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BHU को किसकी लगी नजर,एक बार फिर उबल पड़ा कैम्पस
सर्व शिक्षा की राजधानी कहे जाने वाली काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आज एक बार फिर उबल पड़ा। साथी छात्र के गिरफ्तारी के बाद नाराज छात्रों ने कैम्पस में बवाल शुरू कर दिया। छात्रों ने
वाराणसी:सर्व शिक्षा की राजधानी कहे जाने वाली काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आज एक बार फिर उबल पड़ा। साथी छात्र के गिरफ्तारी के बाद नाराज छात्रों ने कैम्पस में बवाल शुरू कर दिया। छात्रों ने कैम्पस में खड़ी दर्जन भर से आधिक गाड़ियों में तोड़फोड़ की और जगह जगह पथराव भी किया। यही नहीं छात्रों ने बीच बचाव के लिए आ रही चीफ प्रॉक्टर पर भी पथराव किया।
BHU में छात्रा से छेड़खानी और लाठीचचार्ज के बाद आज एक बार फिर कैम्पस में छात्रों ने बवाल किया। समाजवादी छात्रसभा के छात्रनेता आशुतोष सिंह आसु के गिरफ्तारी के बाद छात्रों ने BHU में जमकर उपद्रव किया। हॉस्टल लेन से लगायत BHU अस्पताल और सिंह द्वार सहित आसपास के इलाकों में छात्रों का तांडव देखने को मिला। छात्रों ने पूरे कैम्पस में जगह जगह खड़ी गाड़ियों में तोड़ फोड़ और पथराव किया। छात्रों का तांडव देख कैम्पस में हर कोई सहम गया और अपनी जान बचाकर भागता दिखा।
दरअसल मामला पिछले दिनों कैम्पस में हुए आईआईटी बीएचयू के मिस्किट प्रोग्राम में हुए विवाद से जुड़ा है विवाद के बाद हंगामे में लंका थाने में मुकदमा दर्ज था जिसमे छात्र नेता आशुतोष सिंह का नाम शामिल था आज लंका पुलिस ने इसी मामले में आशुतोष सिंह को जारी एनबीडब्लू की नोटिस तामील करा कर गिरफ्तार लिया जिसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क गया और कैम्पस में जगह जगह हिंसक बवाल शुरू हो गया। फिलहाल BHU कैम्पस में मामला तनाव पूर्ण बना है और पुलिस बल पूरे मोर्चे पर मोर्चा संभाली हुई है।
दरअसल बीएचयू में ऐसी अराजक स्थिति पिछले तीन साल से बेहतर प्रशासन की वजह से दबी रही, अब जब पूर्व कुलपति जीसी त्रिपाठी को गए महज कुछ महीने ही बीते हैं तो कैम्पस में अराजकता का खुला खेल सामने आ गया।पूर्व कुलपति के समय में कैम्पस से जुड़े बवाल, विद्रोह को निय़ंत्रित करने में प्रशासन उस समय भी फेल था और आज भी स्थिति वही बनी हुई है।छ़ात्रों के उग्र आंदोलन ने सर्व शिक्षा की राजधानी कहे जाने वाली काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को एक बार फिर सुर्खियों ला दिया है।
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