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India Action on Pakistan: भारत के कड़े रुख से घबराए पाकिस्तानी,खाने के पड़ेंगे लाले और अंधेरे में डूबेगा देश,भारत ने कर दी चौतरफा घेरेबंदी
India Action on Pakistan: दोनों देशों के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता होने के बाद कई बार जंग लड़ी जा चुकी है मगर इसके बावजूद यह समझौता बना रहा।
India Action on Pakistan
India Action on Pakistan: पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब पाकिस्तान के लिए आने वाले दिन काफी संकट भरे होंगे। मोदी सरकार की ओर से लिए गए कड़े फैसलों के कारण देश के लोगों में घबराहट दिखने लगी है। दोनों देशों के बीच हुआ 1960 का ऐतिहासिक सिंधु जल समझौता स्थगित किए जाने के बाद पाकिस्तान के लोगों के खाने के लाले पड़ सकते हैं।
पानी न मिलने के कारण पाकिस्तान के कई हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बिजली उत्पादन घटने के कारण देश के कई इलाकों में अंधेरा छा जाने की आशंका भी जताई जाने लगी है। वैसे तो भारत में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले किए हैं मगर पाकिस्तान में सबसे ज्यादा घबराहट सिंधु जल समझौते को स्थगित किए जाने से ही दिख रही है।
जंग से पहले ही भारत ने कर दिया नाक में दम
दोनों देशों के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता होने के बाद कई बार जंग लड़ी जा चुकी है मगर इसके बावजूद यह समझौता बना रहा। दोनों देशों के बीच समझौते के बाद पांच साल बाद ही 1965 में बड़ी जंग हुई थी मगर इस समझौते पर कोई असर नहीं पड़ा। इसके बाद 1971 में भी दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ और बांग्लादेश बना। इसके बावजूद इस समझौते पर आंच नहीं आई। उसके बाद दोनों देशों के बीच कारगिल की जंग भी हुई मगर फिर भी इस समझौते पर अमल कायम रहा।
पहलगाम के आतंकी हमले के बाद अभी तक दोनों देशों के बीच जंग की शुरुआत नहीं हुई है मगर इसके पहले ही भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है। हालांकि जानकारों का मानना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए जंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुली चेतावनी दे दी है कि आतंकियों और उनके आकाओं को कल्पना से भी बड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने आतंकियों और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को मिट्टी में मिलाने का ऐलान कर दिया है। सीमा पर बढ़ती हलचल को देखकर दोनों देशों के बीच जल्द ही जंग की आशंका जताई जा रही है।
पाकिस्तानी नेता मान रहे जंग जैसा कदम
सिंधु जल समझौता स्थगित किए जाने से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ समेत पाकिस्तान के कई नेताओं का कहना है कि भारत ने अगर ऐसा किया तो यह जंग जैसा ही कदम होगा। दरअसल पाकिस्तान के नेताओं और विशेषज्ञों को इस बात की बखूबी जानकारी है कि समझौते को स्थगित किए जाने का देश पर कितना गहरा असर पड़ने वाला है।
पहले दोनों देश के जल आयुक्त साल में एक बार बैठक किया करते थे मगर इस समझौते को स्थगित किए जाने के बाद अब यह बैठक नहीं हुआ करेगी। इस कारण आपसी विवाद को सुलझाने के लिए संवाद के सारे रास्ते बंद हो गए हैं।
आखिर क्यों घबराया हुआ है पाकिस्तान
भारत की ओर से अब पाकिस्तान को नदियों के प्रवाह, बाढ़ की चेतावनी और ग्लेशियर पिघलने की जानकारी भी नहीं दी जाएगी। जानकारों का मानना है कि इसका काफी बड़ा असर होगा। आने वाले दिनों में पाकिस्तान में या तो जबर्दस्त सूखा पड़ेगा या फिर बाढ़ का बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। भारत के लिए अब पश्चिमी नदियों पर बन रही जल परियोजनाओं की जानकारी देने की बाध्यता नहीं रह जाएगी।
पहले पाकिस्तान के पास इन जल परियोजनाओं की समीक्षा का अधिकार था मगर अब यह अधिकार भी पाकिस्तान के पास नहीं रह जाएगा। पहले पाकिस्तान के सिंधु जल आयुक्त परियोजनाओं का निरीक्षण करके जानकारी जुटाते थे मगर अब सिलसिला भी बंद हो जाएगा। स्थायी सिंधु आयोग की ओर से अब कोई वार्षिक रिपोर्ट पाकिस्तान के साथ साझा नहीं की जाएगी और इससे पाकिस्तान की कृषि और सिंचाई योजनाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी।
खेती-किसानी प्रभावित होने के कारण पाकिस्तान में आने वाले दिनों में खाने के लिए लाले पड़ सकते हैं। खाद्यान्न का संकट झेलना पाकिस्तान के लिए काफी मुसीबत भरा होगा। इसके साथ ही विद्युत परियोजनाएं भी ठप होने की आशंका है। इससे पाकिस्तान के बड़े शहरों इस्लामाबाद,लाहौर और कराची समेत तमाम अन्य इलाकों में अंधेरा छा सकता है।