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अब ब्लड टेस्ट बता देगा कितना सोया है आपका बच्चा
वैज्ञानिक इसके लिए खून में मौजूद सूक्ष्म अणु माइक्रो आरएनए का विश्लेषण करेंगे। क्योंकि पूरी नींद नहीं सो पाने की वजह से शरीर में माइक्रो आरएनए अणुओं की संख्या में बदलाव होता है।
योगेश मिश्र
लखनऊ: आपका बच्चा कितनी नींद सो पाता है यह पता करना अब आपके लिए आसान होने वाला है। इसके लिए सिर्फ आपको अपने बच्चे का ब्लड टेस्ट कराना होगा। वैज्ञानिक इसके लिए खून में मौजूद सूक्ष्म अणु माइक्रो आरएनए का विश्लेषण करेंगे। क्योंकि पूरी नींद नहीं सो पाने की वजह से शरीर में माइक्रो आरएनए अणुओं की संख्या में बदलाव होता है।
तीन साल की उम्र तक के बच्चों को 12 घंटे सोना चाहिए
माइक्रो आरएनए शरीर को सबसे ज्यादा सक्रिय रखने वाले आरएनए को नियंत्रित करता है। तीन साल की उम्र तक के बच्चों को हर दिन 12 घंटे सोना चाहिए।
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इटली के फूड साइंसेज ऑफ द नेशनल रिसर्च काउंसिल ने यह विधि तैयार की है। एक्सपेरिमेंट फिजियोलॉजी जनरल में यह प्रकाशित हुआ है। जिसमें बताया गया है कि जिन बच्चों की नींद पूरी नहीं होती उनके खून में एमआईआर- 26बी- 3पी नामक माइक्रो आरएनए का स्तर 15 फीसदी ज्यादा होता है।
बच्चों के पूरी नींद सोने का ये है फायदा
जबकि जो बच्चे पूरी नींद सोते हैं उनके खून में एमआरआई- 485- 5पी नामक माइक्रो आरएनए का स्तर 50 फीसदी ज्यादा होता है। शोध के लेखकों में शामिल फेबियो लाउरिया और उनके सहयोगियों ने स्पेन, इटली, साइप्रस, जर्मनी, बेल्जियम, एस्टोनिया, हंगरी और स्वीडन के 111 बच्चों पर यह शोध किया।
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