BJP-JDU 20-Minute Power Meeting: नीतीश और अमित शाह ने सुलझाया NDA सीट बंटवारे का पेंच?

BJP-JDU की 20 मिनट की बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे पर चर्चा, LJP, HAM, RLSP की भी सीटों की मांग जारी। पढ़ें पूरी खबर।

Harsh Sharma
Published on: 18 Sept 2025 3:14 PM IST
BJP-JDU 20-Minute Power Meeting: नीतीश और अमित शाह ने सुलझाया NDA सीट बंटवारे का पेंच?
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BJP-JDU 20-Minute Power Meeting: बिहार में अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा और जेडीयू के शीर्ष नेताओं के बीच पटना के एक होटल में शिखर वार्ता हुई। इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। यह बैठक करीब 20 मिनट तक चली, लेकिन दोनों दलों ने इस बैठक की चर्चा से जुड़ी कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है। हालांकि, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बैठक का मुख्य एजेंडा विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे को लेकर था।

जेडीयू और भाजपा के नेताओं के बीच इस बैठक के बाद से यह बात साफ हो गई है कि आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। वहीं, जेडीयू की तरफ से भाजपा से एक सीट ज्यादा की मांग की जा रही है। इसके साथ ही, बिहार के चुनावी समीकरण में दूसरे सहयोगी दलों जैसे चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को भी सीटों की मांग है, जो फिलहाल पूरी होती नहीं दिख रही है।

जेपी नड्डा का पटना दौरा

बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पटना आए थे, लेकिन उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात नहीं की। इसके बाद वह दिल्ली वापस लौट गए थे। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पटना दौरा भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शाह ने बिहार के 20 जिलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति पर टिप्स देने के लिए डेहरी और बेगूसराय में बैठकें कीं।

शाह के बिहार दौरे के दौरान, नीतीश कुमार उनके साथ मुलाकात करने के लिए मौर्या होटल पहुंचे थे। इस दौरान जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और मंत्री विजय चौधरी भी उनके साथ थे। वहीं, भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी बैठक में मौजूद थे।

सीट बंटवारे को लेकर जटिल समीकरण

बैठक के दौरान यह साफ हुआ कि भाजपा और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है। जहां भाजपा कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, वहीं जेडीयू भी इस आंकड़े को हासिल करना चाहती है। हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच सीटों की संख्या को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। इसके अलावा, एनडीए में शामिल अन्य दलों के बीच भी सीटों को लेकर खींचतान जारी है। चिराग पासवान की एलजेपीआर ने 30-40 सीटों की मांग की है, जबकि जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' 15 सीटों के लिए तैयार है। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भी 8-10 सीटों की मांग कर रही है। एनडीए के भीतर इस समय बहुत से मुद्दों पर चर्चा चल रही है, जिसमें गठबंधन को मजबूत रखने के लिए सीट बंटवारे को लेकर जटिल स्थिति पैदा हो गई है।

वहीं, भाजपा के सहयोगी दलों में मुकेश सहनी की स्थिति भी बेहद महत्वपूर्ण है। 2020 में महागठबंधन से एनडीए में शामिल होने वाले सहनी इस बार भी अचानक महागठबंधन छोड़ सकते हैं, और इसके लिए सीटों का इंतजाम जरूरी होगा।

सीट बंटवारे की उलझन

विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही यह सवाल उठने लगा है कि सीट बंटवारे की जटिल पहेली को कैसे हल किया जाएगा। एक तरफ जहां जेडीयू और भाजपा के बीच सीटों को लेकर खींचतान जारी है, वहीं एनडीए के अन्य दलों के लिए भी यह एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। अगर सभी सहयोगी दलों को संतुष्ट नहीं किया गया, तो यह गठबंधन के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसके अलावा, महागठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर कई दलों के बीच मतभेद हैं, जो आगे चलकर चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की राजनीति में यह जटिल समीकरण किस दिशा में आगे बढ़ते हैं और सीट बंटवारे की उलझन कब और कैसे सुलझाई जाती है।

Harsh Sharma

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