CUET: ऑनलाइन मॉक टेस्ट से छात्रों को मिला कंप्यूटर आधारित टेस्ट का अनुभव, सरकारी (स्कूलो ) के छात्रों दी जा रही हैं, फ्री कोचिंग

उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि, दिल्ली के सरकारी स्कूलो में सभी उन छात्रों को CUET टेस्ट की तैयारी के लिए सहायता प्रदान की जायें, जो मोटी फीस के कारण कोचिंग नही ले पा रहें|

Srishti Shrivastava
Published on: 13 July 2022 6:15 PM IST
CUET: ऑनलाइन मॉक टेस्ट से छात्रों को मिला कंप्यूटर आधारित टेस्ट का अनुभव, सरकारी (स्कूलो ) के छात्रों दी जा रही हैं, फ्री कोचिंग
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CUET: ऑनलाइन मॉक टेस्ट से छात्रों को मिला कंप्यूटर आधारित टेस्ट का अनुभव, सरकारी स्कूलो के छात्रों दी जा रही हैं, फ्री कोचिंग


दिल्ली विश्वविद्यालय समेत अन्य केंद्रीय विवि में पहली बार दाखिले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (CUET) से होने जा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार ने टेस्ट की तैयारी के लिए अपने छात्रों को फ्री कोचिंग प्रदान की है। इस कोचिंग के तहत 20 दिनों में पांच हजार छात्रों को प्री-प्रेटरी क्लासेज दी गई। वहीं छात्रों को 13 से अधिक विषयों की तैयारी के लिए मार्गदर्शन किया गया। इसके साथ ही उन्हें ऑनलाइन मॉक टेस्ट सीरीज के जरिए कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का अनुभव दिया गया।

अब 15 जुलाई से सीयूईटी परीक्षा की शुरुआत होने जा रही है। उससे पहले मंगलवार को उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने चिराग एन्कलेव स्थित कौटिल्य सर्वोदय विद्यालय के छात्रों से सीयूईटी एंट्रेस टेस्ट की तैयारियों के अनुभवों को जानने और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए बातचीत की।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढने वाले बहुत से छात्र ऐसे हैं, जो आयोजित होंने वाले CUET एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करना चाहते हैं। लेकिन पैसे के अभाव (के ) कारण कोचिंग संस्थानों की मोटी फीस का भुगतान नहीं कर सकते। ऐसे में यह सुनिश्चित किया गया कि टेस्ट देने के इच्छुक छात्रों को स्कूली स्तर पर ही सहायता प्रदान की जाए। ताकि सभी को इस एंट्रेंस टेस्ट को देने औऱ उसमें सफल होंने का मौका

वही उपमुख्यमंत्री के अनुसार करीब पांच छात्रों के लिए 20 दिनों की प्रीप्रेटरी क्लासेज का आयोजन किया गया। ऑनलाइन मॉक टेस्ट सीरीज के जरिए कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का अनुभव दिया गया। इसके लिए आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के लिए मॉक टेस्ट तैयार किए गए थे। इससे छात्रों को समय प्रबंधन, तनाव प्रबंधन कौशल सीखने को मिले। इस सीरीज के द्वारा उन छात्रों का मनोबल भी (बड़ा ) औऱ उन्हें पेपर का पैर्टन समझ भी आया (जिसके अभ्यास से आत्मविश्वास बढ़ा जिससे उनका डर कम हुआ।)

शिक्षा मंत्री ने छात्रों को कहा कि आने वाले साल में इस परीक्षा की तैयारी के लिए और गाइडेंस के लिए अपने जूनियर साथियों का सहयोग करने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेंद्र शर्मा, व शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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