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Benefits of walking: उम्र के हिसाब से कितना चलना है जरूरी? रोजाना सिर्फ इतनी देर चलने से आप खुद को रख सकते हैं फिट और जवान! यहां जानें पैदल चलने का साइंटिफिक रूल...
Benefits of walking: पैदल चलना हम सभी के लिए एक बहुत ही आसान और असरदार व्यायाम है। इससे सेहत दुरुस्त बनी रहती है और कई बीमारियों से बचाव होता है। लेकिन हर उम्र के लोगों के लिए चलने का समय और तरीका थोड़ा अलग होता है।
Benefits of walking (photo: socal
Benefits of walking: यदि आप हर दिन केवल 30 मिनट पैदल चले तो आपकी उम्र लंबी हो सकती है? चौंकिए नहीं... यह पूरी तहर से सच है। पैदल चलना हम सभी के लिए एक बहुत ही आसान और असरदार व्यायाम है। इससे सेहत दुरुस्त बनी रहती है और कई बीमारियों से बचाव होता है। लेकिन हर उम्र के लोगों के लिए चलने का समय और तरीका थोड़ा अलग होता है। सवाल यह है कि किस उम्र में कितना चलना चाहिए और क्यों चलना चाहिए? आइए आज इस में आपको बताते हैं कि किस उम्र के लोगों को कितनी देर पैदल चलना चाहिए।
पैदल चलना क्यों है जरूरी
WHO की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 1.4 अरब लोग पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करते, जिससे वे मोटापा, डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों से पीड़ित हैं। साल 2019 में एक शोध (Harvard Health Publishing) के मुताबिक, हर दिन मात्र 30 मिनट की वॉक से आप हृदय रोग के खतरे को करीब 30% तक कम कर सकते हैं। साल 2012 में Lancet पत्रिका में प्रकाशित एक मेटा-एनालिसिस से ये खुलासा हुआ था कि शारीरिक निष्क्रियता से हर साल लगभग 5.3 मिलियन मौतें होती हैं।
ICMR और WHO के मुताबिक उम्र के हिसाब से कितना चलना चाहिए ?
1. बच्चे (5-17 वर्ष)
WHO की Physical Activity Guidelines for Children के मुताबिक, 5-17 साल के बच्चों को रोज़ाना कम से कम 60 मिनट (1 hr) तीव्र गतिविधि से वॉक करना चाहिए जिससे उनका दिमागी विकास और बेहतर तरीके से काम करेगा, एकाग्रता बढ़ेगी और हड्डियों को मजबूती मिलेगी।
2. युवा और वयस्क (18-40 वर्ष)
Harvard School of Public Health के मुताबिक, हफ्ते में 18-40 साल के लोगों को लगभग 150 मिनट मध्यम गतिविधि या 75 मिनट तीव्र गति से वॉक करना चाहिए। वयस्कों के प्रति दिन 30 मिनट चलने से मृत्यु दर में तकरीबन 20% की कमी हो सकती है। केवल पैदल चलने से आप अपना हार्मोन संतुलन बना सकते सकते हैं जिससे आपका तनाव, वजन, डायबिटीज कम होगा होगा और हाई BP का खतरा कम हो जायेगा।
3. मध्यवयस्क (41-60 वर्ष)
American Heart Association के मुताबिक, 41-60 साल के लोगों को प्रतिदिन 30-40 मिनट के साथ हल्का स्ट्रेचिंग अवश्य करना चाहिए। वॉकिंग से सिस्टोलिक BP में औसतन 5 मिमी Hg की कमी आ सकती है । इसी के साथ जोड़ों में दर्द की समस्या से राहत, हृदय रोग से बचाव, फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि होती है।
4. बुज़ुर्ग (60+ वर्ष)
Journal of Aging and Physical Activity के मुताबिक, 60+ वाले लोगों को प्रतिदिन 20-30 मिनट की धीमी गति के साथ नियमित वॉक करना चाहिए जिससे बुज़ुर्गों में पार्किंसन और डिमेंशिया का जोखिम लगभग 30% तक कम हो जाता है। इसके अलावा हड्डियों में मजबूती, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
पैदल चलने के स्वास्थ्य के अलावा भी होते ये फायदे :
1. पर्यावरण संरक्षण: पैदल चलने से वाहनों का उपयोग कम से कम होता है जिससे वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन कम होता है।
2. आर्थिक लाभ: वाहनों के ईंधन, रखरखाव और पार्किंग पर होने वाले खर्चों की बचत होती है।
3. समय की बचत: भीड़भाड़ वाले इलाकों में पैदल चलना हमेशा तेज़ और आसान होता है।
4. सामाजिक संपर्क: पैदल चलने से समाज के लोगों से मिलने-जुलने का मौक़ा मिलता है, जिससे सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं।
5. मानसिक स्वास्थ्य: प्राकृतिक वातावरण में चलने से तनाव कम होता है और मानसिक शांति (mantle piece) मिलती है।
आज लोग क्यों कम पैदल चलते हैं
1. शहरीकरण (urbanization): The Hindu Centre for Politics and Public Policy के मुताबिक, शहरों में पैदल चलने के लिए पर्याप्त स्थान और सुरक्षित रास्तों की कमी बढ़ती जा रही है जिस कारण लोग पैदल चलना कम पसंद करने लगे हैं।
2. तकनीकी निर्भरता (technical dependence): ऑनलाइन सेवाओं और परिवहन के साधनों की उपलब्धता ने शारीरिक गतिविधियों को और अधिक कम कर दिया है।
3. सामाजिक धारणा (Social Perception): The Times of India की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ समुदायों में शारीरिक गतिविधियों को कम महत्व दिया जाता है, खासतौर से महिलाओं के लिए।
विश्वभर में पैदल चलने के आंकड़े
- वैश्विक औसत: citychangers.org मुताबिक, विश्वभर में औसतन एक व्यक्ति रोजाना लगभग 4,961 कदम चलता है।
- सक्रियता में असमानता: National Institutes of Health की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ देशों में लोगों की पैदल चलने की सक्रियता में बड़ा अंतर पाया गया है, जो मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है।
भारत में पैदल चलने का आंकड़ा
The Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में एक व्यक्ति रोजाना औसतन 4,297 कदम चलता है, जो वैश्विक औसत से कम है। शहरी क्षेत्रों में शारीरिक निष्क्रियता (inactivity) ज्यादा पाई जाती है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ज्यादा सक्रिय होते हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम सक्रिय पाई गई हैं, जिसका कारण सामाजिक और सांस्कृतिक रुकावट हैं।
भारत में वॉकिंग और फिटनेस का हाल क्या है
साल 2021 में ICMR-NCDIR की रिपोर्ट से पता चला था कि भारत में सिर्फ 22% लोग ही WHO के फिजिकल एक्टिविटी मानक पर खरे उतरते हैं। NFHS-5 (National Family Health Survey 2019-21) में खुलासा हुआ कि भारत में 35-49 उम्र की महिलाओं में मोटापा तकरीबन 24% तक बढ़ा है जिसमें वॉकिंग प्रमुख कारणों में से एक है। वहीं शहरी क्षेत्रों में वॉकिंग ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन ग्रामीण भारत में आज भी यह अभ्यास सिर्फ काम के लिए चलने तक ही सीमित है।
वॉक करने का सही तरीका
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, तेज चाल (brisk walk) हम सभी के लिए अधिक लाभकारी है। ब्रिस्क वाक करने लिए सबसे पहले आपको अपनी गर्दन सीधी करके खड़ा होना चाहिए। हर एक कदम समान लंबाई का होना चाहिए जिसमें आप सांस नाक से लें और मुंह से छोड़ें। याद रखें कि ब्रिस्क वॉक करने से पहले हमेशा आरामदायक जूते ही पहनें।
चलने से होने वाले चमत्कारी फायदे :
- American Heart Association के मुताबिक, प्रतिदिन वॉक करने से हृदय स्वास्थ्य यानी दिल का दौरा 30% तक कम किया जा सकता है और डायबिटीज के मरीजों में HbA1c में सुधार होता है।
- Mayo Clinic के मुताबिक, प्रतिदिन मात्र 30 मिनट की वॉक से आप अपना मानसिक स्वास्थ्य सुधार सकते हैं जिससे डिप्रेशन में लगभग 40% तक राहत मिलता है।
- प्रति दिन 30 मिनट वॉक से आप 150 से 200 कैलोरी बर्न कर अपना वजन नियंत्रित कर सकते हैं।
- Harvard Study के मुताबिक, रोजाना केवल 30 मिनट वॉक करने से मृत्यु दर लगभग 20% तक घटती है।
क्या ज्यादा चलना सेहत के लिए हानिकारक है?
रोजाना नियमित तरीके से वॉक करना आपकी सेहत के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकता है । लेकिन वॉक करने का भी एक समय और तरीका होता है। National Institutes of Health के मुताबिक, बहुत ज्यादा चलने से शारीरिक थकान, घुटनों और एड़ी में सूजन हो सकती है। इसके अलावा बुजुर्गों को ज़रूरत से ज्यादा चलने पर लो बीपी और गिरने का खतरा बना रहता है।
पैदल चलना आदत कैसे बनाएं
पैदल चलने की आदत बनाना इतना भी मुश्किल नहीं है जितना कि आपको लगता है। बहुत ही आसान तरीकों को अपनाकर आप रोजाना वॉक करने की आदत अपने रोजमर्रा की जीवनशैली में शामिल कर सकते हैं। आजकल कई फिटनेस को लेकर कई मोबाइल एप्लीकेशन आ गए हैं जिसका इस्तेमाल करने आप खुद को फिट रख सकते हैं। अपने मोबाइल फ़ोन में स्टेप काउंटर सेट कर लें (जैसे Google Fit, Fitbit) जिससे ये पता चल सके की आप रोजाना कितना स्टेप चल रहे हैं। इसके साथ ही 10,000 स्टेप्स का चैलेंज लें। WHO के मुताबिक, प्रतिदिन 10,000 कदम सेहत के लिए आदर्श माना गया है। सोशल वॉकिंग ग्रुप बनाये जिसमे आप दोस्त, परिवार या पड़ोसियों को जोड़ सकते हैं। ऑफिस में हर घंटे 5 मिनट वॉक अवश्य करें।
अपनाएं समाधान का आसान तरीका
पहले लोग दैनिक कार्यों के लिए मीलों तक पैदल चलते थे, जिससे उनका शारीरिक स्वास्थ्य मजबूत बना रहता था। आज लोग आलसी हो गए हैं। आधुनिक जीवनशैली, तकनीकी प्रगति और तमाम सुविधाओं की उपलब्धता के कारण लोग बहुत कम पैदल चलना पसंद करते हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। पैदल चलना हर उम्र के लिए फायदेमंद है। बस उम्र के अनुसार समय और गति का ध्यान रखना जरूरी है। रोज़ाना कुछ मिनट चलने से आप लंबे समय तक फिट और हेल्दी रह सकते हैं।
पैदल चलना और वॉक एक दवा जैसा व्यायाम है जो कि सस्ता, सुलभ और साइड इफेक्ट-फ्री है। उम्र चाहे जितनी भीं हो लेकिन आप प्रतिदिन केवल 30 मिनट भी चलते हैं तो आप बीमारियों से लड़ने के लिए अपने शरीर को मज़बूत बना सकते हैं। तो देरी किस बात की... आज ही से शुरुआत करें।