TRENDING TAGS :
Reasons For Mosquito Bites: आपको ही मच्छर ज्यादा क्यों काटते हैं? क्या आपकी खुशबू है जानलेवा! जानिए मच्छरों की कहानी – उत्पत्ति से लेकर बचाव तक
Reasons For Mosquito Bites: वैसे तो हर मौसम में मच्छर परेशान करते हैं लेकिन मानसून के मौसम में मच्छर कुछ ज्यादा ही आतंक मचाते हैं। क्या आपके भी मन में यह सवाल बार-बार आता है कि मच्छर सबसे ज्यादा आपको ही क्यों काटते हैं? क्या आपके शरीर की गंध उन्हें आमंत्रित करती है? या फिर खून का ग्रुप है वजह ?
Reasons For Mosquito Bites (photo credit: social media)
Reasons For Mosquito Bites: रात में जब सभी लोग गहरी नींद में सो रहे होते हैं तब एक महीन सी भनभनाहट नींद उड़ा देती है। मच्छरों की तेज़ चुभन, खुजली, और कई बार – एक जानलेवा बीमारी की शुरुआत! वैसे तो हर मौसम में मच्छर परेशान करते हैं लेकिन मानसून के मौसम में मच्छर कुछ ज्यादा ही आतंक मचाते हैं। क्या आपके भी मन में यह सवाल बार-बार आता है कि मच्छर सबसे ज्यादा आपको ही क्यों काटते हैं? क्या आपके शरीर की गंध उन्हें आमंत्रित करती है? या फिर खून का ग्रुप है वजह ? क्या ये सिर्फ एक कीट है या एक खामोश किलर? इस लेख से आपको पता चलेगा मच्छरों की उत्पत्ति, उनकी खतरनाक प्रजातियों, भारत और दुनिया में उनकी फौज और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में।
कुछ लोगों को मच्छर ज़्यादा काटते हैं, क्यों?
कुछ लोगों को मच्छर ज़्यादा काटते हैं और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण हैं:
रक्त समूह (Blood Group): O ब्लड ग्रुप वाले लोग को मच्छरों को ज्यादा आकर्षित करते हैं। वैज्ञानिक शोध मुताबिक, A और B ब्लड ग्रुप की तुलना में O ब्लड ग्रुप वालों को मच्छर लगभग दोगुना अधिक काटते हैं।
कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन: मच्छर उन लोगों को भी ज्यादा काटते हैं जो ज़्यादा कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ते हैं। आमतौर पर व्यायाम के दौरान या मोटे लोगों से अधिक CO2 का उत्सर्जन होता है।
शरीर की गंध और पसीना: मच्छरों को पसीने में मौजूद लैक्टिक एसिड (lactic acid) और अमोनिया (ammonia) जैसे तत्व बेहद आकर्षित करते हैं। शरीर की गंध (असाधारण रूप से पैरों और अंडरआर्म्स की) मच्छरों को बुलावा देती है।
शरीर का तापमान: जिन लोगों का शरीर तुलनात्मक रूप से अधिक गर्म होता है, मच्छर उन्हें अधिक काटते हैं।
मच्छरों की उत्पत्ति का कारण
मच्छर आमतौर पर गंदे और कई दिन के ठहरे हुए पानी में जन्म लेते हैं। मच्छर का जीवन-चक्र चार अवस्थाओं में पूरा होता है:
1. अंडा (Egg): मादा मच्छर पानी की सतह पर अंडे देती है। ये अंडे लगभग 48 घंटों में फूटते हैं।
2. लार्वा (Larva): अंडों से निकलने वाले लार्वा पानी में ही सांस लेते हुए बड़े होते हैं।
3. प्यूपा (Pupa): लार्वा कुछ दिनों बाद प्यूपा में परिवर्तित हो जाता है।
4. वयस्क मच्छर (Adult): प्यूपा से कुछ घंटों के अंदर मच्छर बाहर निकल आता है।
मच्छरों की प्रजातियाँ कौन-कौन सी होती हैं
विश्व में मच्छरों की तकरीबन 3,500 से ज्यादा प्रजातियाँ हैं और भारत में मुख्य रूप से मच्छरों की 3 प्रमुख प्रजातियाँ पाई जाती हैं:
एडीज मच्छर (Aedes): एडीज मच्छर लोगों को दिन के समय में काटता है जो कि डेंगू, चिकनगुनिया और ज़िका वायरस का कारण बनता है।
एनोफिलीज मच्छर (Anopheles): यह मच्छर रात के समय में लोगों को अपना निशाना बनाता है और मलेरिया जैसी बीमारी फैलाने का मुख्य कारण बनता है।
क्यूलेक्स मच्छर (Culex): यह भी रात के समय में ही काटता है और फाइलेरिया तथा जापानी एन्सेफेलाइटिस का कारण बनता है।
मच्छरों से होने वाली बीमारियाँ-
डेंगू (Dengue): मच्छरों से होने वाली बिमारियों में डेंगू बहुत आम है जो कि अधिकतर लोगों को सितम्बर से नवम्बर महीने में होता है। इसमें तेज बुखार, सिर में तेज दर्द , बदन दर्द और प्लेटलेट्स की संख्या कम होना आदि मुख्य लक्षण होते हैं।
मलेरिया (Malaria): मलेरिया में बुखार के साथ कंपकंपी, सिर में दर्द, पसीना, उल्टी महसूस होना आदि लक्षणन होते हैं।
चिकनगुनिया (Chikungunya): चिकनगुनिया में मरीज के जोड़ो में तेज दर्द बना रहता जिससे शरीर में सूजन और बुखार हो जाता है।
फाइलेरिया (Filariasis): फाइलेरिया में लसीका तंत्र में संक्रमण फ़ैल जाता है जिससे शरीर के किसी हिस्से में सूजन हो जाता है।
ज़िका वायरस (Zika): ज़िका वायरस विशेषतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत घातक होता है क्योंकि ये शिशु में जन्म दोष पैदा कर सकता है।
जापानी एन्सेफेलाइटिस: जापानी एन्सेफेलाइटिस में मरीज के मस्तिष्क में सूजन पैदा हो जाती है जिससे कोमा या मृत्यु हो सकती है।
विश्व में मच्छरों की तादाद
विश्व में मच्छर सबसे ज्यादा उष्णकटिबंधीय (tropical) और उप-उष्णकटिबंधीय (Subtropical) क्षेत्रों में पाए जाते हैं। जिसमें अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों में मच्छरों की संख्या ज्यादा है। अनुमान के मुताबिक, विश्वभर में हर साल तकरीबन 10 लाख लोग केवल मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों से मरते हैं, जिनमें मलेरिया सबसे बड़ी वजह है।
भारत में मच्छरों की स्थिति
भारत में हर साल लाखों लोग मच्छर से होने वाली बीमारियों से प्रभावित होते हैं। कुछ आंकड़ों के मुताबिक, भारत में डेंगू के मामले हर साल औसतन 1.5 से 2 लाख मामले सामने आते हैं। WHO के मुताबिक, साल 2022 भारत में मलेरिया के लगभग 40 लाख मामले दर्ज हुए थे और हर साल मच्छरों से जुड़ी बीमारियों से तक़रीबासन 10,000 मौतें,होती हैं।
मच्छरों से बचने के लिए बाजार में कई तरह के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, जैसे:
- Good Knight जो कि लिक्विड या कोइल के रूप में घरों में इस्तेमाल किया जाते हैं।
- All Out जो कि मशीन+लिक्विड के रूप में कमरों से मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं।
- Odomos एक क्रीम/लोशन होता है जो की शरीर पर लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिससे यदि आप रात में घर के बाहर या छतों पर सोते हैं तो आपको मच्छर नहीं काटेंगे।
- Mortein स्प्रे का इस्तेमाल आमतौर पर कमरे में छिड़काव के लिए किया जाता है।
- Hit स्प्रे का इस्तेमाल मच्छर को मारने के लिए किया जाता है।
- Mosquito Net का इस्तेमाल सामान्य रूप से रात में सोते समय किया जाता है।
- Electric Racket का इस्तेमाल मच्छरों को तुरंत मारने के लिए किया जाता है।
मच्छरों से बचने के उपाय
- साफ-सफाई रखें: घरों के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर, गमले, बाल्टियों को समय-समय पर खाली करें।
- मच्छरदानी का प्रयोग करें: खासतौर से बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।
- शरीर को ढंककर रखें: खुले कपड़े ना पहने विशेषकर शाम के समय।
- नीम या तुलसी लगाएं: अपने घरों में नीम या तुलसी का पेड़ अवश्य लगाएं ये प्राकृतिक रूप से मच्छर भगाते हैं।
- लार्वा नियंत्रण: सरकारी एजेंसियां मच्छर के लार्वा का खात्मा करने के लिए दवाइयाँ छिड़कती हैं।
- फॉगिंग कराएं: स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर नियमित रूप से फॉगिंग कराना अनिवार्य है।
घर का साफ पानी हो या गंदा, कूलर, गमले, छतों पर जमा पानी ये सभी मच्छरों की उत्पत्ति के लिए काफी होता है। मच्छर छोटे ज़रूर होते हैं, लेकिन उनके काटने से होने वाली बीमारी बेहद खतरनाक होती हैं। थोड़ी सी सतर्कता और सावधानी बरतकर हम अपने घर और आस-पास के वातावरण को मच्छरों से सुरक्षित रख सकते हैं। व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय अपनाकर जैसे की साफ-सफाई और समय-समय पर मच्छर रोधी उत्पादों का इस्तेमाल कर इनसे बचा जा सकता है। याद रखें 'बचाव ही सबसे बड़ा समाधान है।'