नए साल का जश्न मनाने के लिए नहीं थे पैसे, उठाया दिल दहलाने वाला कदम

Rishi
Published on: 23 Dec 2017 8:59 PM IST
नए साल का जश्न मनाने के लिए नहीं थे पैसे, उठाया दिल दहलाने वाला कदम
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रायबरेली : समाज में भौतिकता की चमक ने अपराध का पारा चढ़ा दिया है। ऐसे में अपराधी की उम्र मायने नहीं रखती। जश्न मनाने की ललक एवं पैसे की चमक ने किशोरों को ह्त्या जैसा अपराध करा दिया। मामला रायबरेली के शहर कोतवाली क्षेत्र के बेलीगंज मोहल्ले का है। जहां बीती रात एक बुजुर्ग महिला की हत्या से सनसनी फैल गई थी।

शहर के बीचोबीच हुई वृद्धा की हत्या से कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो गए थे। मौके पर पहुंची पुलिस और एसपी ने फारेंसिक टीम के साथ गहनता से घटना स्थल की जांच की और साक्ष्य जुटाए और घटना का चौबीस घंटे के भीतर खुलासा करने का दावा किया।

वारदात का खुलासा होने पर सब दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर हो गए। जब इस हत्याकांड के हत्यारे दो नाबालिग बच्चे निकले। जिनके पास नए साल की पार्टी करने के पैसे नहीं थे। पार्टी के लिए रूपये जुटाने के लिए इन लोगो ने अपने बुजुर्ग मालकिन का भरोसा तोड़ते हुए उसकी हत्या कर दी। घर में सोने का सामान लूट कर फरार हो गए।

घटना का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक ने बताया की आरोपी विकास और सैफ कल दोपहर में मृतका के पास पहुंचे लेकिन कुछ ही देर में वापस हो गए। कुछ देर बाद दोनों एक ईंट लेके फिर वृद्ध महिला के घर पहुंचे और वृद्धा के दरवाजा खोलते ही उसी ईट से वार कर दिया। जिससे 82 वर्षीया संतोष कपूर की मौत हो गयी। दोनों ने खून से लथपथ मृतका को घसीटते हुए घर के कमरे में ले गए फिर उसके हाथो में सोने के कंगन सहित घर में रखे दूसरे जेवरात, मोबाइल फोन और लैपटॉप लेकर साइकिल से अपने घर चल दिए।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाली जिसके बाद पुलिस वृद्धा के घर काम करने वाली लक्ष्मी के घर पहुंची और हत्या की गुत्थी सुलझी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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