Advertisement
Advertisement
TRENDING TAGS :
उत्तर प्रदेश-बिहार के बीच अब शवों की सियासत, यूपी बॉर्डर पर रोका तो पिंडदान रोकने की धमकी
सरकार के इस आदेश के बाद कैमूर के यूपी-बिहार बॉर्डर से कई शवों को वापस लौटाया जा चुका है।
नई दिल्ली: कोरोना के कहर के कारण काफी संख्या में लोगों की मौत के बाद अब उत्तर प्रदेश और बिहार में शवों की सियासत शुरू हो गई है। खबर है कि बक्सर में गंगा में काफी संख्या में लाशें मिलने के बाद अब यूपी सरकार ने बिहार से आने वाले शवों का यूपी में दाह संस्कार रोकने का फरमान जारी किया है। सरकार के इस आदेश के बाद कैमूर के यूपी-बिहार बॉर्डर से कई शवों को वापस लौटाया जा चुका है।
यूपी सरकार के इस कदम से कैमूर के लोगों में भारी नाराजगी दिख रही है और उन्होंने धमकी दी है कि अगर बिहार के शवों का यूपी में दाह संस्कार नहीं करने दिया जाएगा तो यूपी वालों को भी बिहार के गया में पिंडदान नहीं करने दिया जाएगा। उनको भी बॉर्डर से वापस लौटा दिया जाएगा।
बिहार से आने वाले शवों के दाह संस्कार पर रोक
जानकारों का कहना है कि बक्सर के चौसा में नदी में काफी संख्या में शवों के मिलने के बाद यूपी सरकार की ओर से बिहार से आने वाले शवों के दाह संस्कार पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए बॉर्डर इलाके में विधिवत चेकपोस्ट बना दिए गए हैं और पुलिस की तैनाती करके शवों को वापस लौटाया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इस बाबत सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया है।
गंगा किनारे अंतिम संस्कार की मान्यता
धार्मिक तौर पर काशी में अंतिम संस्कार की काफी मान्यता मानी जाती है और इस कारण बिहार से काफी संख्या में शव काशी और यूपी में अन्य स्थानों पर गंगा किनारे अंतिम संस्कार के लिए लाए जाते हैं। यूपी सरकार की ओर से अंतिम संस्कार पर रोक लगाने के बाद अब लोग शवों को लेकर वापस लौटने पर मजबूर हो रहे हैं।
यूपी सरकार के फरमान से नाराजगी
यूपी सरकार के इस फरमान से बिहार के सटे हुए इलाके के ग्रामीणों में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि कई पीढ़ियों से वे किसी की मौत होने पर यूपी में गंगा किनारे अंतिम संस्कार के लिए जाते रहे हैं। इसके साथ ही अस्थियों का गंगा में विसर्जन भी किया जाता है। उनका कहना है कि आज तक कभी शवों को अंतिम संस्कार से नहीं रोका गया। पहली बार शवों को यूपी में दाह संस्कार से रोका जा रहा है।
गंगा किनारे अंतिम संस्कार (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)
अंतिम संस्कार से रोकने की परंपरा नहीं
कर्मकांड के जानकारों का भी कहना है कि कभी भी शव को अंतिम संस्कार से रोकने की कोई परंपरा नहीं रही है। जब पूरा विधान करने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए घर से लेकर चला जाता है तो फिर कोई लौटकर वापस घर नहीं आता। फिर अंतिम संस्कार के बाद ही लोग अपने घर लौटते हैं। इन जानकारों ने भी यूपी में दाह संस्कार से रोके जाने पर अचरज जताया है।
ग्रामीणों ने पिंडदान से रोकने की दी धमकी
ग्रामीणों का कहना है कि अगर बिहार के शवों का यूपी में दाह संस्कार करने से इसी तरह रोका गया तो यूपी के लोगों के लिए गया में पिंडदान करना मुश्किल हो जाएगा। यूपी सहित पूरे देश के लोग पिंडदान करने के लिए गया पहुंचते हैं और उन्हें कभी नहीं रोका जाता मगर यूपी सरकार के इस कदम ने हमें यूपी के लोगों को गया में पिंडदान से रोकने के लिए मजबूर कर दिया है।
दोनों राज्यों में चल रही खींचतान
दरअसल उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच गंगा में मिले शवों को लेकर खींचतान चल रही है। बक्सर में काफी संख्या में शवों के मिलने के बाद बिहार सरकार के अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि ये शव उत्तर प्रदेश से बहकर बक्सर पहुंचे हैं। इसके बाद गाजीपुर और बलिया में भी गंगा में काफी संख्या में शव मिले थे।
हालांकि उत्तर प्रदेश के अधिकारी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि उत्तर प्रदेश के शव बहकर बक्सर पहुंचे थे। मजे की बात यह है कि उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों ही राज्यों में एनडीए की ही सरकार है मगर शवों को लेकर दोनों राज्यों के बीच सियासत चल रही है।
Next Story
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!