'मसूद' को आतंकी घोषित कराने में चीन अटका रहा रोड़ा, कहा- UN में सभी पक्ष सहमत नहीं

Aditya Mishra
Published on: 29 Sept 2018 6:34 PM IST
मसूद को आतंकी घोषित कराने में चीन अटका रहा रोड़ा, कहा- UN में सभी पक्ष सहमत नहीं
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वॉशिंगटन: दुनिया भर में सबसे ज्यादा कुख्यात माने जाने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयासों की राह में चीन लगातार रोड़ा अटकाने का प्रयास कर रहा है। उसने भारत की खिलाफत करते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के साथ-साथ सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच आम राय नहीं बन पा रही है।

बता दे कि अजहर साल 2016 में कश्मीर के उड़ी सैन्य अड्डे पर हमले समेत भारत में कई आतंकवादी हमलों का आरोपी है। उरी हमले में भारत के 17 जवान शहीद हो गए थे।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार रखने वाला स्थायी सदस्य चीन सुरक्षा परिषद की अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयासों को लगातार फेल करने की कोशिशें कर रहा है। भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का समर्थन हासिल है। गौरतलब है कि जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना अजहर ने की थी और इस संगठन को पहले ही संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में रखा गया है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशन्स के एक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में कहा, 'अगर सभी पक्ष आम सहमति पर पहुंच जाते हैं तो हम इसका समर्थन करेंगे लेकिन जो भी पक्ष इससे सीधे संबंधित हैं, वे आम राय पर नहीं पहुंच पा रहे जैसे भारत और पाकिस्तान की आम राय नहीं है।' उन्होंने कहा कि अगर प्रत्यक्ष रूप से संबंधित पक्ष आम राय बनाने में सक्षम हैं तो हम एक साथ मिलकर यह प्रक्रिया आगे बढ़ा पाएंगे। यी ने कहा, 'हम सोचते हैं कि यह आगे बढ़ने का बेहतर तरीका है और हम इस मुद्दे पर भारत के साथ करीबी संपर्क बनाए रखेंगे। हमें जल्द ही आम सहमति पर पहुंचने की उम्मीद है और हम एक साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में योगदान दे सकते हैं।'

चीन के विदेश मंत्री ने कहा, 'ठोस तथ्य और सबूत होने चाहिए। अगर ठोस सबूत हैं तो कोई झुठला नहीं सकता। मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान ऐसा करेगा।' उन्होंने 'आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई' के लिए पाकिस्तान की तारीफ भी की। यी ने कहा, 'चीन आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ है। हम आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान के प्रयासों में उसका समर्थन करते हैं। वर्षों पहले अमेरिका के अनुरोध पर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अल-कायदा के खिलाफ लड़ाई में भाग लिया था। उसने इसके लिए भारी कीमत चुकाई और बड़ा योगदान दिया। हमें लगता है कि उसने (पाकिस्तान ने) जो किया उस पर निष्पक्ष फैसला होना चाहिए।'

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