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Gold Price: फेड रेट कटौती के बाद भारत में सोने के दाम में गिरावट, आगे क्या होगा?
Gold Price: अमेरिकी फेड की ब्याज दर कटौती के बाद भारतीय सर्राफा बाजार में सोने के दाम गिरे, जानिए कीमतें और नीचे जाएंगी या तेजी लौटेगी।
Gold Silver Rate (image from social media)
Gold Price: भारत में सोने की कीमतों में बीते सप्ताह हल्की गिरावट दर्ज की गई है। 24 कैरेट शुद्ध सोना जहाँ 13 सितंबर को ₹11,117 प्रति ग्राम था, वहीं 18 सितंबर तक घटकर ₹11,170 पर आ गया है यानी पाँच दिन में कुल ₹-53 की गिरावट। इसी अवधि में 22 कैरेट सोने की कीमत भी ₹10,239 प्रति ग्राम तक आई, जो पहले ₹10,190 थी।
हालाँकि गिरावट सीमित है, लेकिन इस नरमी का समय खासा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, जो दिसंबर 2024 के बाद पहली मौद्रिक ढील है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या यह वैश्विक घटनाक्रम भारत में सोने की कीमतों को और नीचे धकेल सकता है या इसका उल्टा असर होगा?
फेड की नीति: क्या है फैसला और इसका कारण?
US Federal Reserve ने 18 सितंबर 2025 को अपनी नीतिगत दरों में 0.25% की कटौती कर दी है। अब नई रेंज 4.00%–4.25% है। फेड ने इस निर्णय को "रिस्क मैनेजमेंट कटौती" कहा, और इसके पीछे तीन मुख्य कारण बताए:
* अमेरिकी अर्थव्यवस्था की धीमी वृद्धि
* बेरोजगारी दर में वृद्धि
* महंगाई का अस्थिर नियंत्रण
फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने साफ कहा कि यह निर्णय किसी राजनीतिक दबाव के तहत नहीं, बल्कि आर्थिक आंकड़ों के आधार पर लिया गया है।
सोने पर फेड नीति का ऐतिहासिक प्रभाव
पारंपरिक रूप से, जब भी फेड ब्याज दरें घटाता है तो:
* डॉलर कमजोर होता है
* महंगाई की आशंका बढ़ती है
* और सोने की कीमतें बढ़ती हैं
ऐसे समय में निवेशक शेयर या बॉन्ड से निकलकर "सेफ हेवन" यानी सोने की ओर रुख करते हैं। लेकिन फिलहाल स्थिति मिश्रित है डॉलर इंडेक्स में बढ़त देखी गई है, अमेरिका में बांड यील्ड्स ऊपर जा रही हैं, वॉल स्ट्रीट में मिला-जुला रुख देखा गया है। इसका मतलब यह है कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने अभी पूरी तरह से सोने में भरोसा नहीं जताया है, जिसके चलते कीमतों में तत्काल बड़ी उछाल नहीं दिखी।
भारत में कीमतें क्यों गिर रही हैं?
हाल के दिनों में भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में हल्की गिरावट के पीछे कई घरेलू कारण हैं: जैसे मांग में मौसमी सुस्ती है, त्योहारी खरीदारी की शुरुआत अभी नहीं हुई है। रुपये में मजबूती है, आयात सस्ता होने से कीमतों पर दबाव है, आयात शुल्क/जीएसटी स्थिर है, नीति में कोई नया झटका नहीं।
गोल्डमैन सैक्स और जेपी मॉर्गन जैसे वैश्विक निवेश बैंकों का मानना है कि सोने की कीमतों में मीडियम टर्म (3–6 महीने) में तेजी आ सकती है, खासकर अगर फेड और कटौती करता है।
भारत में कोटक म्यूचुअल फंड और एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कहा है कि यदि डॉलर कमजोर होता है और फेस्टिव डिमांड बढ़ती है, तो ₹11,400–₹11,500/ग्राम तक भाव जा सकते हैं।
कुल मिलाकर वेट एंड वाच वाली स्थिति है फेड और कटौती करता है या डॉलर कमजोर होता है तो सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं, भारतीय त्योहारी मांग बढ़ती है और घरेलू मांग में तेजी आती है तो भी कीमतें बढ़ सकती हैं| सोने की कीमत ₹11,000 के आसपास खरीदारी का मौका माना जा सकता है, खासकर लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए। फेस्टिव सीजन के पहले स्टैगरड बायिंग (किस्तों में खरीदारी) करना बेहतर रणनीति हो सकती है। ट्रेडर्स के लिए फेड की अगली दो बैठकों और डॉलर इंडेक्स पर पैनी नजर रखना जरूरी होगा।
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