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KGMU: खत्म हुआ इंतज़ार, अब दिल के मरीज़ों का जल्दी होगा उपचार
लखनऊ: राजधानी ही नहीं प्रदेश भर के मरीज़ों को अभी तक दिल के इलाज के लिए महीनों चक्कर लगाने पड़ते थे। केजीएमयू आने वाले मरीज़ों को महीनों इंतज़ार करना पड़ता था। एंजियोग्राफी, टीएमटी जाँच और इलाज के लिए अब मरीज़ों को वेटिंग लिस्ट में नहीं रहना पड़ेगा। यहां चौथी कैथ लैब शुरू करने की तैयारी हो रही है।
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निजी लैब में खर्च करने पड़ते थे 4 से 5 गुना ज़्यादा रूपए
कैथ लैब में वेटिंग होने की वजह से मरीज़ों को निजी अस्पताल जाना पड़ता था जहाँ उन्हें 4 से 5 गुना ज़्यादा रुपए खर्च करने पड़ते थे। केजीएमयू में पहले से ३ लैब मौजूद हैं लेकिन मरीज़ों की संख्या ज़्यादा होने के कारण कई मरीज़ों को वेट करना पड़ता था. ओपीडी में करीब ७०० मरीज़ देखे जाते हैं. २५० से ३०० मरीज़ों को टेस्ट की ज़रुरत पड़ती है. लेकिन २५ से ३० मरीज़ों की ही एंजियोग्राफी हो पाती है जिस वजह से दूसरे मरीज़ों को इंतज़ार करना पड़ता।
बेड बढ़ाने की भी हो रही कोशिश
कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो वी एस ने बताया की कार्डियोलॉजी विभाग में ८८ बेड हैं। यहां बेड के साथ स्टाफ बढ़ाने की भी कोशिश की जा रही है। ढाई महीने की वेटिंग अब २ महीने तक पहुँच गई है। काम पूरा हो चुका है, जल्द ही सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।
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लगाई जा रहीं मशीनें
कैथ लैब में मशीनें लगाई जा रही हैं. पहले हफ्ते ट्रायल में ५ से १० मरीज़ों की एंजियोग्राफी की जाएगी। इसके साथ ही एंजियोप्लास्टी, एबीजी एनालिसिस ईसीजी , ईएसआर, टीएमटी, बीएमवी, ईको भी किया जाएगा।
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सांसद निधि से भी मिलेगी मदद
राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने जुलाई में अपनी निधि से ५ करोड़ रूपए देने की बात कही थी। शासन से मंज़ूरी के बाद एक और कैथ लैब यहाँ खुलेगी। इसके बाद यहां वेटिंग की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
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