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एक साल के अंदर 889 स्टूडेंट्स ने छोड़ी IIT की पढ़ाई
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में पढ़ाई करने का सपना हर इंजीनियर देखता है। वहीं इसमें एडमिशन के लिए भी स्टूडेंट्स को काफी मेहनत करनी पड़ती है। कड़ी मेहनत के बाद यहां एडमिशन मिल पाता है।
नई दिल्ली: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में पढ़ाई करने का सपना हर इंजीनियर देखता है। वहीं इसमें एडमिशन के लिए भी स्टूडेंट्स को काफी मेहनत करनी पड़ती है। कड़ी मेहनत के बाद यहां एडमिशन मिल पाता है।
यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले एक साल में आईआईटी के 889 छात्रों को खराब प्रदर्शन के कारण बाहर निकाल दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ स्टूडेंट्स ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। जिसकी वजह ये बताई गई है कि मुश्किल पढ़ाई के कारण वह अपनी पर्सनल लाईफ में भी परेशान रहते हैं। एमटेक और एमएससी की पढ़ाई को बीच में छोड़ने वाले छात्रों की संख्या 630 है।
196 छात्रों ने पीएचडी छोड़ी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) और पीएचडी के कारण अलग-अलग हैं। पीएचडी में 196 छात्रों ने अपना शोध कार्य अधूरा छोड़ दिया। फिर सभी छात्रों ने बीएचयू, मद्रास और गांधी नगर में अपनी पढ़ाई पूरी की है।
बता दें, देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थान आईआईटी में दाखिले के लिए बच्चे दिन रात एक कर देते हैं। ऐसे में छात्र आईआईटी की पढ़ाई बीच में छोड़ रहे हैं जो एक चिंता का विषय है। 63 बीटेक प्रोग्राम के छात्रों ने IIT को बीच में छोड़ा।
7 लाख से 15 लाख रुपए तक का खर्च
सूत्रों के मुताबिक, IIT स्टूडेंट्स के बीच में पढ़ाई छोड़ने से सरकार और देश को काफी नुकसान झेलना पड़ता है। बीचेक और पीएचजी के एक छात्र को तैयार करने में सरकार का 7 लाख से 15 लाख रुपए तक खर्च आता है। जबकि एक छात्र से प्रति वर्ष फीस के रूप में महज 30-35 हजार रुपए लिए जाते हैं। ऐसे में बीच में पढ़ाई छोड़ने पर सरकार का धन बर्बाद हो जाता है।
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