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शानदार ! इन एंबुलेंस कर्मियों ने जैसा किया, वो करने की हम सोच भी नहीं सकते
रायपुर : हम आपको जो बताने वाले हैं, उसे पढ़ आपको भी इन एंबुलेंस कर्मियों पर गर्व महसूस होगा। बड़े बड़े शहरों में हमें भले ही कुछ मिनटों में अच्छी से अच्छी मेडिकल सर्विस मिल जाए। लेकिन देश का बहुत बड़ा तबका ऐसा भी है जो अभी भी छोटी छोटी मेडिकल सर्विस के लिए तरस रहा है। लेकिन हमारे ऐसे साथी पूरी शिद्दत से उन्हें वो सब मुहैया कराने का प्रयास करते हैं, जिसपर उनका भी हक है।
जानिए क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के मर्दापाल के ओलेझरपारा कांगा की रहने वाली जयंती बाई यादव (25) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। गरीब घर वालों ने 102 नंबर पर फोन लगाकर महतारी एक्सप्रेस को सूचना दे दी। मर्दापाल से एम्बुलेंस लेकर चालक प्रकाश सिंह और आपातकालीन तकनीशियन अजयकुमार निर्मल रवाना हुए।
सामने ही एक नाला था, पार जाना लगभग असंभव था। ऐसे में एंबुलेंस कर्मियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए नाले के किनारे गाड़ी रोककर पैदल ऊबड-खाबड़ रास्ते पर 3 किलोमीटर का सफर तय किया और ओलेझरपारा गांव पहुंच गए। वहां से कुर्सी पर प्रसूता महिला को बैठाकर उसे रस्सियों के सहारे बांस में बांधा और कंधे पर लादकर पैदल ही एम्बुलेंस की ओर निकल पड़े।
यह जानकारी बुधवार को मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव मोतीराम चंद्रवंशी ने दी। उन्होंने कहा कि जयंती बाई को मर्दापाल स्थित स्वास्थ्य केन्द्र ले जाकर डिलीवरी कराई गई, जिसमें मां और बच्चे दोनों ही स्वस्थ हैं।
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