TRENDING TAGS :
कश्मीर पर UNSC में भारत की दो टूक, जेहाद के नाम पर आतंक फैला रहा है पाकिस्तान
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों के बीच कश्मीर मुद्दे पर शुक्रवार को अनौपचारिक बैठक हुई। यह बैठक बंद दरवाजे में हुई। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत अकबरुद्दीन ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है।
वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों के बीच कश्मीर मुद्दे पर शुक्रवार को अनौपचारिक बैठक हुई। यह बैठक बंद दरवाजे में हुई। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत अकबरुद्दीन ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर पर लिए गए फैसले से बाहरी लोगों को कोई मतलब नहीं होना चाहिए। अकबरुद्दीन ने कहा कि जेहाद के नाम पर पाकिस्तान हिंसा फैला रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपनी नीति पर हमेशा की तरह कायम हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अपनी नीति पर हमेशा की तरह कायम है। अकबरुद्दीन ने कहा कि सभी मसले बातचीत से सुलझाए जाएंगे। हिंसा किसी भी मसले का हल नहीं है। साथ ही अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाना बंद करना होगा।
यह भी पढ़ें…जानिए कौन होगा टीम इंडिया का मुख्य कोच, सीएसी ने किया ऐलान
उन्होंने कहा कि इसका कोई अंतरराष्ट्रीय असर नहीं है। सरकार और संसद द्वारा लिया गया फैसला कश्मीर के बेहतर विकास के लिए है। अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान को भी लताड़ लगाते हुए कहा कि वह जेहाद और हिंसा भड़का रहा है। बता दें कि इस मामले पर रूस समेत कई देश कह चुके हैं कि यह भारत का आंतरिक मामला है।
अकबरुद्दीन ने कहा कि आज सुबह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने सामान्य हालात के लिए कई उपायों की घोषणा की। आज अनौपचारिक चर्चा में सदस्य देशों ने इसकी सराहना की। कश्मीर में एहतियात के तौर पर कुछ उपाय किए गए थे, ताकि आतंकवादी गड़बड़ी ना कर सकतें।
यह भी पढ़ें…बिहार: इस विधायक के घर से मिली AK-47 और बम, जांच के लिए NIA की टीम रवाना
उन्होंने कहा कि सभी प्रतिबंध धीरे-धीरे हटाएंगे। यह आतंरिक मामला है और इसका अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम उन सभी समझौते पर कायम रहेंगे जो इन मुद्दों पर हमने किए हैं।
भारत के प्रतिनिधि ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक देश जेहाद का इस्तेमाल कर रहा है और हिंसा भड़काई जा रही है। हिंसा किसी किसी मुद्दे का समाधान नहीं है। भारत पाकिस्तान या दुनिया के किसी भी मुद्दे का हल बातचीत ही है। भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में समझौता हुआ और हम उस पर कायम हैं। हम उम्मीद करते हैं पाकिस्तान भी इस पर कायम रहेगा।
यह भी पढ़ें…भाजपा राज में हत्या प्रदेश बना उत्तर प्रदेश: अखिलेश यादव
रूस ने कहा, 'हम दोस्त हैं और भारत-पाकिस्तान दोनों हमारे अच्छे पार्टनर्स हैं। हमारा कोई छुपा हुआ एजेंडा नहीं है। इसलिए उनके बीच सुलह और अच्छे रिश्ते के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली के साथ खुले दिल से बात करते रहेंगे।'
इस चर्चा को लेकर पाकिस्तान बेहद उत्साहित और आशान्वित था तो भारत ने इसे बहुत तवज्जो नहीं दी। भारत की बेफिक्री का कारण यह है कि हाल के वर्षों में इस तरह की अनौपचारिक चर्चा का चलन बढ़ गया है जिनमें सुरक्षा परिषद के सदस्य बंद कमरे में बातचीत करते हैं और इनकी कोई जानकारी बाहर नहीं आती है। भारत के बेफिक्री के अन्य प्रमुख कारण रूस का चीन-पाकिस्तान के विरोध में मजबूती के साथ खड़ा होना और अमेरिका के साथ-साथ खुद संयुक्त राष्ट्र की इस मामले के प्रति खास दिलचस्पी का नहीं होना है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!