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आदित्य ठाकरे ने नोटबंदी के इरादे को बताया संदिग्ध
मुंबई: शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा है कि नोटबंदी के बाद पूरे साल वृद्धि दर नीचे रहने के कारण ऐसा लगता है कि नोटबंदी का इरादा संदिग्ध रहा है।
गौरतलब है कि शिवसेना ने नोटबंदी के क्रियान्वयन का विरोध किया था, लेकिन नोटबंदी की मंशा का विरोध नहीं किया था।
महाराष्ट्र सरकार के तीसरी वर्षगांठ के मौके पर एनडीटीवी के लिए एक ब्लॉग में शिवसेना के युवा नेता ने लिखा है कि नोटबंदी के दानव ने जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि गिरा दी, जबकि लाखों नौकरियां खत्म हो गईं, व्यापार बंद हो गए, जाली नोट, आतंकवाद व काला धन के अलावा सभी चीजों में गिरावट आई। नोटबंदी के कदम को उठाने के लिए कालाधन, आतंकवाद व जाली नोट काल्पनिक कारणों में से थे।
यह पहली बार है कि शिवसेना एक अलग मंच से राजग पर हमला कर रही है। शिवसेना अपने दैनिक 'सामना' व 'दोपहर का सामना' में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की आलोचना करती रही है।
केंद्र की राजग सरकार के जश्न मनाए जाने के कदम पर अपना सख्त रवैया दिखाते हुए उन्होंने लिखा, "नोटबंदी असफल रही। यह उन सभी लोगों की उम्मीदों पर विफल रही, जो देश के लिए कभी खत्म नहीं होने वाली कतारों में खड़े रहे।"
उन्होंने कहा, "अब, यहां तक कि इसकी मंशा भी संदिग्ध लगती है।" उन्होंने दो टूक कहा, "इस पर जितना कम कहा जाए, उतना ही बेहतर है।"
आदित्य ठाकरे ने भाजपा-शिवसेना राज्य सरकार के प्रदर्शन को मिला-जुला बताया। उन्होंने कहा कि सहयोगी होने के बावजूद शिवसेना को सन्निहित विपक्ष की भूमिका निभाने को बाध्य किया गया है, शिवसेना केंद्र व महाराष्ट्र में दोहरी भूमिका निभा रही है।
आदित्य ठाकरे (27) युवा सेना (शिवसेना की युवा शाखा) का नेतृत्व करते हैं। आदित्य ने कहा कि सरकार लोगों की समस्याओं को लेकर बहरी हो गई है और राजग में कोई समन्वय नहीं है।
--आईएएनएस
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