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सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट गए रावण, सहारनपुर में पुलिस ने नहीं होने दी प्रेस कांफ्रेंस
सहारनपुर: हाल ही में जेल से रिहा होकर बाहर आए भीम आर्मी एकता मिशन के संस्थापक चंद्रशेखर रावण शनिवार को अपने केस की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं। उधर, आज यहां पर अपनी बात मीडिया के सामने रखने के लिए भीम आर्मी पदाधिकारियों द्वारा प्रेस वार्ता रखी गई थी। लेकिन परमिशन न होने की बात कहते हुए पुलिस प्रशासन ने भीम आर्मी पदाधिकारियों की प्रेसवार्ता को नहीं होने दिया गया। इस दौरान भीम आर्मी पदाधिकारियों ने पुलिस प्रशासन पर तानाशाह रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
रासुका की अवधि बढ़ाने को लेकर है याचिका
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बार बार रासुका की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर भीम आर्मी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जहां केंद्र और राज्य सरकार को तलब किया था। इसी याचिका की सुनवाई के लिए भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण आज सुबह ही दिल्ली रवाना हो गए।
उधर, भीम आर्मी पदाधिकारी राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजीत नौटियाल और जिलाध्यक्ष कमल वालिया ने अपनी आगे की रणनीति और आंदोलन के लिए यहां देहरादून रोड स्थित संत रविदास छात्रावास में प्रेस वार्ता बुलाई थी। दोपहर बारह बजे प्रेसवार्ता होनी थी। जैसे प्रेसवार्ता होने की जानकारी थानाध्यक्ष जनकपुरी को पता चली तो वह दल बल के साथ प्रेसवार्ता स्थल पर पहुंच गए और उन्होंने भीम आर्मी पदाधिकारियेां को प्रेसवार्ता करने से मना करते हुए रोक दिया।
इसी बात को लेकर भीम आर्मी पदाधिकारी और पुलिस के बीच हल्की नोंकझोंक भी हुई। पुलिस ने तर्क दिया कि प्रेसवार्ता के लिए पहले प्रशासन की अनुमति दिखाई जाए। जब तक अनुमति नहीं होगी, तब तक प्रेसवार्ता नहीं होने दी जाएगी। इस दौरान मीडिया वाले आए और चले गए। उधर, भीम आर्मी के प्रवक्ता मनजीत नौटियाल ने कहा कि भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर की रिहाई के बावजूद अडयिल रवैया अपनाए हुए हैं और तानाशाही दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में आज जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि हम केवल अपनी बात मीडिया के सामने रखा चाहते थे, लेकिन पुलिस ने अपना सख्त रवैया दिखाया है।
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