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पद्मावती विवाद में कूदी यूपी सरकार, लिखी MIB को लंबी चौड़ी चिट्ठी
लखनऊ : निर्देशक संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावती को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। ऐसे में यूपी कैसे इस से अछुता रह सकता है। राजपूत करणी सेना के संस्थापक व संरक्षक लोकेंद्र सिंह कलवी ने भी ऐलान कर दिया है कि रिलीज की तारीख के पहले हम गुरुग्राम, पटना, लखनऊ, भोपाल सहित देश भर में रैली करेंगे।
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इसके बाद यूपी के गृह विभाग ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव को पत्र लिखकर पद्मावती फिल्म की स्क्रिप्ट व ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किये जाने को लेकर व्याप्त जनाक्रोश एवं इसके रिलीज होने से शान्ति व्यवस्था पर सम्भावित प्रतिकूल प्रभाव के सम्बन्ध में सेंसर बोर्ड को अवगत कराने को कहा है, जिससे फिल्म के प्रमाणन पर निर्णय लेते समय बोर्ड के सदस्य जनभावनाओं को जानते हुए विधि अनुसार निर्णय ले सके।
प्रमुख सचिव ने कहा कि 1 दिसम्बर 2017 को निर्माता, निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होना प्रस्तावित है। 9 अक्टूबर, 2017 को इस फिल्म के ट्रेलर के लांच होने के बाद से ही विभिन्न सामाजिक, सास्कृतिक और अन्य संगठनों ने इसका विरोध किया।
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इस पत्र में गृह विभाग ने लिखा है कि इन संगठनों द्वारा फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाये जाने की मांग को लेकर बैठक, प्रदर्शन, नारेबाजी, जुलूस, पुतला दहन, ज्ञापन आदि के माध्यम से तीव्र प्रतिक्रिया की जा रही है। इन संगठनों द्वारा रानी पद्मावती के चरित्र को गलत ढंग से प्रदर्शित किये गये दृश्यों को फिल्म से हटाने की मांग की जा रही है तथा सिनेमाघरों से इस फिल्म का प्रदर्शन न करने की अपील भी की जा रही है।
पत्र में ये भी कहा गया है कि फिल्म के प्रदर्शित होने पर उनके द्वारा सिनेमाघरों में तोड़फोड़, आगजनी एवं अन्य ढंग से आन्दोलनात्मक कार्यक्रम आयोजित किये जाने की चेतावनी भी दी गयी है।
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