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जम्मू-कश्मीर के रामबन में बादल फटा: भारी बारिश से मचाई तबाही, 7 मौतें और कई घर मलबे में दबे
Cloudburst in Ramban: रामबन में बादल फटने से तबाही, 7 की मौत, कई घर मलबे में दबे।
Cloudburst in Ramban
Cloudburst in Ramban: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के राजगढ़ क्षेत्र में भारी बारिश और ऊपरी इलाकों में बादल फटने से अचानक बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। इस घटना में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है और 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं।स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, कई मकान बाढ़ के तेज बहाव में क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें कुछ पूरी तरह पानी में बह गए। हालात बिगड़ते देख तुरंत राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। रेस्क्यू टीमें लापता लोगों की तलाश में लगातार खोजबीन कर रही हैं। साथ ही प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।अधिकारियों का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बचाव दल भी भेजे जाएंगे। वहीं लगातार हो रही बारिश से नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है, जिसको देखते हुए प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
अगस्त 2025 में जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी तबाही देखने को मिली। इस महीने प्रदेश में लगातार फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिनसे खासतौर पर जम्मू क्षेत्र प्रभावित रहा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले हफ्ते की भीषण बारिश ने जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी और डोडा जिलों में भारी नुकसान किया। इन घटनाओं में अब तक 36 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। केवल रियासी और डोडा जिलों में ही कम से कम 9 लोगों की जान गई।भारी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन हुआ, नदियों का जलस्तर बढ़ गया और कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।
इसके पहले, 14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चिशोटी गांव में बादल फटने की घटना हुई थी। यह इलाका माता वैष्णो देवी यात्रा के रास्ते में आता है और समुद्र तल से लगभग 9,000 फीट ऊंचाई पर बसा है। इस क्लाउडबर्स्ट में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल और लापता बताए गए। तेज फ्लैश फ्लड ने श्रद्धालुओं के कैंप, मकान और पुल बहा दिए। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इलाके में सामान्य बारिश ही हुई थी, लेकिन अचानक क्लाउडबर्स्ट की वजह से सीमित क्षेत्र में भारी पानी का सैलाब आ गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, जब किसी छोटे क्षेत्र में (लगभग 20–30 वर्ग किलोमीटर) एक घंटे में 10 सेंटीमीटर या उससे ज्यादा बारिश होती है, तो इसे क्लाउडबर्स्ट कहते हैं। यह घटना ज्यादा तर पहाड़ी इलाकों में होती है।
क्या है क्लाउडबर्स्ट
मॉनसून की नमी से भरी हवाएं जब पहाड़ों से टकराकर ऊपर उठती हैं, तो ठंडी होकर घने बादल बनाती हैं। जब इन बादलों में पानी का भार बहुत ज्यादा हो जाता है, तो यह अचानक भारी बारिश के रूप में जमीन पर गिरता है। इस अचानक और तेज बारिश से मिनटों में फ्लैश फ्लड, भूस्खलन और मडफ्लो जैसी गंभीर स्थितियां बन जाती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से ऐसे क्लाउडबर्स्ट की घटनाएं अब पहले से ज्यादा और ज्यादा तीव्र हो रही हैं।
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