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India’s First 'Made in India' Chip: भारत को मिलने वाला है पहला 'Made in India' सेमीकंडक्टर चिप - केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का ऐलान
India's First Made in India Chip : केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ऐतिहासिक घोषणा की है जिसमे उन्होंने कहा-भारत का पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप इसी साल लॉन्च किया जाएगा।
India's First Made in India Chip (Image Credit-Social Media)
India’s First 'Made in India' Chip: भारत अब अपनी तकनीक खुद बनाने की कोशिश कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक चीज़ें और चिप्स जैसे कामों में वह अब बाहर के देशों पर निर्भर नहीं रहना चाहता। इसी कड़ी में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ऐतिहासिक घोषणा की है-भारत का पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप इसी साल लॉन्च किया जाएगा। इससे भारत को अपनी तकनीकी ताकत पर भरोसा बढ़ेगा और दुनिया में भी उसकी पहचान एक तकनीकी देश के रूप में बनने लगेगी।
यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलों को नई ऊर्जा देगा और भविष्य की अर्थव्यवस्था में भारत की भागीदारी को मजबूत बनाएगा।
2025 तक ‘मेड इन इंडिया’ चिप, छह सेमीकंडक्टर प्लांट निर्माणाधीन :
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत अब सेमीकंडक्टर चिप निर्माण के क्षेत्र में कदम रख चुका है। देश में पहले ही छह सेमीकंडक्टर प्लांट्स को मंज़ूरी मिल चुकी है, जिनका निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। उन्होंने कहा, "अब हम सेमीकंडक्टर चिप्स बनाना शुरू कर चुके हैं। छह प्लांट्स की मंजूरी मिल चुकी है और 2025 तक देश को पहला 'Made in India' चिप मिल जाएगा।"
हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, गुरुग्राम और चेन्नई जैसे शहरों में पहले से ही उच्च गुणवत्ता वाले चिप्स का डिज़ाइन तैयार किया जा रहा है। इससे साफ है कि भारत तकनीकी उत्पादन में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो रहा है।
India AI Mission से जुड़ेगा भविष्य: एक मिलियन लोगों को मिल रही है AI ट्रेनिंग :
सरकार सिर्फ चिप निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भी बड़ी योजनाएं बनाई जा रही हैं। ‘India AI Mission’ के तहत मुफ्त डेटा सेट और अन्य संसाधन आम जनता के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मंत्री ने बताया कि इस मिशन के जरिए एक मिलियन यानी दस लाख से अधिक लोगों को AI का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसका मतलब है कि भारत न सिर्फ चिप्स बना रहा है, बल्कि उन्हें समझने, उपयोग करने और उससे जुड़े नए इनोवेशन को अपनाने वाले तकनीकी विशेषज्ञ भी तैयार कर रहा है। यह मिशन भारत को एक डिजिटल सुपरपावर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
2047 तक भारत बनेगा दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाओं में से एक :
अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि भारत का लक्ष्य है कि 2047 तक वह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो। उनका मानना है कि यह केवल सपना नहीं, बल्कि ठोस योजनाओं और टेक्नोलॉजी इनिशिएटिव्स के माध्यम से पूरी तरह संभव है।
मंत्री के अनुसार, दुनिया की अर्थव्यवस्था एक बड़े बदलाव से गुजर रही है। पश्चिमी राष्ट्रों की लंबे समय से चली आ रही आर्थिक बढ़त अब धीमी पड़ रही है, जबकि भारत सहित पूर्वी क्षेत्र के देश वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहे हैं।
निष्कर्ष: तकनीकी क्रांति की ओर भारत का मजबूत कदम :
भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण की यह शुरुआत केवल एक औद्योगिक परियोजना नहीं, बल्कि देश की तकनीकी स्वतंत्रता की नींव है। 2025 में जब पहला 'Made in India' चिप आएगा, वह न केवल आत्मनिर्भर भारत की पहचान बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।
AI प्रशिक्षण, डेटा उपलब्धता और रणनीतिक निवेशों के साथ, भारत 21वीं सदी की तकनीकी दौड़ में अग्रणी बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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