World Hypertension Day: 'साइलेंट किलर' से बचाव की दिशा में जागरूकता की जरूरत, हर चौथा व्यक्ति है इसका शिकार

World Hypertension Day : 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन के खतरों और इसके प्रभावों के प्रति जागरूक करना है।

Jyotsna Singh
Published on: 17 May 2025 12:52 PM IST
World Hypertension Day: साइलेंट किलर से बचाव की दिशा में जागरूकता की जरूरत, हर चौथा व्यक्ति है इसका शिकार
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World Hypertension Day

World Hypertension Day: हर वर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन के खतरों और इसके प्रभावों के प्रति जागरूक करना है। इस बीमारी को 'साइलेंट किलर' कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते और यह धीरे-धीरे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है।

आज की बदलती जीवनशैली, खानपान और तनावपूर्ण दिनचर्या के चलते यह बीमारी युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। खासकर कोविड-19 महामारी के बाद, इसके मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है।

विश्व हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) को पहली बार 14 मई 2005 को मनाया गया था। इसके बाद से हर साल इसे 17 मई को मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत विश्व हाइपरटेंशन लीग (World Hypertension League - WHL) द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना और इसे समय रहते पहचान कर नियंत्रित करने की दिशा में प्रयास करना है।

What is Hypertension?

हाइपरटेंशन क्या है?

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। सामान्य रक्तचाप का स्तर 120/80 mmHg माना जाता है। जब यह स्तर 140/90 mmHg या उससे अधिक होता है, तो व्यक्ति को हाइपरटेंशन का शिकार माना जाता है। हाइपरटेंशन दो प्रकार का होता है:

1. प्राथमिक हाइपरटेंशन – यह धीरे-धीरे विकसित होता है और स्पष्ट कारण नहीं होता।

2. माध्यमिक हाइपरटेंशन – यह किसी अन्य रोग (जैसे – किडनी रोग, हार्मोनल असंतुलन) के कारण होता है और अचानक उत्पन्न हो सकता है।

Why is it called the 'silent killer'?

'साइलेंट किलर' क्यों कहा जाता है?

डॉक्टरों के अनुसार, हाइपरटेंशन के लक्षण शुरुआती चरण में बहुत हल्के या अदृश्य होते हैं। यही कारण है कि कई बार लोग वर्षों तक इसे नजरअंदाज करते रहते हैं और तब पता चलता है जब शरीर में गंभीर क्षति हो चुकी होती है।कुछ सामान्य लेकिन नजरअंदाज किए जाने वाले लक्षण होते हैं जैसे:-सिरदर्द, चक्कर आना, धुंधली दृष्टि, थकान, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि।

Status of hypertension in India

कैसी है भारत में हाइपरटेंशन की स्थिति

भारत में हाइपरटेंशन तेजी से एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 29% वयस्क हाइपरटेंशन के शिकार हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से आधे से ज्यादा लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं है। इस दिशा में लगातार काम कर रहे चिकित्सकों और विशेषज्ञों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, 30 साल की उम्र के बाद हाइपरटेंशन के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले हर चौथे या पांचवें मरीज में इस बीमारी के लक्षण पाए जाते हैं। कोरोना महामारी के बाद यह रुझान और तेज हुआ है।

कोविड-19 के बाद बढ़े हाइपरटेंशन के केस

कोरोना महामारी ने लोगों की जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्थिति पर गहरा असर डाला। कोविड-19 के दौरान व बाद में अनेक लोगों में हाइपरटेंशन के लक्षण उभर कर आए। जिसके पीछे कई संभावित कारण देखे गए हैं। जो कि इस प्रकार हैं - महामारी के दौरान बढ़ा मानसिक तनाव,घर में सीमित दिनचर्या और शारीरिक गतिविधियों में कमी, संक्रमण के बाद शरीर में आई सूजन और हार्मोनल परिवर्तन, अनियमित खानपान और नींद की गड़बड़ी आदि।

Effects of hypertension: organ-to-organ damage

हाइपरटेंशन के प्रभाव अंग दर अंग क्षति

हाइपरटेंशन केवल रक्तचाप बढ़ने की बीमारी नहीं है। यह पूरे शरीर को प्रभावित करती है, विशेष रूप से हृदय, किडनी, मस्तिष्क और आंखें। हृदय प्रभावित होने पर

दिल का दौरा (Heart Attack),

दिल की विफलता (Heart Failure),

धड़कन का अनियमित होना जैसी समस्याएं होती हैं। वहीं मस्तिष्क (Brain) प्रभावित होने पर स्ट्रोक (Stroke), स्मृति में कमी, डिमेंशिया का खतरा जैसी गंभीर समस्याएं जन्म लेती हैं। वहीं किडनी (Kidneys) पर इसका प्रभाव होने से किडनी फेलियर, मूत्र में प्रोटीन का रिसाव जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके प्रभाव से आंखें (Eyes) भी चपेट में आती हैं, जिसके दुष्प्रभाव के तौर परदृष्टि कमजोर होना, रेटिनोपैथी जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।इस विषय पर डॉक्टरों का मानना है कि यदि समय रहते हाइपरटेंशन को नियंत्रित न किया जाए तो मल्टी ऑर्गन फेलियर तक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

Prevention of hypertension: essential lifestyle changes

हाइपरटेंशन से बचाव के लिए जरूरी हैं जीवनशैली में बदलावहाइपरटेंशन से बचने और नियंत्रित करने का सबसे असरदार तरीका है जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव।

हेल्दी डाइट अपनाएं जिसमें

नमक की मात्रा सीमित करें (5 ग्राम/दिन से कम), हरी पत्तेदार सब्जियों, फलों और साबुत अनाज को शामिल करें,

प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड से बचें,

ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अलसी, अखरोट, मछली आदि को आहार में शामिल करें।

नियमित व्यायाम करें

प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है

टहलना, योग, साइकिलिंग और तैराकी जैसे व्यायाम लाभकारी हैं

ध्यान (Meditation), प्राणायाम, संगीत और शौक से तनाव कम करें

पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे प्रतिदिन)

धूम्रपान और शराब से दूरी

धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन रक्तचाप को बढ़ाता है। साथ ही नियमित जांच कराएं जिसमें ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कराना जरूरी है, खासकर 30 की उम्र के बाद।

डाइट में किन चीजों को करें शामिल?

खट्टे फल जैसे संतरा, मौसंबी, नींबू इनसे विटामिन-सी मिलता है जो रक्त वाहिकाओं को मजबूत करता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इनके अलावा कद्दू के बीज इनमें मैग्नीशियम, पोटैशियम और आर्जिनिन होता है जो रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं। फलीदार सब्जियां जैसे राजमा, चना, लोबिया –l ये फाइबर और पोटैशियम का अच्छा स्रोत होती हैं।ताजे फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड शरीर में सूजन को कम करते हैं और दिल को स्वस्थ रखते हैं।

Role of Government and Institutions

सरकार और संस्थाओं की भूमिका

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाइपरटेंशन की रोकथाम के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। ‘आईईसी गतिविधियों’ (Information, Education and Communication) के माध्यम से लोगों को स्क्रीनिंग, जांच और समय पर इलाज की जानकारी दी जाती है।

सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जांच और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NPCDCS) के अंतर्गत हाइपरटेंशन को प्राथमिकता दी गई है।

हाइपरटेंशन एक गंभीर लेकिन नियंत्रण योग्य बीमारी है। यदि समय पर इसका पता चल जाए और जीवनशैली में आवश्यक बदलाव किए जाएं, तो इससे बचाव संभव है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि यह ‘साइलेंट किलर’ केवल उन लोगों को प्रभावित नहीं करता जो बीमार दिखते हैं, बल्कि यह अंदर ही अंदर शरीर को खोखला करता है।

इसलिए, आज विश्व हाइपरटेंशन डे के मौके पर लोगों को समय-समय पर जांच के लिए प्रेरित करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिएलोगों को संचार के विभिन्न माध्यमों के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि स्वस्थ जीवन शैली के प्रति जागरूकता ही लंबी और स्वस्थ जिंदगी की कुंजी।

Shalini singh

Shalini singh

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