नीतीश के हाथों से चली जाएगी बिहार की सत्ता! राहुल-तेजस्वी की जोड़ी कर दिखाएगी कमाल

Bihar Politics: गठबंधन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू के लिए गंभीर राजनीतिक चुनौती बन सकता है।

Snigdha Singh
Published on: 17 April 2025 3:47 PM IST
नीतीश के हाथों से चली जाएगी बिहार की सत्ता! राहुल-तेजस्वी की जोड़ी कर दिखाएगी कमाल
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Bihar Politics: बिहार की सियासत एक बार फिर करवट लेने को तैयार है। आगामी 2025 विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र महागठबंधन (Grand Alliance) का दायरा पहले से बड़ा हो सकता है। वर्ष 2020 के चुनाव में जहां पांच दल—राजद, कांग्रेस, और तीन वामपंथी दल (भाकपा, माकपा, माले) साथ थे, वहीं इस बार संभावित तौर पर सात राजनीतिक दलों की साझेदारी देखने को मिल सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और रालोजपा भी महागठबंधन में शामिल हो सकती हैं। VIP पहले ही 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के साथ थी, जहां राजद ने अपने कोटे से तीन सीटें देकर उसे शामिल किया था। हालांकि, यदि ये दोनों दल गठबंधन में शामिल होते हैं, तो सीट बंटवारे में नए संतुलन की आवश्यकता होगी, जिससे मौजूदा सहयोगी दलों को कुछ सीटों की कुर्बानी देनी पड़ सकती है। अगर राजद और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर मैदान में उतरते हैं, तो यह गठबंधन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू के लिए गंभीर राजनीतिक चुनौती बन सकता है।

पिछले चुनावों के आंकड़े इस संभावना को बल देते हैं कि विपक्षी दलों का यह साझा मोर्चा मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन को बहुमत से बाहर कर सकता है। विशेष रूप से राजद की मजबूत पकड़ और कांग्रेस की निरंतर वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी, नीतीश कुमार की स्थिति को कमजोर करती नजर आ रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह गठजोड़ अपने वोट बैंक को एकजुट रखने में कामयाब रहा, तो नीतीश सरकार की कुर्सी पर संकट आ सकता है।

चुनाव दर चुनाव प्रदर्शन में बदलाव: 2015 बनाम 2020

वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़े थे। उस समय राजद ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा और 81 पर जीत दर्ज की—करीब 80% स्ट्राइक रेट रहा। वहीं कांग्रेस ने 41 में से 27 सीटें जीतकर 65% स्ट्राइक रेट हासिल किया था।

इसके विपरीत, 2020 के चुनाव में जदयू एनडीए के साथ चला गया और महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वामदल रह गए। इस बार राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 पर जीत दर्ज की—इसका स्ट्राइक रेट घटकर 52% रह गया। वहीं कांग्रेस 70 में से सिर्फ 19 सीटें जीत सकी—स्ट्राइक रेट गिरकर 27% तक पहुंच गया।

वोट प्रतिशत में भी दिखा बदलाव

राजद का वोट प्रतिशत जहां 2015 में 18.35% था, वहीं 2020 में यह बढ़कर 23.11% हो गया। यानी करीब 5 प्रतिशत की बढ़त। कांग्रेस ने भी 2015 में 6.7% वोट पाए थे, जो 2020 में बढ़कर 9.48% हो गए—करीब 3 प्रतिशत की वृद्धि।

विधानसभा की स्थिति: कौन कहां खड़ा है?

पार्टी - सीटें

राजद - 79

भाजपा - 78

जेडीयू - 45

कांग्रेस - 19

सीपीआई (एमएल) - 12

सीपीआई - 2

माकपा - 2

AIMIM (मजलिस) - 1

हम (हमारा दल) - 4

निर्दलीय - 1

नीतीश कुमार की 'यू-टर्न' पॉलिटिक्स और जेडीयू की गिरती साख

बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की दल-बदल नीति ने भले ही उन्हें बार-बार मुख्यमंत्री की कुर्सी दिलाई हो, लेकिन जनविश्वास में भारी गिरावट देखी गई है। जनता दल (यूनाइटेड) की सीटों में लगातार गिरावट दर्ज हुई है। 2010 में 115 सीटें, 2015 में 71, और 2020 में महज 45 सीटों पर सिमट गई पार्टी। इसकी तुलना में राजद ने 2020 में सबसे अधिक 79 सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं भाजपा भी करीब रही—78 सीटों के साथ।

Snigdha Singh

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Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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