Raksha Bandhan Par Shubh Yog : सुख-समृद्धि लेकर आ रहा रक्षा बंधन, सालों बाद गुरु-चंद्र की युति से बन रहा ऐसा शुभ संयोग

Raksha Bandhan Par Shubh Yog : रक्षाबंधन त्यौहार के दिन आप बिना किसी बाधा के कभी भी राखी बांध सकते हैं। रक्षा बंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग भी लगेगा। भद्रा काल को छोड़ कर राखी बांधने के लिए पूरा 12 घंटे का समय रहेगा

Suman  Mishra
Published By Suman Mishra
Published on: 20 Aug 2021 6:30 AM IST (Updated on: 20 Aug 2021 6:27 AM IST)
raksha bandhan kis tarik ko hai
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

रक्षाबंधन किस तारीख को हैं

प्रेम का प्रतीक और भाई-बहन के अटूट बंधन का दिन रक्षाबंधन का त्यौहार तारीख 22 अगस्त रविवार को मनाया जा रहा है। इस दिन का हर बहन को बेसब्री से इंतजार रहता है। कच्चा सूत बांध इस दिन भाई की लंबी उम्र की दुआ करती है तो भाई अपनी बहन के प्यार, आबरू की रक्षा और सहयोग का सौगंध लेते हैं।

इस त्योहार का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही वैज्ञानिक भी। बहनों को इस पर्व का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है। जहां भाई रक्षा सूत्र बंधवाकर बहन की रक्षा का संकल्प लेता है वहीं बहन भाई के सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करती है। रक्षाबंधन को राखी भी कहते हैं।

इस बार रक्षा बंधन के दिन आप बिना किसी बाधा के कभी भी राखी बांध सकते हैं। रक्षा बंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग भी लगेगा। भद्रा काल को छोड़ कर राखी बांधने के लिए पूरा 12 घंटे का समय रहेगा। बता दें कि शोभन योग में किया गया हर काम शुभ परिणाम देता है और संबंधों में मजबूती और प्रेम के लिए इस योग में अगर राखी बांधते हैं तो भाई-बहन का साथ कभी नहीं छूटेगा और प्यार बना रहेगा।


रक्षाबंधन पर बन रहा योग व रक्षा बंधन इस साल क्यों है खास

शोभन योग इस बार रक्षाबंधन पर बन रहा है। इस दिन 10. 34 am तक शोभन योग रहेगा। इसके साथ ही इस दिन शाम को 7.40 pm तक घनिष्ठा योग रहेगा।घनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। इस नक्षत्र में जन्में लोगों का अपने भाई-बहन के प्रति विशेष प्रेम होता है। इसे मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस योग के दौरान की गई यात्रा बहुत कल्याणकारी होती है।इस नक्षत्र में किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है। रक्षा बंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे की शुभ अवधि रहेगी।


रक्षा बंधन के दिन बन रहा राज गज केसरी योग

रक्षा बंधन के दिन ग्रहों की स्थिति कुछ इस तरह से हैं। इस दिन सूर्य, मंगल और बुध सिंह राशि में , शुक्र मिथुन और चंद्रमा और गुरु कुंभ राशि में है। वैसे तो हर साल राखी का पर्व श्रवण नक्षत्र में पड़ता है। लेकिन इस साल राखी धनिष्ठा नक्षत्र में पड़ रहा है। विद्वानों और ज्योतिषीय पंचांग की गणना के अनुसार ऐसी स्थिति 4 सौ साल पहले (474) बनी थी। जब रक्षा बंधन के दिन धनिष्ठा नक्षत्र और सूर्य, मंगल और बुध सिंह राशि में मौजूद थे। राखी के दिन चंद्रमा और गुरु कुंभ राशि में होना गज केसरी योग बना रहा है ,जो आपको धन संपत्ति, वाहन सुखों की प्राप्ति करायेगा। विलासिता के साथ समाज में मान-सम्मान भी दिलाने वाला योग बन रहा है। तो इस दिन हवन आदि से घर को शुद्ध करने के साथ दान-पुण्य और प्रेम-सौहार्द्र के साथ राखी का पर्व मनाये।

सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

राखी मनाने का तरीका

रक्षा बंधन के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले साफ-सफाई के बाद पूजा हवानदि से घर को शुद्ध करें। इस दिन राखी की थाली में रोली, चन्दन, अक्षत, दही, राखी, मिठाई और घी का एक दीपक रखें। पूजा की थाली को सबसे पहले भगवान की पूजा करें, फिर इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं। पहले भाई के माथे पर तिलक लगाएं। फिर रक्षासूत्र बांधकर आरती करें। इसके बाद मिठाई खिलाकर भाई के लिए दुआ करें। भाइयों को इस दिन बहन को उपहार में पैसा, कपड़ा,ज्वैलरी या फिर कुछ भी तोहफा देना चाहिए।


2021 में रक्षा बंधन का पर्व सावन में कब है?

धार्मिक मान्यतानुसार रक्षा बंधन का त्योहार पौराणिक काल से चला आ रहा है। भविष्यपुराण के अनुसार शचि ने इंद्र को रक्षा सूत बांधा, जिसके बाद असुरों पर इंद्र की विजय हुई थी। उसी तरह एक कथा के अनुसार मां लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी तो महाभारत काल में द्रौपदी कृष्ण को राखी बांधी थी। हर साल सावन की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला रक्षाबंधन इस साल भी पूर्णिमा के दिन ही तारीख 22 अगस्त को मनाया जाएगा। जानते हैं राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त ताकि भाई-बहन का प्यार बना रहे...

  • रक्षा बंधन पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 21 अगस्त 15.45 से
  • रक्षा बंधन पूर्णिमा तिथि का समापन- 22 अगस्त 17.58 तक 
  • रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त- 05.50 AM से 18.03 PM तक
  • रक्षा बंधन की समय अवधि- 12 घंटा 11 मिनट
  • रक्षा बंधन में दोपहर का समय- 13.44 PM से 16.23 PM तक
  • रक्षा बंधन के दिन प्रदोष काल- 20.08 PM से 22.18 PM तक
  • अभिजीत मुहूर्त -12.04 PM से 12.58 PM
  • अमृत काल – 09.34 AM से 11.07 AM
  • ब्रह्म मुहूर्त – 04.33 AM से 05.21 AM
  • विजय मुहूर्त- 02.09 PM से 03.01 PM
  • गोधूलि बेला- 06.14 PM से 06.38 PM
  • निशिता काल- 11.39 PM से 12. 23 AM तक 23 अगस्त
  • भद्रा काल -05.34 AM से 06.12 AM तक, 23 अगस्त

भाई-बहन के पवित्र प्रेम को गहरा बनाने के लिए रक्षा बंधन के दिन इन शुभ मुहूर्तों राखी बांधने से भाई बहन का रिश्ता कभी नहीं टूटता है और प्यार बना रहता है।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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