TRENDING TAGS :
ये कैसा हिंदी दिवस, यूपी के हिंदी संस्थान से ही नाराज हुए साहित्यिकार, जानिए वजह
लखनऊ: देश और प्रदेश के अनेक साहित्यकारों को हिन्दी दिवस के मौके पर निराश होना पड़ा और इसकी वजह बना उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान। हिंदी दिवस पर उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से सम्मानित किए जाने वाले साहित्यकारों को हिंदी दिवस पर परम्परागत रूप से सम्मानित किया जाता रहा है। लेकिन इस बार यह आयोजन नहीं हो सका। जिसका बहुतेरे साहित्यकारों को मलाल है। हिंदी दिवस एक तरह से उनके लिए सूना सूना सा हो गया।
टाल दिया गया सम्मान समारोह
दरअसल उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान हर साल 50 से अधिक साहित्यकारों को 14 सितम्बर को सम्मानित किया करता है। इनमें से अधिकांश सम्मान किसी ना किसी साहित्यकार के नाम से होते हैं। हिंदी दिवस के सम्मान समारोह का ना केवल साहित्यकारों को वरन साहित्यप्रेमियों को भी इंतजार रहता है। लेकिन इस बार हिंदी संस्थान ने यह समारोह 24 अक्टूबर तक टाल दिया गया। इसकी सूचना भी पुरस्कार के लिए नामित किए गए साहित्यकारों को काफी देर में मिली। मजमून पढकर वह दुखी हुए।
समय के अभाव को बताया वजह
इस संबंध में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो सदानन्द गुप्ता का कहना है कि हम लोगों ने इस बार रचनाकारों से प्रविष्टियां आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन देर से प्रकाशित कराया। इसकी वजह से विभिन्न समितियों को समीक्षा के लिए भेजी जाने वाली पुस्तकें भी समितियों के पास देर से पहुंची और पुरस्कार घोषित करने में भी देरी हुई क्योंकि सम्मान समारोह में उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी हिंदी सेवी बुलाए जाते हैं। उनके आने जाने का टिकट और रूकने का मुकम्मल इंतजाम करना पड़ता है जो कि इतने कम समय में संभव नहीं हो पाता। इसीलिए हिंदी दिवस पर होने वाला सम्मान समारोह टाल दिया गया। अब यह समारोह 24 अक्टूबर को आयोजित होगा। इसकी तैयारियां की जा रही हैं। एक सवाल के जवाब में प्रो गुप्ता ने सफाई देने वाले अंदाज में कहा कि अगली बार हम लोग पहली अप्रैल से ही पुरस्कार प्रक्रिया शुरू कर देंगे और सम्मान समारोह भी 14 सितम्बर को ही आयोजित किया जाएगा। हालांकि पुरस्कारों की सूची जारी कर दी गई है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!