TRENDING TAGS :
फुटपाथ पर सोते थे जावेद अख्तर, ऐसे मिला 14 बार फिल्म फेयर अवाॅर्ड
हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार जावेद अख्तर का 17 जनवरी को 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 1945 को ब्रिटिश इंडिया के अधीन ग्वालियर (मध्यप्रदेश) शहर में हुआ था। वह एक गीतकार ही नहीं बल्कि प्रख्यात कवि और स्क्रिप्टराइटर भी हैं।
मुंबई: हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार जावेद अख्तर का 17 जनवरी को 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 1945 को ब्रिटिश इंडिया के अधीन ग्वालियर (मध्यप्रदेश) शहर में हुआ था। वह एक गीतकार ही नहीं बल्कि प्रख्यात कवि और स्क्रिप्टराइटर भी हैं। पद्मश्री, पद्मभूषण और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित जावेद को अब तक 5 नेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं।
उनकी लिखी हुई गजलें और कहानियां लोगों के दिलों में बसी हैं और उनकी कलम के जादू के मुरीद लाखों नहीं बल्कि करोड़ों हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कलम के इस जादूगर की सलीम खान से पहली मुलाकात बतौर क्लैपर बॉय हुई थी। तो आईये आज उनके जन्मदिन के अवसर पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें....
ये भी पढ़ें: दमदार आवाज़ के साथ निभाया विलेन का रोल, चार शादी कर चर्चा में रहे कबीर बेदी
सोते थे फुटपाथ पर या पेड़ के नीचे
जावेद अख्तर का जन्म ग्वालियर में हुआ था और उनके पिता का नाम जैन निसार अख्तर बॉलीवुड के एक मशहूर लिरिक्स राइटर थे। वह उर्दू के मशहूर कवि थे और उनकी मां साफिया अख्तर एक गायक थीं। जावेद अख्तर 4 अक्टूबर 1964 को मुंबई आए थे। तो उस दौरान उनके सिर पर न तो छत थी न ही तीन टाइम के खाने की व्यवस्था थी। उन्होंने फिल्मों में जगह बनाने के लिए स्ट्रगल करना शुरु किया। उस दौरान वो पेड़ के नीचे या फिर फुटपाथ पर सोया करते थे।
14 बार फिल्म फेयर अवाॅर्ड से हो चुके सम्मानित
जावेद अख्तर को 14 बार फिल्म फेयर अवाॅर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। 7 बार बतौर बेस्ट स्क्रिप्ट राइटर और सात बार बतौर बेस्ट लिरिसिस्ट उन्हें इस अवाॅर्ड से नवाजा गया है। इतना ही नहीं पांच बार जावेद को नेशनल अवाॅर्ड पाने का मौका भी मिला है। 2013 में उन्हें उर्दू साहित्य एकेडमी अवाॅर्ड भी मिला। उन्हें ये सम्मान अपनी लिखी उर्दू कविताओं के कलेक्शन 'लावा' के लिए दिया गया था। ये देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है।
जादू है जावेद का असली नाम
बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि जावेद अख्तर का असली नाम जादू था। जावेद अख्तर के पिता ने एक कविता लिखी थी, 'लम्हा-लम्हा किसी जादू का फसाना होगा' से उन्होंने अपने बेटे का नाम चुना था। बाद में उनका नाम जादू से बदलकर जावेद कर दिया गया जो आज देश दुनिया में प्रसिद्ध हैं।
ये भी पढ़ें: शाहिद का नाम लेकर चिढ़ा रहे थे रणबीर, प्रियंका ने ऐसे कर दी बोलती बंद
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!