सावन का जल कब चढ़ेगा? जानिए किस शुभ मुहूर्त काल और योग में जल चढ़ाने से होगा लाभ, यहां पूरी जानकारी

सावन का जल कब चढ़ेगा? धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन में शिव को जलाभिषेक के लिए उत्तम है, लेकिन प्रदोष काल, निशिता काल में चढ़ाए गए जल से भोले भंडारी जल्द प्रसन्न होते हैं। शिव को जल चढ़ाने से श्री हरि की भी कृपा बनी रहती है। जानिये जल कब का है?

Suman  Mishra
Published By Suman Mishra
Published on: 4 Aug 2021 12:00 PM IST (Updated on: 11 July 2025 10:55 PM IST)
सावन का जल कब चढ़ेगा? Sawan Me Jal Kab Chadehga
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सावन का जल कब चढ़ेगा?

सावन की शुरूआत 25 जुलाई 2021 से हो रही है। इस मास में शिव-शंकर की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है। कहते हैं कि भगवान शिव को यह मास अत्यंत प्रिय है। इस मास में शिव को जलाभिषेक करने का अत्यंत महत्व है। सावन में शिव को जल चढ़ाकर श्रीहरि को प्रसन्न किया जाता है, क्योंकि जो शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं वह श्री विष्णु को मिलता है। ऐसा इसलिए कि भगवान हरि जल में निवास करते है।

सावन मास में सोमवार,त्रयोदशी, प्रदोष व्रत और पूर्णिमा तिथि के दिन अगर भगवान शिव को जल चढ़ाया जाए तो लिंगेश्वर भोले भंडारी शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा पूरे सावन में किसी भी दिन शिव को जलाभिषेक कर कृपा पात्र बन सकते हैं। इस बार सावन में 4 सोमवारी व्रत पड़ रहा है।

सावन में जलाभिषेक से शिव की कृपा

सावन मास के आरंभ के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है और पूरे मास में शिव को जलाभिषेक किया जाता है। शिव जलाभिषेक से हर पीड़ा, कष्ट और बीमारी का नाश होता है। हिंदू पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन महीने की शुरुआत होती है। सावन मास में सोमवार और शिवरात्रि को शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। सावन माह में शिवरात्रि के दिन कावंड़ लेकर शिवभक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि का व्रत करने से सुख-शांति, सौभाग्य की प्राप्ति होती है, रोग दूर होते हैं, आरोग्य की प्राप्ति होती है।

इस बार 29 दिनों के सावन मास में 4 सोमवार पड़ रहा है। सावन महीना 2021- 26 जुलाई 2021 से 16 अगस्त 2021 तक रहेगा। इस बारश्रवण – घनिष्ठा नक्षत्र और द्विपुष्कर योग में सावन के पवित्र मास की शुरुआत हो रही है।इसलिए इस बार सावन मास में सच्चे मन से की गई भक्ति का पूरा फल मिलेगा और स्थायी रुप से शिव की कृपा बनी रहेगी इस साल सावन का महीना 26 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसका समापन 16 अगस्त को होगा। सावन 2021 में सावन सोमवार के तिथियों की लिस्ट।

सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)


शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक का सही समय (Time)

जानिये सावन का जल कब चढ़ेगा? वैसे तो शिव को जल चढ़ाने के लिए सबसे अच्छा और शुभ समय दोपहर के बाद होता है। शिव की पूजा करने के लिए प्रदोष काल , निशित काल, रात्रि के प्रहर को सबसे शुभ माना जाता है। कहते हैं शिव निरंकारी परब्रह्म और रात्रिचर है। जो भी भक्त इन समयों में शिव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करता हैं । उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

शिवरात्रि तिथि- 6 अगस्त को 06:28 से 7 अगस्त को 07:11

जलाभिषेक का समय व् जल चढाने का शुभ समय - 07:08 AM से 09:48 AM तक सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक का सबसे उत्तम समय है


सावन में सोमवार के दिन जलाभिषेक कब करें

पहला सावन सोमवार- 26 जुलाई 2021

  • सुबह- 04:19 AM, जुलाई 26 से 05:23 AM, जुलाई 27,
  • शाम- 06:47 PM से 07:50 PM तक
  • निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM, तक जलाभिषेक करें।

दूसरा सावन सोमवार- 2 अगस्त 2021

  • सुबह- 04:22 AM, अगस्त 03 से 05:26 AM,
  • शाम- 06:43 PM से 07:47 PM तक
  • निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM तक जलाभिषेक करें।
  • सवार्थसिद्ध योग- 10:44 PM से 05:26 AM,अगस्त03

तीसरा सावन सोमवार- 9 अगस्त 2021

  • सुबह- 04:24 AM,अगस्त 10 से 05:29 AM
  • शाम- 06:38 PM से 07:44 PM तक
  • निशिता काल-11:42 PM से 12:25 AM तक जलाभिषेक करें।

चौथा सावन सोमवार- 16 अगस्त 2021

  • सुबह- 04:26 AM, अगस्त 17 से 05:32 AM
  • शाम- 06:32 PM से 07:38 PM
  • निशिताकाल- 11:40 PM से 12:24 AM तक जलाभिषेक करें।
  • सवार्थसिद्ध योग- 05:32 AM से 03:02 AM
  • रवि योग- 05:32 AM से 03:02 AM,अगस्त 17, 03:02 AM, Aug 17 से 05:32 AM,अगस्त 17
सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)


पूरे सावन मास में जलाभिषेक

सामान्यत: पूरे मास इस समय शिव का जलाभिषेक किया जा सकता है।

  • सुबह: 05:40 से 08:25 तक
  • शाम 19:28 से 21:30 तक
  • शाम 21:30 से 23:33 तक (निशीथकाल समय)
  • रात्रि 23:33 से 24:10 तक (महानिशिथकाल समय)

पूरे सावन मास या फिर सावन के सोमवार को सुबह के समय जल्दी उठ कर स्नान करना चाहिए। हो सके तो पवित्र नदियों में स्नान का बहुत महत्व है, लेकिन कोरोना की वजह से बहुत हद तक यह संभव नहीं है। इसलिए इस दिन घर पर ही गंगाजल डालकर स्नान कर लेने से भी शिव के कृपा पात्र बनेंगे। उसके बाद षोड्सोचार विधि से मोली, धूप, दीप,जनेऊ, चंदन अक्षत बताशा से पूजन करना चाहिए। शिव चालीसा शिवमंत्रों का जाप करने के साथ व्रत रखने का विधान है। इससे भोले बाबा जल्दी प्रसन्न होते हैं।

Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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