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High-functioning Depression: क्या होता है हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन, बाहर से नॉर्मल लेकिन अंदर से उदास रहते हैं लोग, जानें लक्षण
High-functioning Depression Kya Hai: हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन, क्रोनिक डिप्रेशन का एक रूप है। इसमें व्यक्ति एक सामान्य लाइफ जीता है, लेकिन उसे डिप्रेशन के लक्षणों का अनुभव होता है, जो आसपास मौजूद लोगों को नहीं दिखते हैं।
High-functioning Depression: डिप्रेशन का नाम सुनते ही लोगों के मन में सबसे पहले किसी उदास और चिंता में डूबे लोगों का ख्याल आता है, क्योंकि यह अवसाद के लक्षणों में से एक हैं। लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि कोई बहुत खुश होकर भी डिप्रेशन में हो सकता है तो आपका रिएक्शन क्या होगा? जाहिर है कि आप ये सोचेंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है, बिना उदास और चिंतित दिखने वाला इंसान अवसाद से ग्रस्त कैसे हो सकता है। क्यों है ना?
लेकिन हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन (High-functioning Depression) में व्यक्ति बिल्कुल ऐसा ही दिखता है। यानी हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन से जूझ रहे लोग डिप्रेशन के लक्षणों का अनुभव तो करते हैं, लेकिन बाहर से उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि उनकी लाइफ में सब कुछ ठीक चल रहा है। इसे डिस्टीमिया के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
क्या होता है हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन (High-functioning Depression Kya Hota Hai)?
हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन क्रोनिक डिप्रेशन का एक रूप है। इस तरह के डिप्रेशन से जूझ रहा व्यक्ति बाहर से बिल्कुल सफल, मिलनसार और खुश नजर आ सकता है, डिप्रेशन के लक्षणों के साथ रहते हुए भी। इसलिए ये घातक भी है क्योंकि किसी का ध्यान इस पर जाता ही नहीं और इलाज समय पर नहीं मिल पाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग डिप्रेशन को ऐसे व्यक्तियों से जोड़ते हैं जो उदास, सुस्त और अप्रेरित दिखाई देते हैं। वहीं, दूसरी ओर हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन से जूझ रहा व्यक्ति दूसरों के सामने अपने तनाव और संघर्ष को छिपाने के लिए सक्रिय रूप से कड़ी मेहनत कर सकता है, जिससे लोगों को यहीं लगता है कि वो ठीक है।
हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन के लक्षण (High-functioning Depression Symptoms In Hindi)
Cleveland clinic के मुताबिक, हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन वाले व्यक्ति में क्लिनिकल डिप्रेशन या मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर वाले व्यक्ति के समान लक्षण हो सकते हैं। इसमें निम्न जैसे लक्षण शामिल हैं:
1- उदास, असहाय या निराश महसूस करना।
2- जिन चीजों से उन्हें खुशी मिलती थी, उनमें दिलचस्पी न लेना।
3- खाने की आदतों में बदलाव, जैसे बहुत अधिक या बहुत कम खाना।
4- सोने में परेशानी होना या बहुत अधिक सोना।
5- कंसंट्रेशन करने में मुश्किल होना।
6- अपने और दूसरों के बारे में नकारात्मक विचार।
7- ऊर्जा की लगातार कमी।
हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन का इलाज (High-functioning Depression Treatment In Hindi)
हाई-फंक्शनिंग डिप्रेशन की एक बड़ी समस्या यह है कि व्यक्ति बाहर से बिल्कुल ठीक लगता है और इसीलिए उसके आसपास मौजूद लोग डिप्रेशन के लक्षणों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। अगर डिप्रेशन का इलाज नहीं किया जाए तो यह बदतर हो जाता है। हालांकि अगर समय पर ध्यान दिया जाए तो इसका इलाज संभव है। इसके लिए लक्षणों को पहचानकर किसी हेल्थकेयर प्रोवाइडर से संपर्क करें। इससे वह आपके और आपकी परिस्थितियों के लिए सर्वोत्तम उपचार कर सकेंगे। आमतौर पर, डिप्रेशन का इलाज थेरेपी, दवाइयों और लाइफस्टाइल में कुछ सुधार करके किया जाता है।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन उपायों व सुझावों पर अमल करने से पहले संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।