वाहन निर्माताओं के लिए मुसीबत: भारत में होगा 'कार क्रैश टेस्ट' का मूल्यांकन, परफॉर्मेंस के आधार पर देगा 0 से 5 स्टार

Car Crash Test Evaluation: असल में अभी तक भारत के ऑटो मार्केट में बिक्री किब्जा रही कुछ हाई स्पीड से भागने वाली कुछ खास कारों का ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट किया जाता रहा है। टेस्टिंग के दौरान कार के सुरक्षा मानकों और अन्य फीचर्स पर मिली प्रतिक्रिया के आधार पर उन्हें सेफ्टी रेटिंग स्टार्स दिए जाते रहे हैं।

Jyotsna Singh
Published on: 1 July 2023 11:19 PM IST
वाहन निर्माताओं के लिए मुसीबत: भारत में होगा कार क्रैश टेस्ट का मूल्यांकन, परफॉर्मेंस के आधार पर देगा 0 से 5 स्टार
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भारत में होगा 'कार क्रैश टेस्ट' का मूल्यांकन, परफॉर्मेंस के आधार पर देगा 0 से 5 स्टार: Photo- Social Media

Car Crash Test Evaluation: देश में लगातार बढ़ रहे सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को देखकर सरकार अब फ्रंट मोड पर आ गई है। सख्त से सख्त ट्रैफिक नियमों को लागू करने के साथ ही सरकार ने ऑटोमेकर्स के लिए भी अपने तेवर सख्त कर लिए हैं। अभी हाल ही में 6 एयर बैग्स को गाड़ियों में शामिल किए जाने के निर्देश के बाद अब एक और नियम जल्द ही लागू करने के मूड में सरकार नजर आ रही है। असल में अभी तक भारत के ऑटो मार्केट में बिक्री किब्जा रही कुछ हाई स्पीड से भागने वाली कुछ खास कारों का ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट किया जाता रहा है।

टेस्टिंग के दौरान कार के सुरक्षा मानकों और अन्य फीचर्स पर मिली प्रतिक्रिया के आधार पर उन्हें सेफ्टी रेटिंग स्टार्स दिए जाते रहे हैं। लेकिन भारत सरकार का सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा एक नए नियम को लागू किए जाने की तैयारी कर रही है। जिसके तहत अब बहुत जल्द ही भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) को ऑटोसेक्टर पर लागू किया जाएगा। इस नए नियम के आने के बाद से भारत में बिक्री किए जाने वाले वाहनों की क्रैश टेस्टिंग अब Bharat NCAP द्वारा जारी किए गए मानकों के अनुरूप की जाएगी। जो कि वाहनों की क्रैश टेस्टिंग के बाद उनके परफॉर्मेंस के आधार पर 0 से 5 स्टार रेटिंग देगा। सूत्रों के मुताबिक़ मंत्रालय ने मसौदा अधिसूचना को अंतिम रूप दे दिया है और मानदंडों को लागू करने की प्रक्रिया 30 दिनों के लिए 1 जुलाई, 2023 से शुरू की जा सकती है। वहीं भारत में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पहले कहा था कि Bharat NCAP भारतीय निर्माताओं को अपने वाहनों को देश की इन-हाउस टेस्टिंग फेसिलिटी में क्रैश टेस्ट करने की सुविधा देगा और ऑटो सेक्टर में निर्याता को भी बेहतर करेगा।

कैसे काम करता है न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम :

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद ने मीडिया को जारी किए एक बयान में कहा है कि, भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम क्रैश टेस्ट मानदंड 1 अक्टूबर, 2023 से लागू होने वाला है। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने देश में कारों का क्रेश टेस्ट करने और उन्हें सेफ्टी रेटिंग देने के लिए कुछ खास सीमाएं निर्धारित की गई हैं। न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के लागू होने के बाद ऑटोमेकर कंपनियां अपने वाहनों को टेस्टिंग से गुजरने के बाद प्राप्त हुई प्रतिक्रिया के आधार पर सेफ्टी रेटिंग तय करने का काम स्वयं करेंगी। इस न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के लागू होने के बाद प्राप्त हुई रेटिंग को देखकर,गाड़ी की लोकप्रियता और विश्वसनीयता को पहचानने में ग्राहकों को ज्यादा दिक्कत नहीं उठानी पड़ेगी।

M1 श्रेणी के मोटर वाहन पर लागू होगा नियम

भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) एक क्रैश टेस्ट मूल्यांकन प्रोग्राम है, जो कि वाहनों की क्रैश टेस्टिंग के दौरान तय मानकों के आधार पर उनके प्रदर्शन से प्राप्त हुई प्रतिक्रिया पर 0 से 5 स्टार रेटिंग प्रदान करेगा। ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में भी ऐसे ही वाहनों को न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के समान ही रेटिंग प्रदान की जाती रही है। सरकार ने भारत एनसीएपी के परीक्षण प्रोटोकॉल को ग्लोबल क्रैश-टेस्ट प्रोटोकॉल के साथ शामिल कर दिया है। इस प्रोग्राम के तहत निर्धारित किए गए तय मानकों में ऑटोमेकर्स कंपनी की वेबसाइट पर 1 से 5 स्टार तक की स्टार रेटिंग की सुविधा दी जाएगी। ये नियम खास तौर से M1 श्रेणी के मोटर वाहन पर लागू किया जाएगा। जो भारत देश में निर्मित या आयात किए गए जाते हो और उनका वजन कम से कम 3.5 टन से कम हो। जिसमें अधिकतम चालक की सीट के अलावा आठ सीटें होती है। ऐसे 'M1' श्रेणी के अनुमोदित मोटर वाहनों पर ये नियम लागू किया जाएगा।

भारत में सभी कारों की सुरक्षा रेटिंग होनी चाहिए

भारत देश में अब ग्राहक सुरक्षा मानकों को लेकर काफी जागरूक हो चुका है। वह कार खरीदते समय दो बातों का विशेष ख्याल रखते हैं । एक वाहन की क्रैश टेस्टिंग रेटिंग और दूसरी मैक्सिमम सेफ्टी फीचर्स के साथ वाहन में एयरबैग की संख्या। हाल ही में स्कोडा ऑटो इंडिया और NIQ BASES द्वारा किए गए एक सर्वे रिपोर्ट से ये बात सामने आई है कि 99 प्रतिशत लोगों को मानना है कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से भारत में सभी कारों की सुरक्षा रेटिंग तय की जानी चाहिए। इस मामले को लेकर इंडस्ट्री में वाहन निर्माताओं के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है। हालांकि, सरकार इंडस्ट्री की मांग पर बातचीत करने और समय-सीमा को 1 अक्टूबर से आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है। MoRTH के सचिव ने आगे कहा कि एक परामर्शदात्री विंडो के माध्यम से, सरकार, "विभिन्न वाहन निर्माता कंपनियों से फीडबैक मांगेगी, और यदि आवश्यक हो, तो इस अवधि के दौरान मामूली बदलाव किए जाएंगे।”

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