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वैभव हत्याकाण्ड : वकीलों की मनुहार से बची राजधानी पुलिस की लाज
लखनऊ : पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच भले ही 36 का आकड़ा रहता हो लेकिन राजधानी के चर्चित वैभव तिवारी हत्याकाण्ड में पुलिस के जवानो ने वकीलों के सामने मान मनुव्वल कर पुलिस की लाज बचा ली। हजरतगंज चौराहे के करीब पूर्व विधायक के बेटे की ह्त्या ने पुलिस के इकबाल पर ही सवालिया निशान लगा दिए थे। लखनऊ पुलिस 72 घंटे बीत जाने के बाद भी खाली हाथ थी। लेकिन वकीलों के सामने नतमस्तक पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर अपराधी विक्रम सिंह और सूरज शुक्ला को कचहरी से गिरफ्तार कर लिया। हत्याकाण्ड की वजह पैसे का लेनदेन और वर्चस्व की लड़ाई बताई जा रही है। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश कर 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। विक्रम सिंह महिला सब इंस्पेक्टर का बेटा है।
सात लाख के लेनदेन में हुई थी वैभव तिवारी की ह्त्या
हज़रतगंज चौराहे के करीब कसमंडा हाउस में हुई थी ह्त्या
लखनऊ पुलिस जिस हिस्ट्रीशीटर अपराधी विक्रम सिंह और सूरज शुक्ला को गिरफ्तार करने का दावा कर खुद की पीठ थपथपा रही हैं। दरअसल उन दोनों की गिरफ्तारी वकीलों से घंटों की मनुहार के बाद संभव हो सकी। शनिवार की रात भीड़भाड़ वाले इलाके हजरतगंज चौराहे के करीब कसमंडा हाउस में पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ़ जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव तिवारी की गोली मार कर ह्त्या कर दी गई थी। इस मामले में परिजनों ने हजरतगंज के हिस्ट्रीशीटर अपराधी विक्रम सिंह और सूरज शुक्ला के खिलाफ ह्त्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोपियों की शर्त पर हुई दोनों की गिरफ्तारी
अदालत पहुँच चुके हिस्ट्रीशीटर अपराधी विक्रम सिंह और सूरज शुक्ला ने अपने वकीलों के जरिये पुलिस के सामने शर्त रखी थी, कि वकीलों की मौजूदगी में ही वह अदालत में अपनी गिरफ्तारी देगा और पुलिस आज ही उस को अदालत में पेश करेगी। शर्तों के मुताबिक ही पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट से हिरासत में लेने के बाद आज ही अदालत में पेश कर दिया।
एसएसपी का दावा पुलिस ने की गिरफ्तारी
एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने दावा किया है कि पुलिस ने दोनों आरोपियों को उस वक़्त गिरफ्तार किया है जब दोनों आत्मसमर्पण के लिए न्यायालय जा रहे थे।
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