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Char Dham Yatra: आज से शुरू हुई आस्था की पवित्र यात्रा, शुभ मूहुर्त में खुले कपाट
Char Dham Yatra: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक शुद्धि प्रदान करती है, बल्कि इसे करने से जीवन के सारे पाप कट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Char Dham Yatra: उत्तराखंड के पवित्र हिमालयी धामों की यात्रा, जिसे चारधाम यात्रा कहा जाता है, आज से आरंभ हो गई है। सनातन धर्म में अत्यंत पावन माने जाने वाली इस तीर्थयात्रा की शुरुआत हर वर्ष की तरह इस बार भी यमुनोत्री धाम से हुई। अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर हजारों श्रद्धालु देश-विदेश से इन चार धामों के दर्शन हेतु उत्तराखंड पहुंचे हैं।
चारधाम यात्रा के अंतर्गत चार प्रमुख तीर्थस्थल यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन चारों स्थलों का संबंध अलग-अलग देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। यमुनोत्री को यमुना नदी का उद्गम स्थल माना जाता है, वहीं गंगोत्री गंगा नदी की उत्पत्ति से जुड़ा है। केदारनाथ भगवान शिव का निवास स्थल माना गया है, जबकि बद्रीनाथ भगवान विष्णु के आठवें बैकुंठ के रूप में पूजित है।ऐसा माना जाता है कि चारधाम यात्रा की परंपरा आदिगुरु शंकराचार्य ने लगभग 1200 वर्ष पहले प्रारंभ की थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक शुद्धि प्रदान करती है, बल्कि इसे करने से जीवन के सारे पाप कट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
खुल गए कपाट
आज यानी बुधवार सुबह 10:30 बजे गंगोत्री धाम के कपाट विधिवत पूजा-अर्चना के साथ खोले गए, जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट 11:55 बजे भक्तों के दर्शन हेतु खुले। इसके साथ ही 2025 की चारधाम यात्रा का औपचारिक शुभारंभ हो गया।
केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 2 मई को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। अक्षय तृतीया को एक अत्यंत शुभ मुहूर्त माना जाता है, इसीलिए इसी दिन से यात्रा की शुरुआत की जाती है।
सरकार ने किए व्यापक इंतजाम
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने यात्रा के सफल संचालन के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं। तीर्थयात्रियों से अपील की गई है कि वे निर्धारित नियमों का पालन करते हुए सुरक्षित और अनुशासित यात्रा करें