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DU: बीकॉम ऑनर्स में बदलेगा एडमिशन क्राइटेरिया, छात्रों को मिलेगा बराबर का मौका
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के शिक्षण सत्र 2017-18 में बी. कॉम ऑनर्स में एडमिशन की राह कठिन होने वाली है। डीयू नए एडमिशन प्रॉसेस में ऐसी व्यवस्था कर रही है, जिसमें किसी एक खास क्षेत्र के छात्रों को ही दाखिला ना मिले। जिससे देशभर से आने वाले सभी स्टूडेंट्स को हाई कटऑफ के बाद एडमिशन के लिए बराबर का अवसर मिले।
नई दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के शिक्षण सत्र 2017-18 में बीकॉम ऑनर्स में एडमिशन की राह कठिन होने वाली है। डीयू नए एडमिशन प्रॉसेस में ऐसी व्यवस्था करने जा रही है, जिसमें किसी एक खास क्षेत्र के छात्रों को ही दाखिला ना मिले। जिससे देशभर से आने वाले सभी स्टूडेंट्स को हाई कटऑफ के बाद एडमिशन के लिए बराबर का अवसर मिले।
दरअसल, बीते सालों में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) जैसे टॉप कॉलेज में दक्षिण भारत से ही ज्यादातर स्टूडेंट्स को एडमिशन मिला। मगर इस बार डीयू क्राइटेरिया में बदलवा करना चाह रही है जिससे सभी क्षेत्र के छात्रों को बराबर मौका मिले।
डीयू में बीकॉम ऑनर्स सरीखे कोर्स में मैथ्स में पास होना जरूरी हैं। वहीं दूसरे विषय के तौर पर एकाउंट्स, बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स देखा जाता है। यह विषय सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में है। राज्य शिक्षा बोर्ड में यह विषय कम होते है।
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छात्रों को मिलेगा बराबर मौका
-सीबीएसई और राज्य बोर्ड के सब्जेक्ट्स और कोर्सेज में अलग-अलग होता है।
-मगर ज्यादा फायदा सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स को होता है।
-ऐसे में डीयू सभी बोर्ड के छात्रों को ध्यान में रखते हुए कॉमर्स विषय वाले छात्रों को वेटेज देने की तैयारी में है।
-वर्तमान में बीकॉम ऑनर्स के लिए छात्रों के लिए मैथ्य, एकाउंट्स, बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स विषय होने पर वरीयता दी जाती है।
-लेकिन दूसरे राज्य के बोर्ड मैथ्य और एकाउंट्स तो लेते है, मगर बाकी दो विषयों को वरीयता नहीं देते है।
-डीयू सभी तरह के छात्रों को ध्यान में रखकर बीकॉम ऑनर्स में दाखिले की नई गाइडलाइन को फाइनल रूप दे रहे है।
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