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उच्चतर शिक्षा निदेशालय द्वारा डिग्री कालेजों में कार्यरत मानदेय शिक्षकों के समायोजन प्रक्रिया पर रोक
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने डॉ गीतिका नागर व् राकेश कुमार व् अन्य कई लोगो की याचिकाओं पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता शैलेंद्र ने बहस की। कोर्ट के समक्ष मानदेय शिक्षकों के समायोजन में आरक्षण का मुद्दा है। कुछ याचियों जो तदर्थ शिक्षक है, ने नियमित किये जाने की मांग में याचिका दाखिल की है। तो कुछ मानदेय पर कार्यरत शिक्षकों ने डॉ दीनानाथ यादव केस के अंतरिम आदेश के तहत आरक्षण लागू करने को चुनौती दी है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा निदेशालय है द्वारा डिग्री कालेजो में कार्यरत मानदेय व् तदर्थ शिक्षकों के समायोजन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है, और याची को आयोग के दाखिल जवाबी हलफनामे का जवाब दाखिल करने का समय दिया है।
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याचिका की सुनवाई 10 जनवरी को
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने डॉ गीतिका नागर व् राकेश कुमार व् अन्य कई लोगो की याचिकाओं पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता शैलेंद्र ने बहस की। कोर्ट के समक्ष मानदेय शिक्षकों के समायोजन में आरक्षण का मुद्दा है। कुछ याचियों जो तदर्थ शिक्षक है, ने नियमित किये जाने की मांग में याचिका दाखिल की है। तो कुछ मानदेय पर कार्यरत शिक्षकों ने डॉ दीनानाथ यादव केस के अंतरिम आदेश के तहत आरक्षण लागू करने को चुनौती दी है।
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इनका कहना है कि यादव की याचिका कोर्ट ने वापस करते हुए ख़ारिज कर दी है। ऐसे में आयोग इस केस में दिए गए अंतरिम आदेश को लागू नही कर सकता।कोर्ट के निर्देश पर आयोग ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया है। याचीगण के प्रत्युत्तर हलफनामे के बाद 10 जनवरी को सुनवाई होगी।
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