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IAS Ashok Khemka: 30 साल की सर्विस में 55वां ट्रांसफर, कौन हैं ये आईएएस अधिकारी ?

IAS Officer Ashok Khemka: हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के साथ यही होता आया है, ताबड़तोड़ ट्रांसफर। अशोक खेमका अपने तबादलों के लिए मशहूर हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 9 Jan 2023 8:38 PM IST
Senior IAS officer Ashok Khemkas 55th transfer in 30 years of service
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हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका: Photo- Social Media

IAS Officer Ashok Khemka: सरकारी कर्मचारियों की नौकरी में ट्रांसफर एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन यही ट्रांसफर जब जरूरत से ज्यादा बार होने लगे तो मामला कुछ गड़बड़ होता है। हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका (Senior IAS officer of Haryana Ashok Khemka) के साथ यही होता आया है - ताबड़तोड़ ट्रांसफर।

55वां ट्रांसफर

अशोक खेमका अपने तबादलों के लिए मशहूर हैं। उनको एक बार फिर अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में अभिलेखागार विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है। 30 साल के करियर में खेमका का यह 55वां ट्रांसफर है। खेमका अभिलेखागार विभाग में 1990 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ राजा शेखर वुंडरू का स्थान लेंगे।

91 बैच के हैं आईएएस

1991 बैच के आईएएस अधिकारी, खेमका को आखिरी बार अक्टूबर 2021 में अभिलेखागार, पुरातत्व और संग्रहालय विभाग से स्थानांतरित किया गया था और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में प्रमुख सचिव के रूप में तैनात किया गया था। उन्हें फरवरी 2022 में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया। वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उसी विभाग को संभालते रहे।

अपनी पीड़ा बताई

अशोक खेमका ने अपने तबादलों के बारे में एक बार कहा था कि - "एक पीड़ित का जब बार-बार बलात्कार होता है तो वो बलात्कार रूटीन कभी नहीं होता है। 80 बार भी बलात्कार होता है और 81वीं बार भी वो बलात्कार ही होता है।" खेमका ने कहा था - "हर तबादले के बाद कुछ खोने का सा अहसास होता है। लगता है हार गया हूं लेकिन फिर लगता है कि मैं सिर्फ़ स्वयं से हार सकता हूं। शुरू में बुरा लगता है लेकिन फिर ज़िंदगी अपनी रफ़्तार पर लौट आती है। मेरे तबादले का निश्चित रूप से एक कारण है और वो कारण भ्रष्ट है।" खेमका ने कहा था कि सरकार से ये सवाल पूछा जाना चाहिए कि मेरा तबादला प्रशासनिक हित में हुआ है या निजी स्वार्थ में।

रॉबर्ट वाड्रा केस

खेमका साल 2012 में सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के ज़मीनी सौदे रद्द करने के बाद चर्चा में आए थे। उस समय हरियाणा में और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।

Shashi kant gautam

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