पढ़ाई में नहीं लगता मन...किताब खोलते ही आती है नींद? जानिए इसका कारण और आसान समाधान

Study Tips in Hindi: पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो इन आसान से उपायों को अपनाकर बढ़ा सकते हैं अपनी एकाग्रता।

Sonal Verma
Published on: 18 Sept 2025 5:31 PM IST (Updated on: 18 Sept 2025 5:34 PM IST)
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Study Tips in Hindi: विद्यार्थी जीवन में अक्सर देखा गया है कि बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता। जहां भी पढ़ाई-लिखाई का बात आती है बच्चे उससे बच कर भागना चाहते हैं। ऐसे में वे किताबों से बचने के लिए शिक्षकों और अभिभावकों से कई तरह के बहाने भी बनाते हैं। छात्रों के लिए पढ़ाई में मन न लगना एक आम समस्या है। चाहे स्कूल के छात्र हों या कॉलेज के, अक्सर वे किताबों को लेकर उदासीन महसूस करते हैं। अगर किताब खोलते ही आपको नींद आने लगती है तो इसका भी एक बड़ा कारण होता है, जिसे समझकर यदि आप उसे दूर करने में काम करते हैं तो पढ़ाई में आपका फोकस बढ़ सकता है। अक्सर माता-पिता और शिक्षक पढ़ाई में मन लागने को छात्रों की लापरवाही मानते हैं, लेकिन असल में इसके पीछे कई मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारण होते हैं। आइये जानते हैं कि किताबों से कैसे की जाये दोस्ती।


पढ़ाई में मन न लगने के प्रमुख कारण

1. स्पष्ट लक्ष्य की कमी

जब छात्र को यह नहीं पता होता कि वह किस मकसद से पढ़ रहा है, तो ध्यान भटकना स्वाभाविक है। रिसर्च बताती है कि जिन छात्रों के पास शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म लक्ष्य तय होते हैं, वे ज्यादा फोकस्ड रहते हैं।

2. बढ़ती तकनीक और सोशल मीडिया का प्रभाव

स्मार्टफोन और सोशल मीडिया पर बढ़ता समय पढ़ाई में सबसे बड़ी बाधा बन रहा है। American Psychological Association (APA) की 2020 की एक रिपोर्ट में पाया गया कि छात्रों के पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया नोटिफिकेशन ध्यान की क्षमता को 30-40 प्रतिशत तक कम कर देते हैं।

3. अनुचित अध्ययन पद्धतिबहुत से छात्र सिर्फ रटने पर निर्भर रहते हैं। यह तरीका जल्दी थकान लाता है और पढ़ाई को बोझ बना देता है। जब पढ़ाई से आनंद नहीं मिलता तो मन भी नहीं लगता।

4. मानसिक दबाव और तनाव

लगातार परीक्षा का डर, माता-पिता की अपेक्षाएँ और करियर को लेकर असमंजस भी ध्यान भटकने की बड़ी वजह हैं। Journal of Educational Psychology की एक स्टडी बताती है कि ज्यादा तनाव झेलने वाले छात्रों में सीखने की क्षमता घट जाती है।

5. स्वास्थ्य और जीवनशैली

नींद की कमी, असंतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि न करना भी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है।

रिसर्च क्या कहती है?

- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च (2019) के अनुसार, जब छात्रों को पढ़ाई के विषय को व्यावहारिक जीवन से जोड़कर पढ़ाया गया, तो उनकी रुचि और सीखने की क्षमता लगभग दोगुनी हो गई।

- Cambridge University की एक रिपोर्ट में पाया गया कि नियमित ब्रेक लेने वाले छात्र ज्यादा देर तक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।

-भारत में NCERT (2022) की एक रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि छात्रों में करियर गाइडेंस और मानसिक परामर्श की कमी पढ़ाई में रुचि कम होने का बड़ा कारण है।

पढ़ाई में मन लगाने के आसान तरीके

1. स्पष्ट लक्ष्य बनाएं

पढ़ाई को किसी प्रतियोगी परीक्षा, करियर या व्यक्तिगत विकास से जोड़ें। शॉर्ट-टर्म टारगेट (जैसे 2 घंटे में एक चैप्टर) और लॉन्ग-टर्म टारगेट (जैसे 6 महीने में परीक्षा की तैयारी पूरी करना) तय करें।

2. स्मार्ट स्टडी करें

सिर्फ रटने की बजाय माइंड-मैप्स, फ्लोचार्ट्स, और क्विज़ का उपयोग करें। यह पढ़ाई को इंटरैक्टिव बनाता है और रुचि बढ़ाता है।

3. डिजिटल डिटॉक्स अपनाएँ

पढ़ाई के समय मोबाइल को दूर रखें या डिजिटल वेलबीइंग ऐप का इस्तेमाल करें। रिसर्च बताती है कि बिना नोटिफिकेशन पढ़ाई करने वाले छात्रों का ध्यान 50% ज्यादा केंद्रित रहता है।

4. छोटे-छोटे ब्रेक लें

40-45 मिनट पढ़ाई के बाद 10 मिनट का ब्रेक लें। इससे दिमाग फ्रेश रहता है और ज्यादा देर तक पढ़ाई की जा सकती है।

5. मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें

मेडिटेशन, योग और पर्याप्त नींद एकाग्रता बढ़ाने में मदद करते हैं। WHO भी स्टूडेंट्स के लिए माइंडफुलनेस प्रैक्टिस की सलाह देता है।

6. पढ़ाई को जीवन से जोड़ें

जब छात्र यह समझते हैं कि गणित, विज्ञान या इतिहास का ज्ञान उनके भविष्य और रोज़मर्रा की जिंदगी में कैसे काम आएगा, तो वे ज्यादा रुचि से पढ़ते हैं।

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