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Shani Karte Hai in Logo ko Pareshan:शनि देव ऐसे लोगों से होते है नाराज, जानिए इनकी क्रूर दृष्टि से कैसे बचें?
Shani Karte Hai in Logo ko Pareshan: शनि दोष को दूर करने के लिए कुछ कामों को करने से शनि ग्रह की क्रूर दृष्टि नहीं पड़ती है,जानते है...
Shani Karte Hai in Logo ko Pareshan शनि ग्रह को न्याय का देवता माना गया है। यह लोगो को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं और इनका प्रभाव अत्यधिक प्रभावशाली होता है। यह ग्रह कर्म, आय, संघर्ष, बाधाएं और जीवन की चुनौतियों का कारक है। यदि शनि ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।जानते है शनि खासियत और शनि के दोषों को शांत करने के उपाय क्या हैं।
शनि ग्रह का स्वरुप
शनि ग्रह मकर और कुंभ राशि के स्वामी होते हैं।यह ग्रह कर्म, आय, संघर्ष, धैर्य और न्याय का प्रतिनिधित्व करता है।शनि का प्रभाव धीमा लेकिन स्थायी होता है।यह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करता है।शनि की तीसरी, सातवीं और दसवीं दृष्टि बहुत प्रभावशाली होती है।
यह साढ़े साती, ढैय्या और महादशा के रूप में जीवन में उतार-चढ़ाव लाता है।शनि किन जातकों को अधिक परेशान करते हैं?शनि की स्थिति कुंडली में अशुभ हो तो व्यक्ति के जीवन में अनेक समस्याएं आ सकती हैं। आइए जानते हैं कि किन परिस्थितियों में शनि जातकों को अधिक प्रभावित करता है।
शनि छठे, आठवें और बारहवें भाव में
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि छठे, आठवें और बारहवें भाव में स्थित हो, तो यह कष्टदायक होता है। ऐसे जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, कानूनी मामलों में उलझाव, आर्थिक संकट और पारिवारिक संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है।
शनि सर्वाष्टक वर्ग में चार से कम बिंदु होना
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के सर्वाष्टक वर्ग में शनि के चार से कम बिंदु होते हैं, तो शनि ग्रह नकारात्मक प्रभाव देता है। इससे व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
नीच राशि में स्थित शनि
शनि अगर नीच राशि यानी मेष में स्थित हो, तो यह कमजोर होता है और जातक को जीवन में संघर्ष, मानसिक तनाव और अस्थिरता प्रदान करता है।
शनि का राहु, केतु, सूर्य और चंद्रमा के साथ बैठना
यदि कुंडली में शनि राहु, केतु, सूर्य या चंद्रमा के साथ बैठा हो, तो यह अशुभ प्रभाव देता है। इस स्थिति में व्यक्ति को बार-बार असफलताओं का सामना करना पड़ता है और पारिवारिक जीवन में परेशानियां आती हैं।
शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव
शनि की साढ़े साती और ढैय्या जातक के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाती है। इस दौरान व्यक्ति को आर्थिक हानि, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक तनाव झेलना पड़ता है।
शनि दोष के लक्षण
जब शनि अशुभ प्रभाव देते हैं, तो जातक के जीवन में कुछ विशेष संकेत और समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
धन हानि और आर्थिक परेशानियां-शनि की अशुभ स्थिति के कारण व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। व्यापार में नुकसान, निवेश में हानि और धन की अस्थिरता बनी रहती है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं-शारीरिक रूप से, शनि दोष से प्रभावित व्यक्ति को घुटनों का दर्द, एसिडिटी, हड्डियों की समस्या और पेट से संबंधित रोग हो सकते हैं। मानसिक रूप से यह व्यक्ति को तनाव, अकेलापन और डिप्रेशन की ओर ले जाता है।
पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में तनाव-शनि दोष होने पर व्यक्ति के पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में तनाव रहता है। घर में कलह, मतभेद और वैवाहिक असंतोष उत्पन्न हो सकता है।
कोर्ट-कचहरी के मामलों में फंसना-शनि की अशुभ स्थिति व्यक्ति को कानूनी मामलों में उलझा सकती है। लंबे समय तक मुकदमेबाजी और विवाद बने रहते हैं।
घर में चीटियां और सीलन आना-अगर घर में अचानक अधिक चीटियां दिखाई देने लगे, दीवारों में सीलन आ जाए या घर में बार-बार दरारें पड़ने लगे, तो यह शनि दोष का संकेत हो सकता है।
शनि को शांत करने के उपाय-अगर कुंडली में शनि दोष हो, तो कुछ उपाय अपनाकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
शनि ऐसे करते है दोषो का निवारण
शनि ग्रह व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। यदि शनि अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे धन हानि, स्वास्थ्य समस्याएं, कानूनी विवाद और मानसिक तनाव। लेकिन सही उपाय अपनाकर शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। शनि देव की आराधना, दान-पुण्य और सकारात्मक कार्यों के माध्यम से जीवन में शांति और स्थिरता प्राप्त की जा सकती है।
शनिदेव की पूजा करें,प्रत्येक शनिवार को शनिदेव की पूजा करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
शनिदेव को तिल का तेल और काले तिल चढ़ाएं। घर में नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए प्रवेश द्वार पर काले घोड़े की नाल लगाएं।
अगर किसी व्यक्ति को बार-बार स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं, तो काले घोड़े की नाल को बेड के नीचे रखें।नौकरी में बाधा आ रही हो, तो घोड़े की नाल का छल्ला बनवाकर मध्यमा (बीच की) अंगुली में धारण करें।
छाया दान करें,शनिवार को लोहे के बर्तन में सरसों का तेल लें और उसमें अपनी परछाई देखकर किसी जरूरतमंद को दान करें।
शनिदेव के मंत्र का जाप करें,हर शनिवार को इस मंत्र का जाप करें:"ॐ शं शनैश्चराय नमः"
जरूरतमंदों की सेवा करें,विकलांगों और जरूरतमंदों की सेवा करें।
काले तिल, उड़द की दाल, लोहे की वस्तुएं और काले कपड़े दान करें।
हनुमान जी की आराधना करें,र मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और गुड़-चने का भोग लगाएं।
शमी वृक्ष की पूजा करें,शमी का पौधा घर में लगाएं और उसकी नियमित रूप से पूजा करें।
नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है
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