खेलों में क्यूं रखी गयी हाथ मिलाने की परंपरा?कारण जानकर हैरान रह जायेंगे आप,ये है हैंड शेक का इतिहास

IND vs PAK Match Handshake: एशिया कप 2025 में भारत-पाक मुकाबले के बाद भारतीय टीम ने पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाया। आइये जानते हैं हाथ मिलाने की परंपरा का इतिहास।

Sonal Verma
Published on: 15 Sept 2025 6:49 PM IST
IND vs PAK 2025 Handshake Controversy
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IND vs PAK 2025 Handshake Controversy

IND vs PAK Match Handshake: 14 सितंबर 2025 को हुए भारत-पाकिस्तान मैच की चर्चा जोरों पर है। इस मैच का जहां एक ओर भारत में विरोध किया जा रहा था वहीं अब लोग भारतीय खिलाड़ियों की प्रशंसा कर रहे हैं। इस प्रशंसा कारण खिलाड़ियों का पहलगाम हमले में मारे गये लोगों के लिए दिया गया ट्रिब्यूट। साथ ही इस मैच में ऐसा हुआ जो अभी तक किसी भी मैच में देखने को नहीं मिला। पाकिस्तान को 7 विकट से करारी मात देने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद्वंदी के साथ हाथ मिलाने की परंपरा को नहीं निभाया। इसके बाद से इस इसे लेकर लोगों के बीच गली-चौराहों से लेकर सोशल मीडिया तक बहस छिड़ गयी है। पाकिस्तानी खिलाड़ी इंतजार करते रह गये और भारतीय खिलाड़ी हाथ मिलाये बिना ही सीधे अपने ड्रेसिंग रूम लौट गए।

हाथ मिलाने की परंपरा का दिलचस्प इतिहास

हाथ मिलाने की परंपरा हजारों साल पुरानी है। इतिहासकार बताते हैं कि प्राचीन ग्रीस में लोग एक-दूसरे से हाथ मिलाकर यह दिखाते थे कि उनके हाथ खाली हैं और वे किसी हथियार के साथ नहीं हैं। यानी यह परंपरा विश्वास और दोस्ती की निशानी मानी जाती थी। धीरे-धीरे यह पश्चिम से लेकर पूर्व तक फैली और आज खेलों से लेकर औपचारिक मुलाकातों तक हर जगह सम्मान के साथ एक दूसरे से भेंट करने का प्रतीक बन चुकी है।

खेलों में हाथ मिलाने की परंपरा

मैच के बाद खिलाड़ियों का एक-दूसरे से हाथ मिलाना सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि स्पोर्ट्समैनशिप का प्रतीक माना जाता है। यह दर्शाता है कि मैदान पर चाहे कितनी भी टक्कर क्यों न हो, खेल खत्म होने के बाद दोनों टीमों में आपसी सम्मान कायम है। यही कारण है कि क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस जैसे लगभग हर खेल में मैच के अंत में खिलाड़ियों के बीच हाथ मिलाने की परंपरा निभाई जाती है।

हाथ मिलाने के पीछे का मनोविज्ञान (Phycology Behind Handshake Gesture)

मनोविज्ञान के अनुसार हाथ मिलाना सिर्फ एक “जेस्चर” नहीं है बल्कि यह सामने वाले के प्रति एक्सेप्टेंस और ट्रस्ट का संकेत है। जब कोई टीम हाथ नहीं मिलाती तो यह संदेश जाता है कि या तो रिश्तों में खटास है या फिर भावनाएं इतनी गहरी हैं कि खिलाड़ी परंपरा निभाने के लिए तैयार नहीं।

पहली बार नहीं हुआ है ऐसा (No Handshake)

खेलों के इतिहास में इससे पहले भी कई ऐसे इंसीडेंट्स हुए हैं जब दो टीम के खिलाड़ियों ने एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाया है। इसमें टेनिस में सेरेना विलियम्स और मारिया शारापोवा का विवाद, या फुटबॉल में नस्लभेद को लेकर खिलाड़ियों का हाथ न मिलाने जैसी घटनाएं शामिल हैं।

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