु जप के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा हमारे पूरे शरीर में संचारित होती है और चित्त शांत रहता है। यह मानसिक तनाव को कम करने और ध्यान केंद्रित करने का एक सशक्त तरीका है।

सुबह तुलसी पूजा नियमों का ध्यान

तुलसी का पौधा हमारे घर में अत्यंत शुभ माना जाता है। तुलसी तोड़ते समय ध्यान रखें कि आप नहाए हुए ही तुलसी तोड़ें और नाखून का उपयोग बिल्कुल न करें। इससे तुलसी और आपके मन में पवित्रता बनी रहती है। साथ ही, तुलसी तोड़ने के लिए विशेष दिन जैसे संक्रांति, द्वादशी, अमावस्या, पूर्णिमा और रविवार से परहेज करना चाहिए। यह केवल परंपरा नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी उचित माना गया है, क्योंकि इन दिनों तुलसी में प्राकृतिक ऊर्जा का संचार अधिक होता है।

सुबह पीपल पूजा

पीपल का पेड़ भी धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है। पीपल पर हमेशा जल चढ़ाना आवश्यक नहीं है। विशेष रूप से शनिवार के दिन पीपल की जड़ों को सींचना चाहिए और उसकी पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही, पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इससे न केवल वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि घर में समृद्धि और सुख-शांति भी बनी रहती है।

जानवरों पर करुणा और दया

जानवरों के प्रति दया और करुणा रखना भी पूजा-पाठ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जानवर ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होते हैं क्योंकि वे छल-कपट से दूर रहते हैं। पूजा के बाद जानवरों को प्रसाद देना चाहिए। इसके अलावा, उनकी देखभाल करना जैसे सर्दी में बिछौना देना, बारिश में शरण देना या भोजन की व्यवस्था करना, जीवन में दया और करुणा का संदेश फैलाता है। इस तरह से हम न केवल अपने कर्म सुधारते हैं बल्कि ईश्वर की कृपा भी प्राप्त करते हैं।

पूजा-पाठ में नियमों का पालन

पूजा करते समय केवल विधि का पालन ही नहीं, बल्कि आचरण और नीयत भी महत्वपूर्ण होती है। हाथ जोड़कर प्रणाम करना, माला फेरते समय उपांशु जप करना, तुलसी और पीपल की पूजा नियमों के अनुसार करना, और जानवरों के प्रति दया रखना – ये सभी उपाय हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। जब हम इन बातों का पालन करते हैं, तो पूजा सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं रह जाती, बल्कि यह हमारे जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति का साधन बन जाती है।

दिन की शुरुआत ईश्वर की आराधना सही नियमों का पालन करते हुए पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, मन शांत होता है और जीवन में समृद्धि आती है। इसलिए, जीवन में शांति, करुणा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर कर्मों और आचरण से इसे प्रभावशाली बनाना ही सच्ची भक्ति है।

note- ये जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, इसकी सत्यता की पुष्टि न्यूजट्रैक डॉट कॉम नहीं करता है।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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