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मल्टीमीडिया मोबाइल का इस्तेमाल करते थे स्टूडेंट्स, दारूल उलूम ने किया रेस्टीकेट
सहारनपुर: दारुल उलूम प्रबंधतंत्र के कड़े निर्देशों के बावजूद मल्टी मीडिया मोबाइल का प्रयोग करते हुए पकड़े जाने पर संस्था ने दो छात्रों को निष्कासित कर दिया है। संस्था के इस कड़े रुख से छात्रों में हड़कम्प मच गया है।
पहले जारी की नोटिस, फिर लिया एक्शन
विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद में नया शिक्षण सत्र शुरू होने के साथ ही प्रबंधतंत्र ने बकायदा नोटिस जारी कर छात्रों के लिए मल्टीमीडिया मोबाइल के प्रयोग को वर्जित करार दे दिया था। संस्था के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी के हस्ताक्षर युक्त उक्त नोटिस में मल्टीमीडिया मोबाइल पर पाबंदी की वजह बताते हुए कहा गया था कि इसके इस्तेमाल के कारण छात्रों की एकाग्रता भंग होती है और वह पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। नोटिस में स्पष्ट निर्देश दिये गए थे कि छात्र अपने मल्टीमीडिया मोबाइल अपने घर पर ही छोड़ आए। यदि ईदुलजुहा की छुटटी के बाद कोई छात्र छात्र मल्टीमीडिया मोबाइल का प्रयोग करते हुए पकड़ा गया तो उसका सीधे संस्था से निष्कासन कर दिया जाएगा।
इतना ही नहीं निष्कासन की कार्यवाही के बाद किसी भी व्यक्ति विशेष की सिफारिश भी नहीं मानी जाएगी। संस्था के सख्त निर्देशों के बावजूद रविवार को मुजफ्फरनगर निवासी अरबी हफ्तुम (कक्षा सात) व सहारनपुर निवासी शोबा खुशखती (सुंदर लेख) के छात्र के पास से मल्टीमीडिया मोबाइल बरामद हो गया, जिसके बाद प्रबंधतंत्र ने अपनी चेतावनी के अनुसार दोनों छात्रों को संस्था से निष्कासित कर दिया। प्रबंधतंत्र द्वारा की गई इस सख्त कार्यवाही से छात्रों में हड़कम्प मचा हुआ है। संस्था द्वारा दोनों छात्रों का निष्कासन करने सम्बंधित बाकायदा पत्र जारी करते हुए अन्य छात्रों को मल्टीमीडिया मोबाइल के इस्तेमाल से बचने के लिए निर्देशित किया गया। छात्रावास के प्रभारी मौलाना मुनीर ने बताया कि प्रबंधतंत्र के आदेशों की अवहेलना करने वाले छात्रों के साथ किसी प्रकार की रियायत नहीं की जाएगी।
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