बिहार चुनाव से पहले पप्पू यादव का 'डबल गेम', कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत, BJP से बढ़ी नजदीकियां

बिहार चुनाव से पहले पप्पू यादव का डबल गेम, BJP संग नजदीकी और कांग्रेस पर दबाव, नए राजनीतिक समीकरण की आहट।

Harsh Srivastava
Published on: 17 Sept 2025 3:49 PM IST
बिहार चुनाव से पहले पप्पू यादव का डबल गेम, कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत, BJP से बढ़ी नजदीकियां
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Pappu Yadav double game: बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आया है। पूर्णिया में नए हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह में जो कुछ हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया। मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने न सिर्फ पीएम से गुपचुप बातें कीं, बल्कि उन्हें ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। लेकिन इस मुलाकात के कुछ ही घंटों बाद, पप्पू यादव ने 'एक्स' पर एक पोस्ट डालकर कहा कि मखाना किसानों के लिए केवल राहुल गांधी ही दर्द समझते हैं। यह 'डबल गेम' बिहार की राजनीति में एक नए समीकरण का संकेत दे रहा है, जहां पप्पू यादव निर्दलीय होने का फायदा उठाते हुए दोनों पक्षों - एनडीए और महागठबंधन - से लाभ उठाना चाहते हैं।

मंच पर 'ठहाका' और 'सोशल मीडिया' पर 'वार'

पीएम मोदी के साथ पप्पू यादव की तस्वीर तेजी से वायरल हुई, जिसमें दोनों के बीच की करीबी साफ दिख रही थी। पप्पू यादव ने मंच पर पीएम मोदी के साथ कुछ देर बातचीत की और उन्हें हंसाया। लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्होंने 'एक्स' पर जो पोस्ट किया, वह इस मुलाकात से बिल्कुल उलट था। इस पोस्ट में उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ की और कहा कि मोदी सरकार सिर्फ किसानों को तकलीफ देना जानती है। यह साफ दिखाता है कि पप्पू यादव अपने 'निर्दलीय' टैग का पूरा फायदा उठा रहे हैं। लेखक और कॉलमिस्ट गिरिंद्रनाथ झा ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हमारे निर्दलीय सांसद ने प्रधानमंत्री को हंसाया! इस ट्वीट के साथ, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने दिखा दिया है कि उन्हें मोदी और राहुल गांधी, दोनों से बराबर लगाव है। मोदी एयरपोर्ट के लिए, राहुल मखाने के लिए!"

बीजेपी और कांग्रेस का 'पप्पू यादव' पर 'अलग' रुख

पप्पू यादव की इस चाल पर बीजेपी ने तुरंत कांग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने 'एक्स' पर लिखा कि राहुल गांधी ने 'नामदार नवाबजादे' की तरह पप्पू यादव को मंच से धकेला और अपमानित किया, जबकि पीएम मोदी ने आलोचनाओं के बावजूद उनका सम्मान किया। यह दिखाता है कि बीजेपी पप्पू यादव को अपने पाले में खींचने की कोशिश कर रही है। वहीं, पप्पू यादव ने कांग्रेस और राहुल गांधी के प्रति अपनी निष्ठा जताई है और अपनी पार्टी (जेएपी-एल) का कांग्रेस में विलय भी कर दिया है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां पप्पू यादव दोनों तरफ से फायदे की उम्मीद कर रहे हैं।

'अस्सलामु-अलैकुम' से 'प्रणाम' तक

पप्पू यादव की राजनीति में आए इस बदलाव को उनके संबोधनों से भी समझा जा सकता है। पिछले महीने जब वे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ एक रैली में थे, तो उन्होंने 'अस्सलामु-अलैकुम' के साथ शुरुआत की थी। लेकिन पूर्णिया एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत "प्रणाम गोर लगियेचिये तोरा सब किये" (आप सभी को नमस्कार और सम्मान) से की। यह दिखाता है कि वे अपनी राजनीतिक जरूरतों के हिसाब से अपने रुख को बदल रहे हैं। उन्होंने मंच से पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और पूर्णिया के लिए कई मांगें भी रखीं, जिसमें बाढ़ नियंत्रण, हाई कोर्ट की बेंच, शहर को उप-राजधानी का दर्जा, एम्स और एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम शामिल हैं।

क्या है पप्पू यादव की 'रणनीति'?

पप्पू यादव की इस राजनीतिक चाल के पीछे एक बड़ी रणनीति है। वे आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी और अपने समर्थकों के लिए एक बड़ी भूमिका की तलाश में हैं। वे जानते हैं कि सीमांचल का इलाका, जहां उनकी अच्छी पकड़ है, चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाएगा। आरजेडी के साथ अपने खराब संबंधों के बावजूद, वे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम लेकर कांग्रेस से मोलभाव करने की कोशिश कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस उन्हें एक वफादार सहयोगी के रूप में देखती है, या फिर पप्पू यादव बिहार चुनावों से पहले इस सबसे पुरानी पार्टी को 'पप्पू' बना रहे हैं। यह आने वाले समय में ही साफ हो पाएगा।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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