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Lemon Smell Triggers Migraines: सिर्फ नींबू की गंध से क्यों फटने लगता है सिर? माइग्रेन पीड़ित जरूर पढ़ें ये रिपोर्ट!
Lemon Smell Triggers Migraines: हाल ही में इस विषय पर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि गंधों को अनदेखा करना माइग्रेन के मरीजों के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
Lemon Smell Triggers Migraines photo (credit: social media)
Lemon Smell Triggers Migraines: क्या आप भी नींबू या किसी तीव्र गंध के संपर्क में आने से सिर में तेज दर्र या माइग्रेन से परेशान हो जाते हैं? यदि हां, तो यह कोई संयोग नहीं बल्कि आपके मस्तिष्क की एक खास न्यूरोलॉजिकल एक प्रक्रार की प्रतिक्रिया है, जिसे मेडिकल साइंस में Olfactory Trigger कहा जाता है। हाल ही में इस विषय पर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि गंधों को अनदेखा करना माइग्रेन के मरीजों के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
सबसे पहले आपके लिए जान लेना बहुत आवश्यक है कि माइग्रेन होता क्या है ? 'माइग्रेन' एक प्रकार की गंभीर न्यूरोलॉजिकल कंडीशन होती है, जिसमें सिर के एक हिस्से में तेज़ दर्द, मतली, उल्टी, रोशनी और आवाज़ के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशीलता जैसे लक्षण सामने आते हैं। यह समस्या विशेषकर तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है जब व्यक्ति किसी विशेष गंध के संपर्क में आता है।
क्या होता है 'Olfactory Trigger' ?
कई एक्सपर्ट द्वारा बताई गयी जानकारी के मुताबिक, जब हमारी नाक में मौजूद Olfactory receptors किसी भी गंध को महसूस कर तत्काल मस्तिष्क को सिग्नल भेजते हैं —जैसे नींबू, परफ्यूम, सिगरेट का धुआं, पेंट या क्लीनिंग प्रोडक्ट्स तो ये कुछ लोगों के नर्वस सिस्टम में असामान्य प्रतिक्रिया पैदा करती हैं। यह प्रतिक्रिया Trigeminal Nerve को उत्तेजित करती है जो माइग्रेन से सीधेतौर पर जुड़ी होती है।
नींबू की गंध में मौजूद एसिडिक और तीव्र वाष्पशील यौगिक कुछ व्यक्तियों के मस्तिष्क में असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जिससे सिर में तीव्र दर्द या माइग्रेन का अटैक शुरू हो सकता है।
नींबू की गंध ही क्यों ट्रिगर करती है माइग्रेन?
नींबू एक सिट्रस फ्रूट है जिसकी गंध बेहद तीव्र होती है। इसमें मौजूद Volatile Compounds वायुमार्ग के माध्यम से सीधे Olfactory सिस्टम को प्रभावित करते हैं। जिन लोगों का नर्वस सिस्टम पहले से ही संवेदनशील होता है, उनके लिए यह गंध एक तरह का अलार्म सिग्नल बन जाती है और सिर में दर्द की समस्या शुरू हो जाती है।
हालांकि इसका प्रभाव हर व्यक्ति पर नहीं पड़ता, लेकिन जो लोग पहले से माइग्रेन की समस्या से जूझ रहे हैं या जिनका शरीर गंधों के प्रति अधिक संवेदनशील है, उन्हें इससे बचाव की बेहद आवश्यकता होती है।
कैसे पहचानें कि कौन-सी गंध है ट्रिगर?
आमतौर पर हर व्यक्ति के लिए माइग्रेन ट्रिगर करने वाली गंध अलग-अलग हो सकती है। किसी को परफ्यूम से समस्या हो सकती है, तो किसी को लहसुन या नींबू की गंध परेशान करती है। इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मरीज 'माइग्रेन डायरी' रखें। इसमें नोट करें कि कब, किस गंध के संपर्क में आने के बाद माइग्रेन शुरू हुआ और लक्षण कितनी देर तक रहे। यह डायरी डॉक्टर को आपके ट्रिगर फैक्टर्स समझने में सहायता करेगी।
ऐसे करें बचाव
यदि आपको लगता है कि गंधें आपके माइग्रेन का कारण हैं, तो अपनी दिनचर्या में नीचे दिए गए परिवर्तन ज़रूर करें:
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर लगाए, विशेषकर जब वहां तेज़ गंध वाले परफ्यूम या क्लीनर का इस्तेमाल हो रहा हो।
- घर में नेचुरल एयर फ्रेशनर का उपयोग करें और केमिकल बेस्ड क्लीनिंग प्रोडक्ट्स से दूरी बनाकर रखें।
- नींबू, संतरा, लहसुन जैसी तीव्र गंधों* से बचें, खासकर बंद कमरों में।
- माइग्रेन के इलाज और मैनेजमेंट के लिए किसी न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह आवश्यक लें।
बता दे, नींबू जैसी गंधें केवल ताजगी नहीं देतीं, बल्कि कुछ लोगों के लिए सिरदर्द का कारण बन सकती हैं। 'Olfactory Trigger' एक वास्तविक और वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप भी किसी गंध के कारण बार-बार माइग्रेन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो अब वक़्त है कि आप इस ओर गंभीरता से ध्यान दें और उचित इलाज कराएं। स्वास्थ्य की अनदेखी न करें, क्योंकि छोटी सी गंध कभी-कभी बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।
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