7 विधायकों ने छोड़ा अजित पवार का साथ, इस पार्टी का थामा हाथ, सियासत में मचा हंगामा

अजित पवार के साथ 7 विधायकों ने किया साथ छोड़, सत्ताधारी NDPP का थामा हाथ। नागालैंड की राजनीति में मचा हंगामा और सियासी तहलका। जानिए पूरी खबर।

Harsh Sharma
Published on: 1 Jun 2025 2:44 PM IST (Updated on: 1 Jun 2025 2:55 PM IST)
Ajit pawar NCP
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Ajit pawar NCP 

नागालैंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सातों विधायक शनिवार को सत्ताधारी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) में शामिल हो गए। इससे मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की पार्टी को 60 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत मिल गया। इस विलय के बाद NDPP के विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 32 हो गई है। पिछले कुछ समय से NCP में फूट थी और नागालैंड की NCP इकाई ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट का समर्थन किया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में NDPP और उसकी सहयोगी भाजपा के बाद NCP तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जिसने कुल 12 सीटें जीती थीं।

सातों विधायकों ने स्वयं जाकर अपने विलय के औपचारिक पत्र सौंपे

विधानसभा अध्यक्ष शारिंगैन लोंगकुमेर ने आदेश जारी करते हुए बताया कि सातों विधायकों ने स्वयं जाकर अपने विलय के औपचारिक पत्र सौंपे। उन्होंने कहा कि यह विलय संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत वैध है और इसे मंजूरी दे दी गई है। विधानसभा सचिवालय को पार्टी सदस्यता के रिकॉर्ड को अपडेट करने का निर्देश भी दिया गया है।

राज्य सरकार के मंत्री के जी केन्ये ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आज शाम 7 NCP विधायक विधानसभा अध्यक्ष को अपना विलय पत्र सौंपकर NDPP में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से मुख्यमंत्री और सरकार का कामकाज और मजबूत होगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या इस विलय से सत्ताधारी गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे पर असर पड़ेगा, तो उन्होंने कहा कि कोई स्थायी फॉर्मूला नहीं है।

नागालैंड में सत्ताधारी गठबंधन और मजबूत हो गया

अजित पवार के साथ 7 विधायकों ने किया साथ छोड़, सत्ताधारी NDPP का थामा हाथ। नागालैंड की राजनीति में मचा हंगामा और सियासी तहलका। जानिए पूरी खबर।नागालैंड विधानसभा में अब NDPP के 32, भाजपा के 12, नेशनल पॉपुलर पार्टी (NPP) के 5, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP), नगा पीपुल्स फ्रंट और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के दो-दो, जद(यू) के एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। इस दौरान NCP के नेताओं से संपर्क नहीं हो सका। इस विलय के बाद नागालैंड में सत्ताधारी गठबंधन और मजबूत हो गया है, जिससे मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की सरकार को स्थिरता और मजबूती मिली है।

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