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Doodling Health Benefits: मेंटल स्ट्रेस और एंजाइटी दूर करने में कारगर साबित होती है डूडलिंग की हैबिट, जानिए इससे जुड़े डिटेल्स
Doodling Health Benefits in Hindi: डूडलिंग मेंटल हेल्थ को सही रखने का एक ऐसा आसान जरिया है जिसमें बहुत ज्यादा खर्च और वस्तुओं की आवश्यकता नहीं होती। इसको करने के लिए बस एक पेन और पेपर की ज़रूरत होती है।
Doodling Health Benefits in Hindi: अक्सर आपने कुछ लोगों को देखा होगा कि फोन पर किसी से बात करते समय या कुछ सोचते समय कागज पर पेन से यूं ही आड़ी तिरछी आकृतियां खींचते रहते हैं या फिर ये फूल, कार्टून जैसी कुछ खास डिज़ाइन भी बनाने की कोशिश करते हैं। इस आदत को डूडलिंग कहा जाता है। इसका मतलब है, किसी और चीज़ के बारे में सोचते समय या ऊबने पर चित्र या पैटर्न बनाना। असल में यह एक तरह का रचनात्मक थैरेपी है जिसमें अनजाने में यूं ही चित्र बनाने की आपकी आदत आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है। इस डूडलिंग नाम की हैबिट से कई फ़ायदे हैं-
डूडलिंग की आदत से लाभ
डूडलिंग की आदत से अनकांशियस माइंड की रचनात्मकता का पता चलता है।
इस तरह से आपके दिमाग में अंदर क्या चल रहा है यह समझने में भी मदद मिलती है। डूडलिंग से मेंटल स्ट्रेस कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है। रचनात्मक और कलात्मकता को तराशने का ये बेहद आसान जरिया है। डूडलिंग से यादाश्त बढ़ती है।
डूडलिंग से जुड़ी मुख्य बातें
डूडलिंग मेंटल हेल्थ को सही रखने का एक ऐसा आसान जरिया है जिसमें बहुत ज्यादा खर्च और वस्तुओं की आवश्यकता नहीं होती। इसको करने के लिए बस एक पेन और पेपर की ज़रूरत होती है। स्टडी के दौरान पाया गया है कि डूडलिंग में अक्सर लोग परिचित डिज़ाइन जैसे पशु-पक्षी और पेड़-पौधों को ज्यादा शामिल करते हैं। डूडलिंग को अब कला चिकित्सा में शामिल किया जा चुका है।
गूगल डूडल, गूगल के होमपेज पर लोगो को बदलकर किया जाने वाला एक अस्थायी बदलाव होता है।
डूडलिंग से आपके अंदर कई तरह के बदलाव आते हैं
डूडलिंग आपके अंदर के छिपे कलाकार को बाहर लाने का एक जरिया है। व्यस्त जीवन शैली के चलते लोग अक्सर अपने भीतर छिपे एक कलाकार को मार देते हैं। यह हमें किसी बच्चे की तरह रंगों की खूबसूरत दुनिया की सैर कराता है। ऐसे में डूडलिंग की आदत हमें उसी कलाकार से मिलवाती है। खुद को अपनी रचनात्मकता की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करती है।
स्ट्रेस दूर करने में कारगर उपाय है डूडलिंग
डूडलिंग की प्रैक्टिस स्ट्रेस से बाहर लाने में मददगार साबित होती है। डूडलिंग के माध्यम से अपने दिमाग को नकारात्मक विचारों से भी दूर रहने में मदद मिलती है रचनात्मक होने से खुद को शांत रक्खा जा सकता है।
समस्या का समाधान निकालने में मिलती है मदद
कैलिफोर्निया में एक विश्वविद्यालय के अध्ययन में पाया गया कि लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए डूडल का उपयोग कर सकते हैं।
अपने मूड को लाइट रखने के लिए डूडलिंग की प्रैक्टिस को फॉलो करना चाहिए।
डूडलिंग से यादाश्त होती है बेहतर
इस विषय पर अब तक की स्टडी में पाया गया है कि जो लोग टेलीफोन पर या कोई विषय पर कुछ सुनते समय डूडल करने की आदत रखते हैं, उनकी यादाश्त काफी बेहतर होती है। जब हम ऊब जाते हैं तब भी यह हमें जगाए रखने में सहायक होता है।
डूडलिंग से हासिल होता है कला का हुनर
डूडलिंग की आदत अपनी बेसिक कलात्मक आकृतियों के साथ, आपकी मांसपेशियों और आपके मस्तिष्क को एक कला का हुनर भी सिखाती है।
ऐसे डालें इसकी आदत-
रोजाना पेन और कागज को साथ रख कर इसकी आदत डाली जा सकती है। इसके लिए सबसे पहले कुछ सेकंड्स ही काफी हैं। उस समय में कुछ भी छोटी मोटी कोई आकृति कागज पर जरूर अंकित करें जो आपके मन में चल रही हो। फिर इस आदत को अपनी दिनचर्या का एक हिस्सा बनाते हुए इस पर दिए जाने वाले समय को बढ़ाएं।
पास रक्खे इन टूल्स को
जब भी आप कोई लंबी कॉल या खाली समय बिताने के लिए बैठें तो उस एक जगह पर कुछ जरूरी चीजें जरूर रखें जो आपकी डूडलिंग की प्रैक्टिस के लिए सहायक साबित होंगे। इसके लिए स्मूथ चलने वाले पेन कलर फुल हों तो बेहतर है, वहीं एक नोटबुक या प्लेन पेपर्स,और कुछ क्रेयॉन कलर्स जरूर पास रक्खे।
इन टूल्स की मौजूदगी से धीरे धीरे डूडलिंग करना आपकी एक हॉबी बन जाएगा।
रात को सोने से पहले ब्रेन को रिलैक्स करती है डूडलिंग
सोने जाने से पहले कागज और पेन लेकर की गई डूडलिंग आपको एक अच्छी नींद प्रदान करने में भी सहायक होती है। रोजाना डूडलिंग करने के रात को सोने से पहले एक समय निर्धारित कर लेना बेहतर होता है। इससे यह आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाएगा।