TRENDING TAGS :
बिहार चुनाव: लालू के लाल ने बदला चुनाव क्षेत्र, इस सीट से अखाड़े में उतरे तेज प्रताप
तेज प्रताप के नामांकन के मौके पर उनके छोटे भाई और मुख्यमंत्री पद के लिए महागठबंधन के उम्मीदवार तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। नामांकन के मौके पर तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी को बिहार का भावी मुख्यमंत्री और अर्जुन बताया।
पटना: आखिरकार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपना चुनाव क्षेत्र बदल ही लिया। उन्होंने अपनी पुरानी महुआ सीट को छोड़कर इस बार समस्तीपुर के हसनपुर विधानसभा सीट से मंगलवार को नामांकन दाखिल कर दिया।
तेज प्रताप के नामांकन के मौके पर उनके छोटे भाई और मुख्यमंत्री पद के लिए महागठबंधन के उम्मीदवार तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। नामांकन के मौके पर तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई तेजस्वी को बिहार का भावी मुख्यमंत्री और अर्जुन बताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मैं बिहार के भावी मुख्यमंत्री भाई तेजस्वी यादव को लेकर नामांकन करने पहुंचा हूं।
इस कारण बदल लिया चुनाव क्षेत्र
लालू के बड़े लाल तेज प्रताप ने 2015 का विधानसभा चुनाव महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में महुआ सीट से जीता था। बिहार में विधानसभा चुनाव की तिथियों के एलान के पहले महुआ सीट से उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के चुनाव लड़ने की चर्चाएं काफी तेज थीं।
ये भी पढ़ें...देसी कोरोना वैक्सीन पर बड़ी खबर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी ये खुशखबरी
ऐश्वर्या राय से तेज प्रताप यादव का तलाक का मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है। ऐश्वर्या राय के चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बाद ही तेज प्रताप ने किसी अन्य सीट की तलाश शुरू कर दी थी और आखिरकार उन्होंने यादव बहुल हसनपुर सीट से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया।
यादव बहुल सीट का किया चयन
तेज प्रताप ने हसनपुर सीट से चुनाव लड़ने का फैसला काफी सोच समझ कर लिया है। हसनपुर सीट को यादव बहुल माना जाता है और यहां पर कुशवाहा मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। 1967 के बाद हमेशा इस सीट से यादव प्रत्याशी ही जीतते रहे हैं। यादव समाज से जुड़े गजेंद्र प्रसाद हिमांशु इस सीट से 8 बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
2010 में परिसीमन के बाद इस सीट पर लगातार दो बार जदयू का कब जा रहा है। यादव बिरादरी से जुड़े जदयू के राजकुमार राय ने पिछले दो विधानसभा चुनाव इस सीट से जीते हैं।
ये भी पढ़ें...पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई: इन घटनाओं का खुलासा, अपराधियों में फैली दहशत
राजकुमार राय से होगा कड़ा मुकाबला
हसनपुर सीट पर इस बार फिर जदयू प्रत्याशी के रूप में राजकुमार राय चुनाव मैदान में उतरे हैं। यादव मतदाताओं की ज्यादा संख्या होने के कारण इसे सुरक्षित सीट मानने वाले तेज प्रताप को राजकुमार राय से दो-दो हाथ करना होगा। यादव मतदाताओं पर राजकुमार राय की भी अच्छी पकड़ मानी जाती है और ऐसे में तेज प्रताप की राह आसान नहीं लगती।
मतदाताओं को लालू और राबड़ी की याद दिलाई
हसनपुर सीट से पर्चा दाखिल करने के लिए तेज प्रताप सोमवार की शाम ही पटना से रोसड़ा पहुंच गए थे। नामांकन के बाद उन्होंने यहां अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।
हालांकि विधानसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व भी उन्होंने हसनपुर का कई बार दौरा किया था और मतदाताओं से कहा था कि मैं अब इस क्षेत्र को अपना बनाकर इसके विकास में जुट लूंगा। नामांकन के मौके पर उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के साथ ही पिता लालू प्रसाद यादव और मां श्रीमती राबड़ी देवी की भी मतदाताओं को याद दिलाई।
ये भी पढ़ें...कंगना तो फंस गईं: जाना पड़ सकता है पुलिस थाने, किसानों पर लगाया था आरोप
चुनाव से पहले ही हो गए थे सक्रिय
विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बाद से ही तेज प्रताप यादव महुआ छोड़कर हसनपुर में सक्रिय हो गए थे और उन्होंने यहां रोड शो भी किया था। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान राजद का जदयू से गठबंधन होने के कारण तेज प्रताप को चुनाव जीतने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई थी मगर इस बार के चुनाव में समीकरण पूरी तरह बदले हुए हैं।
जदयू ने भाजपा के साथ मजबूत गठबंधन कर लिया है और तेज प्रताप की घेराबंदी की कोशिश की जा रही है। चुनाव से पहले ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय ने आरोप लगाया था कि हार की आशंका से दोनों भाई अपने लिए सुरक्षित चुनाव क्षेत्र की तलाश कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें...बंगाल की खाड़ी से उठा तूफान: इन राज्यों में होगी मूसलाधार बारिश, IMD का अलर्ट
तेजस्वी का नीतीश पर बड़ा हमला
भाई के नामांकन के लिए हसनपुर जाने से पहले तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि 15 साल में उन्होंने बिहार के लिए कुछ नहीं किया। अपने विकास कार्यों का ब्योरा देने की जगह वे विपक्ष पर झूठा आरोप लगाने में जुटे हुए हैं।
तेजस्वी ने कहा कि दूसरों पर आरोप लगाने से बेहतर यह होगा कि नीतीश कुमार अपने 15 साल की उपलब्धियों के बारे में बताएं। सच्चाई तो यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर मोर्चे पर फेल साबित हुए हैं। उनके कार्यकाल में राज्य की कानून व्यवस्था बदतर स्थिति में पहुंच गई है और उनके पास अपना काम बताने के लिए कुछ भी नहीं है।
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!