TRENDING TAGS :
DIOS का यू टर्न, पुराने कक्ष निरीक्षकों के जरिए संपन्न होंगी बोर्ड परीक्षाएं
विभागीय कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी के 150 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 5000 कक्ष निरीक्षकों की तैनाती होनी हैं। इसके लिए राजधानी के 750 कॉलेजों को निर्धारित प्राइज के 6 बिंदुओं पर अध्यापकोंं का विवरण भरकर काउंटरसाइन के लिए आईडी कार्ड डीआईओएस कार्यालय में 4 मार्च तक जमा करवानेे थे।
लखनऊ : आगामी यूपी बोर्ड परीक्षाएं 16 मार्च से प्रस्तावित हैं। लेकिन अभी तक राजधानी के 150 परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी हैं। इस परिस्थिति में डीआईओएस ने यू-टर्न लेते हुए पुराने कक्ष निरीक्षकों के जरिए ही बोर्ड परीक्षाओं को संपन्न करवाने का निर्णय ले लिया है।
केवल 150 कॉलेजों ने दिया ब्यौरा
-विभागीय कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी के 150 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 5000 कक्ष निरीक्षकों की तैनाती होनी हैं।
-इसके लिए राजधानी के 750 कॉलेजों को निर्धारित प्राइज के 6 बिंदुओं पर अध्यापकोंं का विवरण भरकर काउंटर साइन के लिए आईडी कार्ड डीआईओएस कार्यालय में 4 मार्च तक जमा करवानेे थे।
-लेकिन अभी तक सिर्फ 150 कॉलेजो ने अपना ब्यौरा विभाग को उपलब्ध करवाया है।
फर्जी निरीक्षकों से निजात दिलाना
-डीआईओएस उमेश त्रिपाठी के अनुसार बोर्ड परीक्षा के लिए कक्ष निरीक्षकों की तैनाती के लिए निर्धारित प्रारूप पर 6 बिंदुओं में सूचना मांगी गई थी।
-इसका मकसद था कि बीते सालों की तरह इस बार फर्जी कक्ष निरीक्षकों पर लगाम लगाना।
नि-रीक्षकों के मानदेय वितरण में आने वाली अड़चनों से विभाग को निजात दिलाना।
अधिक जानकारी के लिए आगे की स्लाइड्स में जाएं...
26 फरवरी से बढ़कर 4 मार्च हुई थी डेडलाइन
-प्रारूप भरकर कॉलेजों को 26 फरवरी तक डीआईओएस कार्यालय में जमा करवाने थे।
-लेकिन जब 26 फरवरी तक किसी भी कॉलेज ने विभाग को सूचना उपलब्ध नहीं करवाई तो इस तिथि को बढ़ाकर 4 मार्च कर दिया गया।
-लेकिन डेडलाइन खत्म हो जाने के बाद भी राजधानी के 750 में से सिर्फ 150 कॉलेजों की ओर से सूचना दी गई।
-इसके बाद डीआर्इओएस ने पत्र जारी करके पुराने कक्ष निरीक्षकों के आईडी कार्ड को मान्य करार दे दिया।
-केवल इस शैक्षिक सत्र में नियुक्त हुए अध्यापकों के आईडी कार्ड को काउंटर साइन करने के लिए डीआईओएस कार्यालय भिजवाने का सर्कुलर जारी किया।
2017 का ये था फॉर्मेट
-डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया की इस बार वर्ष 2017 में कक्ष निरीक्षकों को जिस आई-कार्ड का वितरण किया जाना था।
-उसमें 6 बिंदुओ को शामिल किया गया था।
-जिसमें राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त और वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का 6 बिन्दुओं पर ब्यौरा मांगा गया था।
-इसमें शिक्षक का नाम,पदनाम,पिता का नाम,विद्यालय का नाम,विद्यालय में नियुक्ति की तिथि, शैक्षिक योग्यता का स्पष्ट विवरण जिसमें ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन के विषय के साथ शिक्षक द्वारा वर्तमान में पढ़ाए जा रहे सब्जेक्ट का डिटेल शामिल था।
परिचय पत्रों को 4 मार्च तक करना था जमा
-परिचय पत्र पर शिक्षक की विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा सत्यापित फोटो होना निर्धारित था।
-परिचय पत्र को शिक्षक और प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर और मोहर के साथ डीआईओएस द्वाराकाउंटरसाइन करवाना प्रस्तावित था।
-इन परिचय पत्रों को डीआईओएस द्वारा काउंटरसाइन करवाने के लिए 4 मार्च तक डीआईओएस कार्यालय में जमा किया जाना था।
-लेकिन सब कुछ नियत समय से न होने के चलते प्रक्रिया में बदलाव करना पड़ गया।
पिछले वर्षों में होती थी अनियमितता
-माध्यमिक शिक्षक़ संघ के प्रादेशिक संरक्षक आर पी मिश्र ने बताया की बीते वर्षो में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान घोर अनियमितता होतीं आई है।
-पिछले साल ही इंदिरा नगर के सक्सेना इंटर कॉलेज में बक्शी का तालाब क्षेत्र के एक गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय के बच्चे परीक्षा देते पाए गए थे।
-इसमें कक्ष निरीक्षक समेत केंद्र अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी।
-तत्कालीन जिलाधिकारी राजशेखर द्वारा इस मामले में एफआईआर के निर्देश भी दिए गए थे।
फिर सवालों के घेरे में आई कक्ष निरीक्षकों की तैनाती
-इसके अलावा कई जगहों पर अवैध और गैर अर्ह कक्ष निरीक्षक परीक्षा कराते पाए गए थे।
-इसके बाद मानदेय वितरण को लेकर भी काफी खींचतान रही थी।
-इस बार नए फार्मेट पर आईडी कार्ड बनकर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती का सकुर्लर जारी किया गया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।
-इस तरह से बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की तैनाती प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!


